CG Medical College: हॉस्टल की सुविधा ना मिलने से मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स हुए परेशान, सीएम को पत्र लिखकर सुविधा उपलब्ध कराने की मांग
पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर के एक हजार 41 मेडिकल स्टूडेंट्स हास्टल ना मिलने के कारण किराए के मकान में रह रहे हैं। मेडिकल स्टूडेंट्स ने पहले डीन को पत्र लिखकर अपनी दिक्कतें बताई। डीन के स्तर पर कार्रवाई ना होने पर भावी डाक्टरों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर हॉस्टल की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है। मेडिकल स्टूडेंट्स का कहना है कि जब तक हास्टल की सुविधा नहीं मिल जाती तब तक किराया भत्ता Hostel Rent Allowance दिया जाए।

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रायपुर। पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर के एक हजार 41 मेडिकल स्टूडेंट्स की परेशानी कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। हॉस्टल की सुविधा ना मिलने के कारण मजबूरीवश इनको शहर में किराए के मकान में रहना पड़ रहा है। मकान का किराया भी इतना अधिक है कि आर्थिक दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है। विंडबना ये कि छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के 25 साल बाद भी मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए एक सर्वसुविधायुक्त हास्टल का निर्माण नहीं हो पाया है।
किराए के मकान में रहने वाले मेडिकल कालेज के छात्रों की दिक्कतें कुछ ज्यादा ही बढ़ती जा रही है। दिक्कतों को देखते हुए स्टूडेंट्स ने डीन को पत्र लिखकर हास्टल की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की थी। डीन के स्तर पर जब किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई तब मेडिकल छात्रों ने सीएम को पत्र लिखकर सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है। छात्रों ने डीन को लिखे पत्र में DME से हुई चर्चा का हवाला देते हुए लिखा है कि हॉस्टल की सुविधा उपलब्ध ना कराने की स्थिति में किराए की राशि दी जानी है। छात्रों ने डीन से किराया भत्ता Hostel Rent Allowance की भी मांग की है। मेडिकल स्टूडेंट्स को ना तो हॉस्टल मिल पा रहा है और ना ही किराया भत्ता।
मेडिकल स्टूडेंट्स ने डीन को लिखी ऐसी चिट्ठी-
हम पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर (छत्तीसगढ़) के छात्र/छात्राएं वर्तमान में महाविद्यालय के छात्रावास में स्थान उपलब्ध न होने के कारण बाहरी किराए के मकानों में निवासरत हैं। हमें यह जानकारी प्राप्त हुई है कि DME के दिशा-निर्देशों के अनुसार, छात्रावास की सुविधा उपलब्ध न होने की स्थिति में बाहरी किराए के मकानों में रह रहे विद्यार्थियों को किराया भत्ता प्रदान किया जाता है। परंतु अब तक हमें इस संबंध में किसी भी प्रकार की राशि प्राप्त नहीं हुई है।
हम सभी छात्रों को प्रतिमाह ₹8000 से ₹10000 तक किराया देना पड़ता है, साथ ही बिजली बिल का अलग से भुगतान भी करना होता है, जिससे हमारी आर्थिक स्थिति पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। अतः आपसे अनुरोध है कि किराया भत्ते के साथ-साथ विद्युत बिल की प्रतिपूर्ति भी निर्धारित मानकों के अनुसार प्रदान की जाए, जिससे हम निःसंकोच एवं सहज रूप से अपनी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
सीएम विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर बताई परेशानी-
हम पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर (छ.ग.) के MBBS के विभिन्न वर्ष के छात्र-छात्राएं हैं। हमें अत्यंत खेद के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि वर्तमान में महाविद्यालय में MBBS प्रथम वर्ष से लेकर अंतिम वर्ष तक के 1014 विद्यार्थियों को छात्रावास की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है, जिससे हम सभी शैक्षणिक, मानसिक एवं आर्थिक कठिनाइयों से गुजर रहे हैं। वर्तमान में हम महाविद्यालय के बाहर किराये के मकानों में रहने के लिए विवश हैं। हमें इन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है:
घर से कॉलेज आने-जाने में समय, ऊर्जा और धन का अत्यधिक व्यय होता है। अनेक बार समय पर कक्षाओं में पहुँचना संभव नहीं हो पाता है। स्थानीय विद्यार्थियों को भी हॉस्टल सुविधा ना मिलने से उन्हें मजबूरी में बाहर रहना पड़ता है। बाहर के कमरों का किराया ₹5000 से ₹10000 प्रति माह है, जो हम विद्यार्थियों की आर्थिक स्थिति के अनुरूप नहीं है। बिजली, पानी, सफाई, सुरक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव रहता है। लड़कियों के लिए यह स्थिति और अधिक असुरक्षित है। रिसर्च व शैक्षणिक गतिविधियों के लिए यूनिवर्सिटी गाइडलाइंस के अनुसार छात्रावास में रहना अनिवार्य होता है।
कालेज प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान-
मेडिकल स्टूडेंट्स ने सीएम को बताया है कि महाविद्यालय प्रशासन से कई बार अनुरोध के बाद भी अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं हो पाया है। इस स्थिति में हमारी पढ़ाई और मानसिक स्वास्थ्य दोनों प्रभावित हो रहा है। ऐसे में हम सभी विद्यार्थी आपसे विनम्र अनुरोध करते हैं कि MBBS विद्यार्थियों के लिए पर्याप्त संख्या में छात्रावास की व्यवस्था शीघ्र करवाई जाए। जब तक निर्माण या व्यवस्था पूरी नहीं होती, तब तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था या किराया भत्ता (Hostel Rent Allowance) प्रदान किया जाए।
