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CG Housing Board News: हाउसिंग बोर्ड प्रोजेक्ट्स में मकान खरीदने वाले हितग्राहियों को बड़ी राहत, नए कलेक्टर दर का नहीं पड़ेगा प्रभाव...

CG Housing Board News: प्रदेश भर में जमीन की कलेक्टर गाइडलाइन की दरें बढ़ गई है। शहरी के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रजिस्ट्री शुल्क में बेतहाशा वृद्धि हुई है जिसके चलते संपत्ति रजिस्ट्री में 4 से 5 गुना शुल्क देना पड़ रहा है इसको लेकर प्रदेश में विरोध भी हो रहा है। वही हाउसिंग बोर्ड ने अपनी परियोजनाओं में जनता को राहत दी है। हाउसिंग बोर्ड के मकान की रजिस्ट्री तय कीमतों पर ही होगी। भूमि के मूल्य पर नई गाइडलाइन दर का प्रभाव नहीं होगा। हाउसिंग बोर्ड परियोजनाओं में संपत्ति की रजिस्ट्री मंडल द्वारा निर्धारित दर पर ही होगी। नई गाइड लाइन का हाउसिंग बोर्ड के प्रोजेक्ट में कोई असर नहीं होगा।

CG Housing Board News: हाउसिंग बोर्ड प्रोजेक्ट्स में मकान खरीदने वाले हितग्राहियों को बड़ी राहत, नए कलेक्टर दर का नहीं पड़ेगा प्रभाव...
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By Radhakishan Sharma

CG Housing Board News: रायपुर। जमीन के पंजीयन की बढ़ती कीमतों पर जहां उबाल आया हुआ है और प्रदेश भर में कांग्रेसी इसे मुद्दा बनाकर प्रदर्शन कर रही है वहीं हाउसिंग बोर्ड लोगों को इसमें राहत प्रदान कर रही है। हाउसिंग बोर्ड के मकानों की पुराने दर पर ही रजिस्ट्री होगी। भूमि के मूल्य पर नए कलेक्टर गाइडलाइन दर का प्रभाव नहीं होगा। जमीन की बढ़ी हुई गाइडलाइन दरें उनके फ्लैट की रजिस्ट्री को महंगा नहीं बनाएंगी। इसे हाउसिंग बोर्ड के प्रोजेक्ट में हितग्राहियों के लिए बड़ी राहत की तौर पर देखा जा रहा है।

राज्य में 20 नवंबर से जमीन की नई गाइडलाइन दरें लागू होते ही प्रॉपर्टी मार्केट में हलचल मच गई है, कई शहरी इलाकों में जमीन का सरकारी मूल्य दो से चार गुना तक बढ़ा है। आम खरीददारों की चिंता थी कि अब हाउसिंग बोर्ड के मकानों की रजिस्ट्री भी इसी नई दर पर होगी, जिससे कुल लागत चार–पांच गुना तक बढ़ सकती थी।

लेकिन गृह निर्माण मंडल ने साफ कर दिया है कि उसके प्रोजेक्ट में जो भी मकान या फ्लैट पहले से निर्धारित कीमत पर आवंटित हैं, उनकी रजिस्ट्री उसी तय मूल्य पर होगी, न कि नई गाइडलाइन दर पर। यानी खरीदारों को स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्री शुल्क पुराने सेल प्राइस के आधार पर ही देना होगा, जमीन के संशोधित मूल्य की अलग से गणना नहीं की जाएगी।

सामान्य प्लॉटों और निजी कॉलोनियों में नई गाइडलाइन का सीधा असर दिखने लगा है, जहां 50 हजार से एक लाख वाली रजिस्ट्री अब कई जगह लाखों के पार जा रही है। ऐसे में वेतनभोगी और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए हाउसिंग बोर्ड की योजनाएं अपेक्षाकृत सस्ती और सुरक्षित विकल्प के रूप में और ज्यादा आकर्षक हो गई हैं।

अतिरिक्त स्टांप या पंजीयन शुल्क देय नहीं होगा, पुनः विक्रय पर ही लागू होगा शुल्क

छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के मुताबिक मंडल की नई आवासीय योजनाओं में जो भी हितग्राही अपना मकान बुक करा रहे हैं,उसमें भूमि मूल्य पर नई कलेक्टर गाइडलाइन दर का प्रभाव नहीं पड़ेगा। यानी इन परियोजनाओं में संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए अतिरिक्त स्टांप या पंजीयन शुल्क देय नहीं होगा। अगर कोई हितग्राही संपत्ति का पुनः विक्रय करता है तो ही उस पर नई कलेक्टर दरें लागू होंगी। अर्थात डायरेक्ट हाउसिंग बोर्ड से मकानों की रजिस्ट्री पर पुरानी दरों के हिसाब से होगी। मंडल की प्रगतिरत मकानों और भवनों के विक्रय के लिए पहले ही ऑफर आमंत्रित किए जा चुके हैं। इन संपत्तियों की दरें निर्धारित हैं और उनकी बुकिंग जारी है।

हाल ही में आयोजित राज्य स्तरीय मेले में अभी तक 200 करोड रुपए से अधिक लागत के एक हजार संपत्तियों की बुकिंग हुई है। हाल ही में प्रदेश के 22 जिलों में 2060 करोड़ रुपए के 55 नए आवासीय प्रोजेक्ट्स भी लांच किए गए है। इन नए प्रोजेक्ट्स के तहत संपत्ति की खरीदी– बिक्री पर भी नई कलेक्टर गाइडलाइन दर का असर नहीं होगा।

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