Chhattisgarh News: CG में BJP की सोशल इंजीनियरिंग: रामदत्त लेंगे सर्व समाज की बैठक, छुआछूत पर भी होगी बात, जानिए कौन हैं रामदत्त...
Chhattisgarh News: रायपुर में छत्तीसगढ़ के सभी समाज प्रमुखों को एक सामाजिक संगठन के जरिए बैठक में आमंत्रित किया गया है। इस बैठक को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सर कार्यवाह रामदत्त चक्रधर 19 सितंबर को संबोधित करने जा रहे हैं।

Chhattisgarh News: रायपुर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सौ साल पूरे होने पर कई तरह के काम किए जा रहे हैं। इनमें से एक सामाजिक समरसता बढ़ाना प्रमुख है। इसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ में सभी समाजों के बीच खाई को पाटना और छुआछूत जैसी कुप्रथा को समाप्त करना है। इसके लिए सामाजिक संगठनों को एक बैनर तले लाकर समरसता को बढ़ावा देने का प्रयास संघ द्वारा किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ के सभी समाज के प्रमुखों को 19 सितंबर को रायपुर बुलाया गया है। इस बैठक में सामाजिक ताने- बाने पर चर्चा की जाएगी और समाज में भेदभाव को खत्म करने की दिशा में बात की जाएगी। संघ ने हमेशा हिंदुत्व पर जोर दिया है, मगर दूसरे धर्म का सम्मान करने का भी संदेश दिया है। संघ ने सौ साल पूरे होने पर सामाजिक समरसता सहित पांच कामों को लक्ष्य बनाया है। इनमें स्वच्छता, पौधरोपण, रक्तदान शामिल है। सामाजिक संगठनों की बैठक में भाग लेने आ रहे संघ के सह सर कार्यवाह रामदत्त छत्तीसगढ़ के प्रांत संचालक रह चुके हैं। इस कारण वे राज्य की भौगोलिक स्थितियों के अलावा इलाकों के समाज की संस्कृति और प्रथा से भली-भांति परिचित हैं। माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के पिछड़े और दूरस्थ इलाकों में कहीं- कहीं पर चल रही छुआछूत की प्रथा को पूरी तरह खत्म करने का संदेश देंगे। समाज प्रमुखों से कहा जाएगा कि वे शिक्षा के प्रसार के साथ अपने समाज को हर उस बात के लिए जागरुक करें, जो समाज को विकास की दिशा दिखाए।
पाटन के छोटे से गांव के रामदत्त.. जानिए कौन हैं
सामाजिक समरसता पर बैठक लेने वाले रामदत्त चक्रधर कौन हैं, यह भी जान लें। छत्तीसगढ़ के दुर्ग की पाटन तहसील के छोटे से गांव सोनपुर के निवासी रामदत्त इस वक्त स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह हैं। स्पष्ट शब्दों में कहें तो वे संघ के सर्वोच्च सात पदाधिकारियों में से एक हैं। किसान परिवार में जन्मे रामदत्त की प्रारंभिक शिक्षा इसी गांव से हुई है। बारिश में नाले को पार कर स्कूल जाते थे। स्कूल के बाद की पढ़ाई राजनांदगांव से पूरी की थी और वहां पीजी में गणित में स्वर्ण पदक मिला था। इसके बाद उन्होंने सेवा को चुना और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गए। रायपुर महानगर के प्रचारक और फिर दुर्ग विभाग के प्रचारक बनाए गए। इसके बाद छत्तीसगढ़ के सह प्रांत प्रचारक से प्रांत प्रचारक तक का सफर तय किया। यहां से उन्हें मध्य क्षेत्र याने मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के प्रचारक का दायित्व दिया गया था। यहां के बाद झारखंड के क्षेत्र प्रचारक बनाए गए। ज्ञात हो कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में सरसंघचालक का पद सर्वोच्च होता हे, जिस पर अभी डॉ. मोहन भागवत हैं। उनके बाद सर कार्यवाह के रूप में दत्तात्रय होसबले हैं। तीसरे नंबर पर सह सर कार्यवाह होता है जिस पर रामदत्त चक्रधर के साथ डॉ.कृष्ण गोपाल, डॉ. मनमोहन वैद्य, मुकुंद, अरुण कुमार भी हैं। संघ के हर मामले में सरसंघचालक के साथ सह सरकार्यवाह की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इससे रामदत्त के कद को समझा जा सकता है।
