CG में मतांतरण रोकने के लिए सख्त कानून तैयार, CM विष्णुदेव बोले-विधानसभा के अगले सत्र में होगा प्रस्तुत...
CM VishnuDeo: गर कोई जबर्दस्ती या प्रलोभन देकर मतांतरण कराने की कोशिश करता है तो उस पर कार्रवाई के प्रावधान अभी भी हैं, लेकिन वर्तमान कानून कड़ा नहीं है। उसे और कड़ा बनाएंगे।
CM VishnuDeo रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि मतांतरण रोकने के लिए हमारी सरकार ने कानून तैयार कर रही है। जिसे विधानसभा के अगले सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा।
एक अखबार को दिए अपने साक्षात्कार में साय ने कहा कि कुछ ऐसी संस्थाएं प्रदेश में काम कर रही हैं, जो कि आदिवासियों को यह कहकर भ्रम में डाल रही हैं कि वह हिन्दू नहीं हैं। वह मतांतरित हो जाते हैं और मुख्य धारा से कट जाते हैं। अगर कोई जबर्दस्ती या प्रलोभन देकर मतांतरण कराने की कोशिश करता है तो उस पर कार्रवाई के प्रावधान अभी भी हैं, लेकिन वर्तमान कानून कड़ा नहीं है। उसे और कड़ा बनाएंगे। इसे पूरी तरह रोकने के लिए अगले सत्र में सख्त कानून ला रहे हैं।
उन्होंने कहा कि धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा था कि कानून लाएंगे। हमारी टीम कानून को अंतिम रूप देने में जुटी है। मतांतरण रोकने के लिए अभी प्रभावशाली तरीके से कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
कवासी लखमा के पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी पर साय ने कहा कि यह कांग्रेस की संस्कृति है। कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में हार दिख रही है। उनके नेता जिस तरह से बात कर रहे हैं, उसे देश की जनता स्वीकार नहीं करेगी। इससे कांग्रेस को लाभ नहीं होने वाला है, बल्कि इन टिप्पणियों से उनको हानि ही होगी।
कांग्रेस द्वारा जातिगत जनगणना करवाने की बात पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा हर वर्ग के लिए काम करती है। कांग्रेस सिर्फ समाज को बांटना चाहती है। कभी धर्म के नाम पर तो कभी जाति के नाम पर। ऊंच-नीच के नाम पर बंटवारे का प्रयास किया जा रहा है। मुस्लिम वर्ग के लिए भी हमारी सरकार ने पिछले वर्षों में बेहतर काम किया। मुस्लिम वर्ग की महिलाओं के लिए ट्रिपल तलाक का कानून केंद्र सरकार ने पास कर दिया। इससे महिलाओं को राहत हुई। हर वर्ग के लिए केंद्र सरकार ने काम किया है।
कांग्रेस द्वारा महिला न्याय गारंटी का फॉर्म भरवाने की बात पर सीएम साय ने कहा कि मैं तो हर भाषण में पूछ रहा हूं कि कांग्रेस की न्याय गारंटी पर विश्वास है तो जनता नकारती दिख रही है। विधानसभा चुनाव में हमने महतारी वंदन योजना फार्म भरवाए थे तो उसमें किसी प्रत्याशी का नाम नहीं था। कांग्रेस हर लोकसभा क्षेत्र में अपने प्रत्याशियों की फोटो के साथ फार्म भरवा रही है। मैं अपने भाषणों में जनता से पूछता हूं कि कांग्रेस के लोग एक-एक लाख रुपये देने के लिए फार्म भरवा रहे हैं, आपको कांग्रेस पर विश्वास है? जनता हाथ से इशारा करके कह रही है कि उन्हें विश्वास नहीं है।
नियद नेल्लानार योजना पर साय ने कहा कि हमारे बजट में भी नियद नेल्लानार योजना के लिए बजट है। केंद्र सरकार का भी सहयोग मिल रहा है। वनांचलों के कई गांवों में बिजली, पानी और सड़क की सुविधा नहीं है। उनके लिए बुनियादी सुविधा बढ़ाने के लिए यह योजना कारगर साबित हो रही है। कुछ गांव ऐसे हैं जहां के युवा भी आज बुनियादी व अत्याधुनिक सुविधाओं के बारे में नहीं जानते हैं। उनके पास मोबाइल टीवी नहीं है। सभी लोगों तक सुविधा पहुंचाने की योजना है। मुझे लगता है कि आज की जो आधुनिक सुविधा है, वह बस्तर के हर युवा तक पहुंचे। लोकसभा चुनाव के बाद इस अभियान को और तेज गति दी जाएगी।
अन्य राज्यों में चुनाव प्रचार करने की बात पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी मैंने मध्य प्रदेश और झारखंड में चुनावी सभाएं की है। महाराष्ट्र, राजस्थान, ओडिशा और तेलंगाना भी जाना है। सात मई को प्रदेश में मतदान समाप्त होने के बाद केंद्रीय नेतृत्व के दिशानिर्देश में दौरा जारी रहेगा। झारखंड में गोड्डा लोकसभा में भी गए थे। वहां रेलवे, एयरपोर्ट, हाईवे निर्माण से जनता खुश है। जनता भी बोल रही है कि विकास कार्य हुए हैं।
चुनाव प्रचार अभियान के बीच व्यस्त दिनचर्या की बात पर सीएम साय ने कहा कि सुबह छः बजे जगता हूं। सुबह नाश्ते के दौरान ही बच्चों के साथ बैठ पाते हैं। व्यस्तता के कारण योग के लिए समय नहीं निकल पा रहा है। पत्नी जब गांव से आती हैं तभी मुलाकात हो पा रही है। कई बार सभाएं ऐसे समय में रहती हैं कि भोजन करने के लिए हेलीकाप्टर में ही समय निकालना पड़ता है।
सीएम साय ने कहा कि हर दौरा रोचक और नयापन लिए होता है। लोगों से नई-नई बातें सुनने और समझने को मिलती हैं। कई बार तो समय की कमी के कारण भोजन भी संभव नहीं हो पाता। एक दिन कुछ विधायक हमारे साथ थे। टिफिन में दो लोगों के लिए भोजन था परंतु चार लोगों ने भोजन का आनंद लिया। इसी तरह एकबार तो हेलीकॉप्टर में ही भोजन की व्यवस्था कर दी गई। सोचा रास्ते में ही सभी खा लेंगे परंतु प्लेट नहीं होने के कारण भोजन रहते हुए भी नहीं खा सके।