CG Liquor Scam News: 22 एक्साइज अफसर सस्पेंड: 3200 करोड़ के शराब घोटाले में चालान पेश होने के बाद आबकारी विभाग का बड़ा एक्शन, NPG की खबर पर मुहर....
CG Liquor Scam News: शराब घोटाले के आरोप में राज्य शासन ने घोटालेबाजी आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इस संबंध में राज्य शासन ने आदेश जारी कर दिया है।

CG Liquor Scam News: रायपुर। छत्तीसगढ़ में हुए 3200 करोड़ रुपए के शराब घोटाले में ईओडब्ल्यू द्वारा वर्तमान में पदस्थ 22 आबकारी अधिकारियों समेत 29 के खिलाफ 7 जुलाई को चार्जशीट पेश करनेे के बाद राज्य शासन ने दागी अफसरों को निलंबित कर दिया है। चार्जशीट में जिन अधिकारियों के नाम हैं, उन पर आरोप है कि इन्होंने 2019 से 2023 के बीच 15 जिलों में पदस्थापना के दौरान 90 करोड़ रुपए कमीशनखोरी की है।
29 अधिकारियों ने 15 जिलों में चलाया कारोबार
शराब घोटाला करने के लिए राज्य के जिलों को 8 जोन में बांटा गया था। जोन के हिसाब से डिस्टलरी को शराब सप्लाई का काम दिया गया था। अवैध शराब की बिक्री के लिए 15 जिलों को टारगेट किया गया था। इसमें रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, रायगढ़, मुंगेली, महासमुंद, कोरबा, कवर्धा, जांजगीर-चांपा, गरियाबंद, दुर्ग, धमतरी, बेमेतरा, बलौदाबाजार और बालोद जिले को शामिल किया गया था। इन जिलों में पोस्टिंग के लिए भी खूब बोली लगाई गई। इस दौरान 15 जिलों में 29 अधिकारियों की पोस्टिंग हुई।शराब की बोतल में 32 करोड़ डुप्लीकेट होलोग्राम का उपयोग किया गया है। 2020 से 2022 तक नोएडा से प्रिज्म होलोग्राम की फैक्ट्री से 4014 पेटी डुप्लीकेट होलोग्राम रायपुर भेजा गया। इसमें 32.11 करोड़ डुप्लीकेट होलोग्राम था। फिर इस होलोग्राम को डिस्टलरी में भेजा गया, जहां बॉटलिंग हो रही थी। नवा रायपुर जीएसटी भवन के नीचे 5 करोड़ नकली होलोग्राम प्रिंट किया गया।
शराब घोटाले में जिन 29 अधिकारियों का नाम सामने आया है। उनमें से 22 अधिकारी अभी नौकरी पर हैं, जबकि 7 अधिकारी रिटायर हो गए हैं। घोटाले में शामिल एक अधिकारी की बीमारी से मौत हो चुकी है।
जांच एजेंसी की पड़ताल में यह भी खुलासा हुआ कि 2023 के विधानसभा चुनाव में आबकारी विभाग से बड़ी फंडिंग एक पार्टी को हुई। फंडिंग के लिए रकम जुटाने की जिम्मेदारी आबकारी उपायुक्त दिनकर वासनिक, नवीन प्रताप सिंह तोमर, विकास गोस्वामी, नीतू नोतानी और इकबाल खान को थी। इन अफसरों ने ही चुनाव के पहले जिलों में अपनी पसंद के अधिकारियों की पोस्टिंग कराई। फिर चुनाव फंड की वसूली की। यहां तक चुनाव में उम्मीदवारों को बांटने के लिए शराब भी उपलब्ध कराई गई। दिनकर वासनिक का नाम झारखंड शराब घोटाले में भी आया है। दिनकर आईटीएस अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी के साथ मिलकर झारखंड में शराब का पूरा कारोबार देख रहे थे। एजेंसी ने इसकी भी जांच शुरू कर दी है।
22 आबकारी अफसर अब भी नौकरी पर, 7 हो चुके हैं रिटायर
दिनकर वासनिक, अनिमेष तेनाम, विजय सेन शर्मा, इकबाल खान, नितिन खंडूजा, नवीन प्रताप सिंह तोमर, मंजुश्री कसेर, सौरभ बख्शी, अशोक सिंह, गरीबपाल दर्दी, नोहर सिंह ठाकुर, सोनल नेताम, प्रमोद नेताम, मोहित जायसवाल, रविश तिवारी, रामकृष्ण मिश्रा इसमें शामिल हैं।
