CG Mining Raid: रेत व खनिज माफियाओं पर ताबड़तोड़ कार्रवाई, शिकंजा कसने खुद फिल्ड पर उतरे कलेक्टर, एसएसपी
छत्तीसगढ़ में यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। कलेक्टर संजय अग्रवाल व एसएसपी रजनेश सिंह मौके पर उतरकर खनिज माफियाओं के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई करा रहे हैं। नदियों से रेत की खोदाई और परिवहन पर अब सीधेतौर पर अंकुश लगाने के साथ ही माफियाओं पर कार्रवाई की जा रही है। जगह-जगह डंप किए गए रेत की जब्ती बनाने के अलावा परिवहन में शामिल वाहनों की भी जब्ती बनाई जा रही है।

CG Mining Raid
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशों का असर प्रभावी रूप से दिखाई दे रहा है। खनिज खासकर रेत माफियाओं पर सीधी कार्रवाई करने कलेक्टर संजय अग्रवाल और एसएसपी रजनेश सिंह मौके पर ना केवल जा रहे हैं साथ ही अपनी निगरानी में कार्रवाई को अंजाम तक पहुंचा भी रहे हैं। बारिश के दिनों में रेत की कालाबाजारी की फिराक में माफियाओं ने जगह-जगह रेत डंप कर दिया है। डंप किए गए रेत की सीधी जब्ती बनाई जा रही है। रेत की अवैध खोदाई के बाद परिवहन में शामिल वाहनों की जब्ती बनाई जा रही है।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में अवैध रेत उत्खनन, परिवहन एवं भंडारण के विरुद्ध सघन और सुनियोजित कार्रवाई की जा रही है। बीते पांच दिनों में जिले भर में कुल 86 मामलों में कार्रवाई की गई, 31 प्रकरणों में भारतीय न्याय संहिता (BNS) और खनिज अधिनियम की धाराओं के तहत आपराधिक मुकदमे दर्ज किए गए हैं और शेष 55 मामलों में BNSS की धारा 106 के अंतर्गत जब्ती की कार्यवाही कर माइनिंग विभाग को प्रतिवेदन भेजा गया है, जिसकी जांच रिपोर्ट प्राप्त होने पर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी। इन प्रकरणों में खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 4(1), 4(1)(A) एवं 21, और भारतीय न्याय संहिता की धारा 303(2) तथा 3(5) के तहत अपराध पंजीबद्ध किए गए हैं। यह कार्रवाई माइनिंग विभाग द्वारा विभिन्न थानों में की गई है।
इस पूरे अभियान की खास बात ये कि इसकी निगरानी स्वयं कलेक्टर संजय अग्रवाल (भाप्रसे) एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह (भापुसे) कर रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारियों ने फील्ड से लगातार स्थिति की रिपोर्ट ली और स्पष्ट निर्देश दिए कि अवैध खनन से जुड़े किसी भी व्यक्ति या नेटवर्क को बख्शा न जाए।
पुलिस व राजस्व की साझा टीम-
संयुक्त कार्रवाई में एसडीएम, एसडीओपी, सीएसपी, तहसीलदार, थाना प्रभारी एवं माइनिंग इंस्पेक्टर सहित विभागीय अमले ने सक्रिय भागीदारी निभाई। कई स्थानों पर छापेमारी कर अवैध रेत का भंडारण और परिवहन कर रहे वाहनों को जब्त किया गया, जिनमें 46 ट्रैक्टर, 14 हाईवा सहित 2 जेसीबी और 1 चेन माउंटेड पोकलेन जैसे भारी वाहन सम्मिलित हैं। पूरी कार्यवाही में जब्त रेत की अनुमानित मात्रा लगभग 500 टन है।
ये कहना है कलेक्टर व एसएसपी का-
इस कार्रवाई के पीछे प्रशासन की दोहरी प्राथमिकता थी, एक ओर राजस्व एवं खनिज संसाधनों की रक्षा और दूसरी ओर पर्यावरणीय असंतुलन को रोकना। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि “बिलासपुर में अवैध रेत खनन अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कार्रवाई सतत रूप से जारी रहेगी और तकनीकी निगरानी भी लागू की जाएगी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने कहना कि “पुलिस विभाग माइनिंग और राजस्व विभाग के साथ समन्वय कर अवैध गतिविधियों पर कठोर कार्यवाही कर रहा है। किसी भी दबाव या सिफारिश को दरकिनार करते हुए, दोषियों पर कानून के तहत सख्त एक्शन लिया जाएगा।”
इस अभियान का जमीनी प्रभाव भी स्पष्ट रूप से देखा गया है पहले जहां खुलेआम रेत खनन और डंपिंग होती थी, अब वहां शांति है। अवैध रेत कारोबारियों में भय और चेतावनी का माहौल बना है। स्थानीय नागरिकों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है और प्रशासन को पूर्ण सहयोग देने की बात कही है।
अब ड्रोन से करेंगे निगरानी, होगी कार्रवाई-
प्रशासन ने माफियाओं पर सीधेतौर पर अंकुश लगाने के लिए ड्रोन सर्वे जैसे उपायों के माध्यम से निगरानी करने का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त, आमजन से अपील की गई है कि वे किसी भी अवैध रेत गतिविधि की जानकारी प्रशासन को तुरंत उपलब्ध कराएं, आपकी जानकारी पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी। पुलिस के द्वारा रेत माफियाओं के ख़िलाफ़ 31 से अधिक FIR और 86 गाड़ियां जब्त कर कार्यवाही की गई है । पुलिस अब प्रकरनों में शीघ्र विवेचना पूर्ण कर न्यायालय में चालान पेश करने की तैयारी में है
ये आया इम्पैक्ट-
31 प्रकरणों में आपराधिक प्रकरण दर्ज, शेष 55 मामलों में प्रतिवेदन माइनिंग विभाग को प्रेषित।
खनिज अधिनियम एवं भारतीय न्याय संहिता के अंतर्गत विधिसंगत कठोर कार्रवाई।
जिला प्रशासन की त्वरित कार्यवाही से अवैध रेत गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण।
वरिष्ठ अधिकारियों की प्रत्यक्ष निगरानी में चला समन्वित प्रभावी अभियान।
ड्रोन सर्वे और तकनीकी निगरानी के माध्यम से खनन क्षेत्रों की सतत निगरानी की योजना।
जन सहयोग से अवैध खनन की रोकथाम में आया सकारात्मक बदलाव।
