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CG Holiday News: इस अवकाश में लगी रोक, रिजल्ट प्रभावित होने का कारण बता डीईओ ने जारी किया आदेश,शिक्षिकाओं में नाराजगी

CG Holiday News: संतान पालन अवकाश में डीईओ ने रोक लगा दी है। संतान पालन अवकाश के कारण परीक्षा परिणाम प्रभावित होने को इसका कारण बताया जा रहा है। वही इस अवकाश पर रोक लगने से शिक्षिकाओं में नाराजगी देखी जा रही है।

CG Holiday News: इस अवकाश में लगी रोक, रिजल्ट प्रभावित होने का कारण बता डीईओ ने जारी किया आदेश,शिक्षिकाओं में नाराजगी
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By Radhakishan Sharma

CG Holiday News: दुर्ग। दुर्ग जिले में संतान पालन अवकाश पर जिला शिक्षा अधिकारी ने रोक लगा दिया है। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी आदेश के अनुसार नवंबर2025 से मार्च 2025 तक के किसी भी प्रकार की परिस्थितियों में संतान पालन अवकाश स्वीकृत न करने का निर्देश दिया गया है। आदेश के खिलाफ महिला शिक्षिकाओं में नाराजगी है। वही डीईओ इसे रिजल्ट सुधारने की दिशा में उठाया गया कदम बता रहे हैं।

जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि राज्य/ संभाग स्तरीय अधिकारियों द्वारा जिले के विभागीय अधिकारियों एवं संस्था प्रमुखों का समय-समय पर बैठक आयोजित कर मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता, परीक्षा परिणाम सुधार एवं कमजोर छात्र-छात्राओं का चिन्हांकन कर विशेष कार्य योजना तैयार कर बोर्ड परीक्षा हेतु व्यापक तैयारी कराए जाने के निर्देश है। आदेश में कहा गया है कि कतिपय संस्था प्रमुखों द्वारा अवगत कराया गया है कि विषय शिक्षकों द्वारा संतान पालन अवकाश में होने के कारण परीक्षा परिणाम प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों द्वारा समय समय पर बैठक आयोजित कर मुख्यमंत्री के शिक्षा गुणवत्ता की समीक्षा की जाती है। इसके अलावा परीक्षा परिणाम के सुधार और कमजोर विद्यार्थियों का चिन्हांकन कर विशेष कार्य योजना तैयार की जाती है। 10वीं 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के भी व्यापक तैयारी करवाए जाने के निर्देश हैं। पर यह बातें आ रही है कि विषय शिक्षिकाओं के संतान पालन अवकाश में होने के कारण परीक्षा परिणाम प्रभावित हो रहे है।

यही वजह है की परीक्षा परिणामों में सुधार के लिए संतान पालन अवकाश पर प्रतिबंध लगाया जाए। जारी आदेश के मुताबिक माह नवंबर 2025से मार्च 2026 तक किसी भी परिस्थितियों में संतान पालन अवकाश स्वीकृत नहीं करने के निर्देश सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारियों और सभी प्राचार्यों को दिए गए है। वर्तमान जारी निर्देश के पूर्व यदि संस्था प्रमुखों द्वारा संतान पालन अवकाश स्वीकृत किया गया हो तो उक्त स्वीकृत अवकाश भी निरस्त माना जाएगा। हालांकि यह आदेश शासन अथवा उच्च कार्यालय द्वारा स्वीकृत अवकाश पर लागू नहीं होगा। विशेष परिस्थितियों में संतान पालन अवकाश पर अग्रिम निर्णय डीईओ करेंगे।

जारी आदेश के चलते महिला शिक्षिकाओं में नाराजगी देखने को मिली है। इसे महिला शिक्षिकाओं के अधिकारों के हनन, मानसिक उत्पीड़न और शासन के आदेशों का उल्लंघन बताया जा रहा है

730 दिनों का मिलता है संतान पालन अवकाश

राज्य सरकार के द्वारा महिला कर्मचारियों के लिए 18 वर्ष तक के दो संतानों के पालन पोषण हेतु पूरे सेवा काल में अधिकतम 730 दिनों का संतान पालन अवकाश स्वीकृत किया जाता है। यह अवकाश संतान पालन के लिए ही स्वीकृत किया जाता है। हालांकि संतान पालन अवकाश में दिव्यागंता वाले संतानों के लिए कुछ नियम भी संशोधित किए गए हैं। दिव्यांग संतानों के पालन पोषण के लिए उम्र सीमा नहीं रखी गई है। हालांकि संपूर्ण सेवा काल में यह अवकाश 730 दिनों से अधिक नहीं होगा। दिव्यांगता की स्थिति में उम्र सीमा का बंधन उस स्थिति में लागू नहीं होगा जब दिव्यांगता 40% या उससे अधिक हो।

देखें आदेश



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