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CG Awas Yojana: किफायती जन आवास योजना से छत्तीसगढ़ में छोटे मकान होंगे 30 तक परसेंट सस्ते, हाउसिंग सेक्टर में होंगे क्रांतिकारी बदलाव...

CG Awas Yojana: विष्णुदेव साय कैबिनेट द्वारा किफायती जन आवास योजना पर मुहर लगाने के बाद छत्तीसगढ़ में अब लोवर और लोवर मीडिल क्लास का विकसित कॉलोनियों में अपना घर का सपना साकार होगा। राज्य सरकार की इस योजना के बाद बड़े बिल्डरों का किफायती कालोनियां की तरफ फोकस बढ़ेगा, वहीं अवैध निर्माण पर भी लगाम लगेगा। इसके लिए आवास और पर्यावरण विभाग ने ड्राफ्ट तैयार कर दिया है। इसके तहत बिल्डरों को कालोनियों की शर्तों में ऐसी छूट दी जाएगी ताकि, वो अफोर्डेबल हाउस बनाने के लिए प्रेरित हो। इसमें डायवर्सन का ब्रेक भी हटा लिया गया है। समझा जाता है कि इससे छत्तीसगढ में छोटे मकानों की कीमत 30 परसेंट तक कम हो जाएगी, क्योंकि नियमों में बदलाव के बाद बिल्डरों के सेलेबल प्लॉट की संख्या 27 से 30 परसेंट बढ़ जाएंगी। आवास और पर्यावरण विभाग के सिकरेट्री अंकित आनंद ने एनपीजी न्यूज को बताया कि छत्तीसगढ़ के हाउसिंग सेक्टर में यह बड़ा रिफार्म साबित होगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही आवास योजना का नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा।

CG Awas Yojana: किफायती जन आवास योजना से छत्तीसगढ़ में छोटे मकान होंगे 30 तक परसेंट सस्ते, हाउसिंग सेक्टर में होंगे क्रांतिकारी बदलाव...
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By Gopal Rao

CG Awas Yojana: रायपुर। विष्णुदेव साय मंत्रिपरिषद की हरी झंडी के बाद छत्तीसगढ़ में किफायती जन आवास योजना का रास्ता साफ हो गया है। इसके तहत आवास और पर्यावरण विभाग ने नियमों में बड़ा बदलाव किया है। इस योजना में मकान बनाने में डायवर्सन का लफड़ा भी नहीं रहेगा। इसे कृषि भूमि में भी बनाया जा सकेगा। अभी तक यह योजना देश के महाराष्ट्र, हरियाणा जैसे चुनिंदा राज्यों तक सीमित थी मगर नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी इसका आगाज हो जाएगा।

बड़े बिल्डर छोटे मकान नहीं

ज्ञातव्य है, बड़े बिल्डर छोटे मकान बनाते नहीं और न ही छोटे प्लॉट काटते। बड़े बिल्डरों की कॉलोनियों में छोटे से छोटे मकान 1200 फुट से कम नहीं होते। इस चक्कर में रेट काफी हाई पहुंच जाता है। इस समय बी क्लास की कालोनियों में 1200 फुट के मकान की कीमत 60 से 80 लाख तक होती है। वह इसलिए कि चौड़ी सड़कों के साथ ही क्लब, गार्डन सभी का रेट जुड़ होता है। इस चक्कर में रेट इतना ज्यादा हो जाता है कि लोवर मीडिल या मीडिल क्लास की पहुंच से वह बाहर हो जाता है।

अब ये होगा...

किफायती जन आवास योजना के तहत अब आवास पर्यावरण विभाग डायवर्सन की जरूरत हटा रहा है। उपर से ओपन स्पेस नियमों को भी बदला गया है। इस केटेगरी की कालोनी में ओपन स्पेस के साथ ही सड़कों की चौड़ाई कम की जाएग। याने दिखावे के लिए सड़कें चौड़ी नहीं होगी, बल्कि उपयोगिता के आधार पर बनाई जाएंगी।

इसे ऐसे समझिए

ओपन स्पेस कम करने के बाद मकानों की संख्या बढ़ जाएगी। इस समय पांच एकड़ के रकबा में 136 प्लॉट निकलता है। किफायती आवास योजना में पांच एकड़ में 172 प्लॉट निकल जाएगा। अभी के नियमों के अनुसार कुल रकबा में सड़क, गार्डन, क्लब आदि के बाद 56 परसेंट प्लॉट निकलता है। नई योजना में यह बढ़कर 71 परसेंट पहुंच जाएगा। यानी करीब 27 परसेंट की वृद्धि। जानकारों का कहना है कि इस रियायत से बड़े बिल्डरों की दिलचस्पी भी किफायती आवास योजना में बढ़ेगी।

900 फुट के मकान

किफायती जन आवास योजना के तहत अधिकतम 900 स्कॉवयर फुट में मकान बनाने होंगे। 900 का साइज इसलिए निश्चित किया गया है ताकि बिल्डर बड़ा मकान बनाकर कहीं रेट न बढ़ा दें, जिससे यह योजना आम आदमी की पहुंच से बाहर हो जाए। दूसरा, आवास और पर्यावरण विभाग ने इसका रकबा भी तय कर दिया है। 2 एकड़ से 10 एकड़़ में किफायती आवास बनाए जा सकेंगे।

किफायती आवास योजना के उद्देश्य

किफायती आवास योजना के कई प्रमुख उद्देश्य हैं।

1. भारत सरकार ने राज्यों से चार रिफार्म करने कहा है, उसमें किफायती आवास योजना भी शामिल है।

2. शहरों में जमीने कम होती जा रही हैं, उसमें फायदा यह होगा कि कम जमीन में ज्यादा मकान बने।

3. कम आय एवं मध्यमवर्गीय परिवारों को किफायती और सस्ते भूखंड उपलब्ध कराना है।

4. अवैध प्लॉटिंग में भी तेजी से वृद्धि हुई है। इस योजना से अवैध कॉलोनियों पर लगाम लगेगी। जो छोटे बिल्डर अवैध मकान बनाकर बेच रहे हैं, वे इस योजना के तहत बेफिक्र होकर अपना काम कर सकेंगे।

5. शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में उचित मूल्यों पर आवासीय भू खण्ड की उपलब्धता को बढ़ाना एवं पानी बिजली पहुँच मार्ग सीवरेज आदि बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता को सुनिश्चित कराना है।

6. प्रदेश में रियल स्टेट एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को प्रोत्साहित करना एवं निवेश के नए अवसर प्रदाय करना।

जल्द नोटिफिकेशन-अंकित आनंद

कैबिनेट से पारित किफायती जन आवास योजना के संदर्भ में एनपीजी न्यूज ने आवास और पर्यावरण विभाग के सिकरेट्री अंकित आनंद से बात की। उन्होंने कहा कि चूकि कैबिनेट ने इसे पारित कर दिया है, इसलिए इसमें अब कोई संशय नहीं है। जल्द ही इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। अंकित आनंद ने कहा कि किफायती जन आवास योजना से छत्तीसगढ़ के हाउसिंग सेक्टर में न केवल बड़ा बदलाव आएगा बल्कि रियल इस्टेट में इंवेस्टमेंट भी बढ़ेगा।







Gopal Rao

गोपाल राव: रायपुर में ग्रेजुएशन करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। विभिन्न मीडिया संस्थानों में डेस्क रिपोर्टिंग करने के बाद पिछले 8 सालों से NPG.NEWS से जुड़े हुए हैं। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं।

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