CG High Court News: ई-फाइलिंग और ई-वेस्ट मैनेजमेंट की दिशा में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण कदम, व्यवस्था को लेकर दिए अहम निर्देश
CG High Court News:छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने न्यायालयों में ई-फाइलिंग सिस्टम को प्रभावी ढंग से लागू करने पर जोर दिया। इसके साथ ही ई-वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर भी उन्होंने चिंता जताई।

Bilaspur High Court
CG High Court News: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने न्यायालयों में ई-फाइलिंग सिस्टम को प्रभावी ढंग से लागू करने पर जोर दिया। इसके साथ ही ई-वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर भी उन्होंने चिंता जताई। उनका कहना है कि ई-वेस्ट मैनेजमेंट के काम को कुशलतापूर्वक करने के लिए प्रत्येक जिले में एक विशेषज्ञ की नियुक्ति की जाएगी, जो ई-वेस्ट प्रबंधन, स्कैनिंग और डिजिटलीकरण की पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेगा। इन सभी कार्याें की देखरेख जिले के प्रधान न्यायाधीश करेंगे। चीफ जस्टिस का पूरा फाेकस न्यायिक बुनियादी ढांच का आधुनिकीकरण के साथ ही ई-वेस्ट प्रबंधन और न्यायालयों के डिजिटलीकरण पर है।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने प्रदेशभर के सभी प्रधान जिला न्यायाधीशों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबाेधित कर रहे थे। चीफ जस्टिस ने पूरे सिस्टम के साथ ई-वेस्ट निपटान सिस्टम को प्रभावी ढंग से लागू करने का निर्देश दिया। सीजे ने कहा कि इसके लिए प्रत्येक जिले में एक समिति का गठन करना आवश्यक है, जो अप्रचलित इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की पहचान, वर्गीकरण और व्यवस्थित रूप से निपटान सुनिश्चित करेगी।
नीलामी की प्रक्रिया पूरी तरह हो पारदर्शी
चीफ जस्टिस ने कहा कि जो उपकरण अभी भी कार्यशील हैं परंतु उपयोगी नहीं हैं, उन्हें पारदर्शी तरीके से न्यायालय कर्मचारियों को नीलाम किया जा सकता है। शेष अनुपयोगी ई-कचरे को रिकॉर्ड कर उचित तरीके से निपटाया जाना चाहिए। इसके प्रभावी निगरानी के लिए, एक साझा ऑनलाइन रिकॉर्ड प्रणाली बनानी होगी। इसका नियमित रूप से रिकार्ड मेंटेन करना जरुरी है।
डिजिटलीकरण पर जोर
न्यायिक दस्तावेजों के डिजिटलीकरण और स्कैनिंग को लेकर चीफ जस्टिस ने जोर दिया। उन्होंने कहाकि न्यायिक प्रशासन के आधुनिकीकरण के लिए, प्रत्येक न्यायालय को स्कैनिंग और डिजिटल संग्रहण के लिए विशिष्ट स्थान आवंटित करना होगा। इस प्रक्रिया की निगरानी उन कर्मचारियों द्वारा की जानी चाहिए जिन्हें प्रमाणीकरण के लिए सुरक्षित डिजिटल हस्ताक्षर प्रदान किए जाएंगे। इस पहल को सुचारू रूप से लागू करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे की व्यवस्था करनी होगी। उचित प्रकाश व्यवस्था, हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी और कंप्यूटर सिस्टम शामिल हैं। इसके अलावा, सभी लंबित और पूर्ण हुए मामलों के अभिलेखों को व्यवस्थित रूप से अनुक्रमित और पृष्ठांकित किया जाना चाहिए ताकि उन्हें आसानी से एक्सेस किया जा सके। सभी ई-वेस्ट को जिला मुख्यालयों में विशेषज्ञों की निगरानी में संग्रहीत और निपटान के लिए भेजा जाना चाहिए।
विशेषज्ञों की करनी होगी नियुक्ति
प्रत्येक जिले में एक विशेषज्ञ को नियुक्त किया जाएगा, जो ई-वेस्ट प्रबंधन, स्कैनिंग और डिजिटलीकरण की पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेगा। चीफ जस्टिस ने सभी प्रधान जिला न्यायाधीशों को इसे प्रभावी ढंग से लागू करने और समयबद्ध प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश है।
इनकी रही उपस्थिति
जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास, जस्टिस राकेश मोहन पांडे, जस्टिस रविंद्र अग्रवाल, जस्टिस बीडी. गुरु, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल और रजिस्ट्री के अधिकारी, सभी जिलों से प्रधान जिला न्यायाधीश, परिवार न्यायालय के न्यायाधीश, और जिला न्यायालय कंप्यूटरीकरण समिति के अध्यक्ष।