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CG Janjgir News: स्कूल छोड़ खेतों में उतरे गुरुजी: कर रहे गिरदावरी कार्य का सत्यापन, हर एक गुरुजी को मिली जिम्मेदारी

CG Janjgir News: शिक्षकों को गिरदावरी के निरीक्षण कार्य के लिए लगाया गया है। जिसके लिए शिक्षक खेतों में उतरकर गिरदावरी का भौतिक सत्यापन और निरीक्षण कर रहे हैं। वही पटवारी दफ्तर में आराम फरमा रहे हैं। पटवारियों का अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने के चलते शिक्षकों में नाराजगी देखी जा रही है।

CG Janjgir News: स्कूल छोड़ खेतों में उतरे गुरुजी: कर रहे गिरदावरी कार्य का सत्यापन, हर एक गुरुजी को मिली जिम्मेदारी
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By Radhakishan Sharma

CG Janjgir News: जांजगीर। राज्य शासन के नए आदेश के बाद अब शिक्षक खेतों में उतरकर गिरदावरी कार्य का निरीक्षण करने को मजबूर हो गए हैं। शिक्षा विभाग से जुड़े ये शिक्षक अब स्कूलों की कक्षाओं की जगह खेतों में दिखाई दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, पटवारी जिनके जिम्मे यह कार्य मूल रूप से है, वे दफ्तरों में आराम फरमा रहे हैं। इससे शिक्षकों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है। हालांकि आदेश के बारे में अफसरों का कहना है कि गिरदावरी राजस्व विभाग के द्वारा की गई है। गिरदावरी के बाद सरकार ने अन्य विभागों से गिरदावरी की जांच के निर्देश दिए हैं। जिसके लिए शिक्षकों के अलावा अन्य विभागों की भी ड्यूटी लगाई जा रही है।

दरअसल, राजस्व विभाग के गिरदावरी कार्य में इस बार शिक्षकों को भी शामिल कर लिया गया है। राजस्व विभाग के गिरदावरी कार्य के बाद इसके सत्यापन के लिए शिक्षकों को लगाया गया है। हर शिक्षक को लगभग 50-50 खसरा नंबरों की जिम्मेदारी दी गई है, जिनकी भौतिक स्थिति का परीक्षण कर रिपोर्ट अपलोड करनी है। यह कार्य शासन की मुख्यमंत्री गुणवत्ता निवारण योजना के तहत किया जा रहा है, जिसमें फसल की स्थिति, कीचड़, पानी भराव और नुकसान का विवरण दर्ज करना आवश्यक है। जिले के कई स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक इन दिनों सोशल ऑडिट के साथ-साथ गिरदावरी में भी जुटे हुए हैं। वे मोबाइल एप पर खेतों की फोटो लेकर अपलोड कर रहे हैं। स्कूलों में शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है क्योंकि शिक्षक दिनभर खेतों में माप-जोख करने में व्यस्त रहते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की उपस्थिति घट गई है, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।

दूसरे विभागों में भी लगाई गई शिक्षकों की ड्यूटी

शिक्षक संगठन से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि शासन द्वारा शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को लगातार दूसरे विभागों के काम में लगाया जा रहा है। कभी जनगणना, कभी सर्वे और अब गिरदावरी जैसे कार्यों से शिक्षक वर्ग में भारी असंतोष है। उनका कहना है कि शिक्षा विभाग की प्राथमिक जिम्मेदारी विद्यार्थियों की शिक्षा है, न कि खेतों में फसल की गणना। शिक्षक संघ ने शासन से इस निर्णय को तत्काल वापस लेने की मांग की है। उनका कहना है कि जिस समय स्कूलों में परीक्षाओं और शिक्षा गुणवत्ता सुधार की जरूरत है, उस समय शिक्षकों को खेतों में भेजना शिक्षा के प्रति उदासीनता दर्शाता है। कई शिक्षकों ने कहा कि बारिश और कीचड़ के बीच खेतों में घूमने से उनका स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है।

एप्प पर अपलोड हो रहे फोटो, पटवारी नदारद

गिरदावरी का सारा काम अब डिजिटल माध्यम से किया जा रहा है। शिक्षक खेतों की फोटो खींचकर एप पर अपलोड कर रहे हैं, जबकि कई जगह पटवारी नदारद हैं। ग्रामीणों ने भी शिकायत की है कि जब फसलों की स्थिति का सही आकलन जरूरी है, तब प्रशिक्षित पटवारियों की जगह शिक्षकों को भेजना अनुचित है।

गिरदावरी का हो रहा सत्यापन

गिरदावरी कार्य हमेशा राजस्व विभाग के द्वारा किया जाता है। पर गिरदावरी होने के बाद इसके परीक्षण और सत्यापन के लिए अन्य विभागों से करवाए जाने हेतु इस बार आदेश जारी हुआ है। जिसके तहत शिक्षकों को गिरदावरी का सत्यापन करना है। जिसके चलते शिक्षक स्कूल छोड़कर खेतों में उतरे है। शिक्षकों के साथ गिरदावरी के लिए पटवारियों को भी लगाया गया है। शिक्षकों के साथ पटवारियों को उपस्थित नहीं रहने से शिक्षक बार-बार पटवारी को मोबाइल खटका जानकारी लेने को मजबूर है।

मुंगेली में भी लगाई गई ड्यूटी

प्रदेश के अलग-अलग जिलों में गिरदावरी कार्य के निरीक्षण हेतु अन्य विभागों के साथ ही शिक्षकों की भी ड्यूटी लगाई गई है। मुंगेली जिले में गिरदावरी के सत्यापन और निरीक्षण के लिए कुल 915 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई हैं। जिनमें ग्राम पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, खाद्य निरीक्षक के साथ बड़ी संख्या में शिक्षक भी हैं।



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