CG Good Governance: मंत्रालय से लेकर जिले तक E-ऑफिस लागू, GAD सिकरेट्री ने कलेक्टरों से कहा, कोई भी पत्र अब हार्ड कॉपी में नहीं, डिजिटलाइजेशन के ये होंगे फायदे...
CG Good Governance: छत्तीसगढ़ में सुशासन की दिशा में एक अच्छी खबर है...मंत्रालय से लेकर सूबे के सभी 33 जिलों में अब ई-ऑफिस ऑनबोर्ड हो चुका है। सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी कलेक्टरों से अब हार्ड कॉपी में पत्राचार या किसी काम का अनुमोदन न लेने कहा है। एक तरह से कहा जाए तो हार्ड कॉपी पर अब रोक लग गई है। बता दें, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने एक जनवरी 2025 को अफसरों की मीटिंग लेकर सिस्टम में सुशासन और पारदर्शिता के लिए डिजिटल वर्क करने कहा था। और छह महीने में पूरा प्रदेश की सरकारी मशीनरी डिजिटल हो गई।

CG Good Governance: रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरकारी कार्यालयों में हार्ड कॉपी में पत्र, आदेश या नोटशीट अब पुरानी बात हो जाएगी। प्रदेश के सभी जिलों में ई-ऑफिस लागू हो चुका है। मंत्रालय, विभागाध्यक्ष कार्यालयों के साथ ही रायपुर के ऑफिसों में पहले से ई-ऑफिस चलन में आ चुका है। ई-ऑफिस में सिर्फ जिले बचे हुए थे। मगर सामान्य प्रशासन विभाग ने बड़ा काम करते हुए अब जिलों में भी ई-ऑफिस का काम कंप्लीट कर लिया है। अब बस्तर के सुकमा से लेकर बलरामपुर, जशपुर में न केवल ई-ऑफिस इंस्टॉल हो चुका है बल्कि जीएडी ने ट्रेनिंग देकर सभी जिलों को दक्ष कर दिया है।
जीएडी सिकरेट्री ने कलेक्टरों को लिखा पत्र
ई-ऑफिस में नया अपडेट यह है कि अब पूरे प्रदेश में ई-ऑफिस काम करने लगेगा। सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव ने आज प्रदेश के कलेक्टरों को पत्र लिख कर कहा है कि वर्तमान में सभी जिला कार्यालयों में ई-ऑफिस ऑनबोर्ड हो चुका है। लिहाजा, जिला स्तर के सभी प्रस्ताव, जिसमें विभागाध्यक्ष या सरकार स्तर से अनुमोदन की आवश्यकता होती है, ऐसे सभी प्रस्तावों को ई-ऑफिस के फाइल के माध्यम से प्रेषित करें।
चीफ सिकरेट्री को पत्र भी ई-ऑफिस से
कलेक्टरों को अगर चीफ सिकरेट्री को पत्र लिखना होगा, तो उसे भी अब हार्ड कॉपी में स्वीकार्य नहीं होगा। कलेक्टरों को अब ई-ऑफिस में पत्र लिखने कहा गया है। याने छत्तीसगढ़ का जिला स्तर के कार्यालय से लेकर मंत्रालय और विभागाध्यक्ष ऑफिस 100 परसेंट अब पेपरलेस हो जाएगा।
छत्तीसगढ़ में सुशासन और पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सभी जिला में डिजिटल पत्राचार को अनिवार्य करने के निर्देश भी जारी किए गए, ताकि कार्यों की गति, समन्वय और नागरिक सेवाओं की प्रभावशीलता में स्पष्ट सुधार हों सके।
ई-ऑफिस क्रियान्वयन की प्रमुख उपलब्धियाँ
- मंत्रालय के सभी विभागों में ई-ऑफिस प्रणाली का पूर्ण क्रियान्वयन।
- सभी विभागाध्यक्ष कार्यालयों में डिजिटल फाइल प्रबंधन प्रणाली की लागू ।
- राज्य के समस्त जिला कार्यालयों में भी ई-ऑफिस की शुरुवात ।
ई-ऑफिस प्रणाली के प्रमुख लाभ
1. पारदर्शिता में वृद्धि दृ प्रत्येक फाइल की रीयल-टाइम ट्रैकिंग संभव।
2. उत्तरदायित्व सुनिश्चित दृ नोटिंग में फेरबदल की संभावना नहीं; मॉनिटरिंग अधिक सरल।
3. डिजिटल सुरक्षा दृ मल्टी-सर्वर पर डेटा संग्रहण; फाइल गुम होने या क्षतिग्रस्त होने की आशंका समाप्त।
4. समय और संसाधनों की बचत दृ फाइलें स्वचालित रूप से संबंधित अधिकारियों तक पहुँचती हैं; कागज़, मानव संसाधन और परिवहन लागत में उल्लेखनीय कमी।
5. रूटीन कार्यों का स्वचालन दृ अनुमोदन की प्रक्रिया में तीव्रता और हेरफेर में कमी।
6. केंद्रीकृत डिजिटल संग्रहण दृ दस्तावेजों का डिजिटलीकरण, त्वरित खोज और साझाकरण की सुविधा।
7.कहीं से भी कार्य की सुविधा दृ अधिकारी देश या राज्य के किसी भी कोने से सुरक्षित रूप से कार्य कर सकते हैं।
ई-गवर्नेंसः सुशासन का आधार
छत्तीसगढ़ में ई-ऑफिस प्रणाली को ई-गवर्नेंस के एक प्रभावी साधन के रूप में तेजी से स्थापित किया गया है। इसका उद्देश्य सिर्फ प्रक्रिया को डिजिटल बनाना नहीं, बल्कि नागरिक सेवाओं को अधिक पहुंच योग्य, तेज़ और उत्तरदायी बनाना है। इस पहल के तहत राज्य सरकार अब सभी योजनाओं के कार्यान्वयन में पारदर्शिता और समन्वय सुनिश्चित करने के साथ-साथ सेवा वितरण को गति देने की दिशा में अग्रसर है।
तेज़ क्रियान्वयनः एक वर्ष में राज्यव्यापी विस्तार
जहाँ भारत सरकार में ई-ऑफिस प्रणाली वर्ष 2009 में प्रारंभ हुई और कुछ विभागों में अब भी लागू किया जान शेष है, वहीं छत्तीसगढ़ सरकार ने 23 अगस्त 2024 को इस परियोजना की शुरुआत कर मात्र एक वर्ष में इसे राज्य के सभी विभागों और जिलों तक सफलतापूर्वक लागू कर एक मॉडल प्रस्तुत किया है।
