CG IAS News: एक IAS की बीजापुर के छोटे से गांव से शुरू हुई संघर्ष की कहानी और......
CG IAS News, संघर्ष,हिम्मत और गोल तय करने की कहानी है,आइएएस महादेव कावरे की। वर्तमान में बिलासपुर संभाग के संभागायुक्त हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के बीच मोटिवेटर की भूमिका में नजर आए। कावरे ने बताया वे बीजापुर के एक छोटे से गांव से हैं। जहां उस दौर में बिजली नहीं थी। लालटेन की रोशनी में पढ़ाई कर दिल्ली आईआईटी पहुंचे। गोल तय कर लिया था। आइएएस बन गया। इस बीच जो संघर्ष थी वह कम नहीं।
बिलासपुर। बिलासपुर कमिश्नर महादेव कावरे,प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं के बीच पहुंचे,मोटिवेशनल स्पीच दी। अपने संघर्ष की कहानी बताई और कहा- इंसान की जिंदगी में अभाव ज्यादा मायने नहीं रखती। आपकी मेहनत और लगन साथी बनकर मुकाम तक पहुंचा ही देता है। कुछ ऐसी ही संघर्ष और सफलता की कहानी उनकी है। ऐसे ही कहानी अपनी बनाने और सफलता हासिल करने की बात युवाओं से की।
अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ अजाक्स के विशेष सहयोग से बिलासपुर में अम्बेडकर ज्ञान केन्द्र का संचालन किया जा रहा है। अम्बेडकर ज्ञान केन्द्र में जरूरतमंद प्रतिभावान बच्चों को राज्य सेवा आयोग और व्यापम द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षा हेतु निःशुल्क कोचिंग दी जा रही है। बिलासपुर के अलावा गौरेला पेण्ड्रा मरवाही में भी तकरीबन 250 बच्चों को अजाक्स द्वारा निःशुल्क कोचिंग दी जा रहीहै।
कोचिंग कर रहे युवाओं के बीच कमिश्नर कावरे पहुंचे। युवाओं के बीच मोटिवेशनल स्पीच दिया। अपने छात्र जीवन के संघर्ष की कहानी बताई। बिना कोई भूमिका बांधे वे युवाओं से अपने संघर्ष के दिनों की कहानी को बताते चले गए। कावरे बोले वे सुदूर वन क्षेत्र बीजापुर के एक छोटे से गांव जहां उस दौर में जब वे पढ़ाई करते थे, बिजली नहीं थी। बिजली ना होने के कारण लालटेन आदि से पढाई किया करते थे। कड़ी मेहनत का दिन था। वहां से दिल्ली आईआईटी में चयनित हुए और इंजीनियरिंग की पढ़ाई प्रारंभ की। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही यूपीएससी तैयारी करने का विचार आया। बस फिर क्या था। मैने अपने लिए गोल तय कर लिया। कठिन प्रयास और मेहनत से तमाम अभावों से जूझते हुए भी प्रशासनिक सेवा परीक्षा के माध्यम से आज रायपुर तथा बिलासपुर जैसे प्रदेश के बड़े संभाग के कमिश्नर के पद तक का सफर पूर्ण किए हैं।
तब सफलता चुमती है कदम
कमिश्नर कावरे ने प्रतियोगी परीक्षार्थियों को को प्रेरित करते हुए कहा कि इंसान की जिंदगी में अभाव ज्यादा मायने नहीं रखती, अभावों से दो चार करते हुए सफल होने में उसकी मेहनत उसकी लगन और जुनून महत्वपूर्ण साथी बनाकर उसे उसके मुकाम तक पहुंचाती है। गौरेला पेण्ड्रा मरवाही एवं बिलासपुर के इन इन दोनों संस्थानों में अध्ययन अध्यापन के लिए किसी भी चीज की जरूरत होने पर उसकी पूर्ति के लिये प्रयास करने का आश्वासन भी दिया । उन्होंने साफ कहा कि संसाधन का अभाव किसी भी बच्चों के करियर में बाधक नहीं बनने दिया जाएगा।
इनकी रही मौजूदगी
इंजीनियर संतोष भारती,बिलासपुर जिला कार्यकारी अध्यक्ष केदार अनंत , कमलेश खांडे ,कुलदीप जांगड़े , शिव साहू, दिनेश लहरे, रीता भारती, प्रेस राय, विभाष दास, टीकाराम खांडे, सीआर निराला, डॉ यशपाल निराला कोचिंग के शिक्षक सुमन खरे, ओमप्रकाश बघेल ,प्रकाश मनहर, सुभाष चतुर्वेदी , जितेंद्र खूंटे , रेलवे कर्मचारी संगठन से बिभास दास एवं बड़ी संख्या में अम्बेडकर ज्ञान केन्द्र के विद्यार्थी और छात्रावास के छात्र छात्राओं की उपस्थिति रही।