CG Jagdalpur Fraud News: प्रदेश की सबसे बड़ी ऑनलाइन ठगी! NMDC को ही लगा दिया करोड़ों का चुना, 3 अधिकारी समेत SBI अधिकारी निलंबित
CG Jagdalpur Fraud News: देश के सबसे बड़े सार्वजनिक उपक्रमों में शुमार एनएमडीसी के नगरनार प्लांट में कोयला सप्लाई के नाम से सायबर ठगों की फर्जी विदेशी कंपनी ने एडवांस पेमेंट के नाम पर 120 करोड रुपए ट्रांसफर करवा लिए। ठगी का एहसास होने पर एनएमडीसी प्रबंधन ने रेंज साइबर थाने में अपराध दर्ज करवाया है। वही लापरवाही बरतने पर एनएमडीसी प्रबंधन के तीन अधिकारियों तथा एसबीआई के एक अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है।

CG Jagdalpur Fraud News: जगदलपुर। प्रदेश की सबसे बड़ी ऑनलाइन ठगी सबसे बड़े सार्वजनिक और सरकारी उपक्रम एनएमडीसी से हो गई है। अब तक आम लोगों को शिकार बना रहे सायबर ठगों ने एनएमडीसी अर्थात नेशनल मिनिरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को ही चुना लगा दिया। कोयला सप्लाई करने के नाम से साइबर ठगों ने एक विदेशी कंपनी बना एडवांस में 120 करोड़ भुगतान करने को कहा। खास बात यह है कि एनएमडीसी प्रबंधन ने 120 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर भी दिए। हालांकि यह जिस विदेशी बैंक के माध्यम से फर्जी कंपनी के खाते में जाने थे,उसने संदिग्ध ट्रांजैक्शन के आधार पर रकम को होल्ड कर दी और एनएमडीसी तथा स्टेट बैंक को इसकी जानकारी दी। जगदलपुर रेंज साइबर थाने में पूरे मामले का अपराध दर्ज किया गया है।
नेशनल मिनिरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन का स्टील प्लांट जगदलपुर के नगरनार में है। यहां एनएमडीसी को स्टील प्लांट में लोहा पिघलाने के लिए कोयले की जरूरत पड़ती है। देश के विभिन्न कोयला उत्खनन करने वाली सरकारी कंपनियों के अलावा विदेशों से भी कोयला मंगवाया जाता है। एनएमडीसी प्लांट प्रबंधन के पास एक अमेरिकी कोल कंपनी का मेल आया। जिसमें उन्होंने कोयला बेचने का प्रस्ताव रखा। मेल के माध्यम से ही सारी बातें हुई और नियम तथा शर्तें तय होने के पश्चात एनएमडीसी ने प्रस्ताव स्वीकार करते हुए कोयला खरीदने को मंजूरी दे दी।
एडवांस में मांगे 120 करोड़ रुपए
साइबर ठगों द्वारा बनाई गई अमेरिका की फर्जी कंपनी ने कोयला सप्लाई करने से पहले 120 करोड रुपए एडवांस में ट्रांसफर करने के लिए कहा। इसके लिए ईमेल के जरिए बैंक खाते की डिटेल्स दी गई। एनएमडीसी के अधिकारियों ने इतनी बड़ी राशि बिना किसी जांच और वेरिफिकेशन के ट्रांसफर भी कर दिया।
ऐसे रुका भुगतान
बस्तर के एनएमडीसी नगरनार का बैंक खाता स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में है। इसी खाते से रकम अमेरिका की फर्जी कंपनी के खाते में ट्रांसफर की गई। यह खाता अमेरिका के बैंक ऑफ़ न्यू यॉर्क में था। बैंक ऑफ़ न्यूयॉर्क को संबंधित खाते में राशि ट्रांसफर के दौरान खाते में दर्ज नाम और पते में अंतर मिला। संदिग्ध ट्रांजैक्शन की आशंका पर बैंक ऑफ़ न्यूयॉर्क प्रबंधन ने फर्जी कंपनी के खाते में रकम ट्रांसफर नहीं की और भारत के स्टेट बैंक हेडक्वार्टर और एनएमडीसी प्रबंधन को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही हड़कंप मच गया,पर एनएमडीसी पूरे मामले को दबाता रहा।
बैंक ऑफ़ न्यूयॉर्क की सतर्कता से टला ट्रांजेक्शन
बैंक ऑफ़ न्यूयॉर्क प्रबंधन ने नाम और पते में अंतर होने पर ट्रांजैक्शन को संदिग्ध मान ट्रांजैक्शन को होल्ड कर दिया। अन्यथा एनएमडीसी के खाते से 120 करोड़ रुपए विदेशी साइबर ठगों की फर्जी कंपनी के खाते में पहुंच जाते। उक्त रकम को पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद फ्रीज कर दिया है और साइबर टीम तकनीकी आधार पर जांच कर रही है।
अमेरिका में फंसी रकम
अभी यह रकम बैंक ऑफ न्यूयार्क में ही फंसी है। जिसे विभिन्न प्रक्रियाओं को करने के बाद एनएमडीसी के खाते में वापस भेजा जाएगा।
चार अफसर निलंबित
इस पूरे मामले की जानकारी सामने आने के बाद एनएमडीसी प्रबंधन ने गोपनीय तौर पर आंतरिक जांच करवाई और मामले में प्रथमदृष्टया लापरवाही बरतने वाले तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया है तथा एक अधिकारी को शो कॉज नोटिस जारी किया गया है। स्टेट बैंक प्रबंधन ने भी ट्रांजैक्शन प्रक्रिया में मानकों का पालन नहीं करने और लापरवाही बरतने पर अपने एक अधिकारी को निलंबित कर दिया है।
वही एनएमडीसी प्रबंधन के अनुसार यह धोखाधड़ी राशि ट्रांसफर होने से पहले ही सामने आ गई,इसलिए भुगतान होल्ड कर दिया गया और एनएमडीसी को इससे कोई वित्तीय नुकसान नहीं हुआ।
बस्तर एसपी शलभ सिन्हा ने शिकायत मिलने और रेंज सायबर थाने में एफआईआर की पुष्टि की। एसपी शलभ सिन्हा के अनुसार "न्यूयार्क बैंक की सतर्कता से ठगी टल गई। प्रारंभिक जांच में फर्जी लिंक और ईमेल आईडी के माध्यम से ट्रांजैक्शन करवाए जाने की जानकारी मिली है। रेंज साइबर थाने में अपराध दर्ज कर खाते को फ्रीज कर दिया गया। तकनीकी आधार पर जांच की जा रही है।"
