Begin typing your search above and press return to search.

CG Highcourt News: CBSE छात्रों को खेल से बाहर रखने पर हाईकोर्ट ने DPI से मांगा जवाब, न्यायमित्र भी नियुक्त

CG Highcourt News: सीबीएसई छात्रों को शालेय खेलों से बाहर रखने पर हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप कर स्वतः संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में स्वीकारा है। इसे हजारों विद्यार्थियों के अधिकारों और हितों से जुड़ा मान डीपीआई से जवाब मांगा गया है। कोर्ट ने इसके लिए दो अधिवक्ताओं को न्यायमित्र भी नियुक्त किया है।

bilaspur high court news
X

bilaspur high court news

By Neha Yadav

CG Highcourt News: बिलासपुर। बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्य स्तरीय शालेय खेल प्रतियोगिताओं से सीबीएसई स्कूलों के छात्रों को वंचित करने के मामले में गंभीरता और व्यापक जनहित को देखते हुए स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई प्रारंभ कर दी है। अदालत ने इस विषय को हजारों छात्र-खिलाड़ियों के संवैधानिक अधिकार और भविष्य से जुड़ा मानते हुए लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक को व्यक्तिगत शपथपत्र पर स्पष्ट जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

राज्य के एक ब्लॉक स्तर के स्कूली खिलाड़ी ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर यह शिकायत की कि सीबीएसई स्कूल में पढ़ने के कारण उसे राज्य स्तरीय शालेय खेल प्रतियोगिता में भाग लेने से रोका गया, जबकि वह पूर्व में ब्लॉक स्तर पर चयनित हो चुका था। खिलाड़ी ने अपनी याचिका में यह भी कहा कि राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के बिना नेशनल लेवल तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं बचता, जिससे उसके खेल कैरियर पर संकट खड़ा हो गया है।

खिलाड़ी की इस पीड़ा में यह भी उल्लेख था कि शासन द्वारा पारित नियमों के कारण प्रदेशभर में हजारों सीबीएसई स्कूलों के छात्र-खिलाड़ी अवसरों से वंचित हो रहे हैं। यह न सिर्फ उनके संवैधानिक समानता के अधिकार का उल्लंघन है, बल्कि खेल प्रतिभाओं के दमन जैसा है।

याचिका पहले खारिज, फिर कोर्ट ने लिया खुद संज्ञान

मामले की प्रारंभिक सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्पीठ के समक्ष हुई, जिसमें तकनीकी आधार पर याचिका खारिज कर दी गई थी। लेकिन बाद में पीठ ने इस मुद्दे की विस्तृत सामाजिक और संवैधानिक गंभीरता को समझते हुए स्वतः संज्ञान लिया और इसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर लिया।

अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह मामला सिर्फ एक छात्र का नहीं, बल्कि राज्य के हजारों विद्यार्थियों के भविष्य, समान अवसर, और शिक्षा नीति की पारदर्शिता से जुड़ा है। इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता।

न्यायमित्र नियुक्त, डीपीआई को दिए सख्त निर्देश

अदालत ने मामले की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एडवोकेट सूर्या कंवलकर डांगी और एडवोकेट अदिति सिंघवी को न्यायमित्र नियुक्त किया है। इनका दायित्व होगा कि वे कोर्ट की सहायता करते हुए छात्रों के अधिकार और नीति पक्षों पर प्रकाश डालें।

साथ ही, अदालत ने लोक शिक्षण संचालनालय डीपीआई को निर्देश दिया है कि व्यक्तिगत शपथपत्र पर यह स्पष्ट करें कि सीबीएसई स्कूल के छात्रों को राज्य स्तरीय शालेय खेलों में भाग लेने से क्यों वंचित किया गया है। इस उत्तर में डीपीआई को नीति, आदेश और उसके कानूनी औचित्य को स्पष्ट करना होगा।

अगली सुनवाई 7 अगस्त को

उच्च न्यायालय ने इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 7 अगस्त 2025 तय की है और निर्देश दिया है कि डीपीआई पक्ष कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करे।

Neha Yadav

नेहा यादव रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएट करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। पिछले 6 सालों से विभिन्न मीडिया संस्थानों में रिपोर्टिंग करने के बाद NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहीं है।

Read MoreRead Less

Next Story