Begin typing your search above and press return to search.

CG Furniture Kharidi Ghotala: फ़र्नीचर खरीदी घोटाला: चुनाव आचार संहिता के दौरान पांच करोड़ की फर्जी खरीदी, पूर्व DEO पर भ्रष्टाचार के आरोप

CG Furniture Kharidi Ghotala: सरगुजा जिले में 2024 के लोकसभा चुनाव के समय आदर्श आचार संहिता लागू रहने के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी ने कागजों में पांच करोड़ रुपए की खरीदी कर धांधली की। केवल 70 से 80 लाख की खरीदी को 5 करोड़ की खरीदी बता कर भुगतान कर दिया। मामले में दस्तावेजी प्रमाणों के साथ सरगुजा संभागायुक्त को शिकायत की गई है।

CG Furniture Kharidi Ghotala: फ़र्नीचर खरीदी घोटाला: चुनाव आचार संहिता के दौरान पांच करोड़ की फर्जी खरीदी, पूर्व DEO पर भ्रष्टाचार के आरोप
X
By Radhakishan Sharma

CG Furniture Kharidi Ghotala: अंबिकापुर। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान सरगुजा जिले में आदर्श आचार संहिता लागू रहने के बावजूद शिक्षा विभाग में करोड़ों रुपये की कागजों में सामग्री खरीद और भुगतान किए जाने का गंभीर मामला सामने आया है। इस संबंध में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव परवेज आलम ने सरगुजा आयुक्त से उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। शिकायत के साथ विस्तृत दस्तावेज भी सौंपे गए हैं।

शिकायत में आरोप लगाया गया है कि तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी अंबिकापुर अशोक कुमार सिन्हा के कार्यकाल में लगभग पांच करोड़ रुपये की खरीदी आचार संहिता प्रभावी रहने के बावजूद कर ली गई। यह पूरी प्रक्रिया नियम विरुद्ध और संदिग्ध बताई जा रही है। नियमों के अनुसार चुनाव अवधि में किसी भी प्रकार की खरीद या भुगतान नहीं किया जा सकता, लेकिन इसके विपरीत बड़े पैमाने पर सामग्री खरीदी गई और एकमुश्त भुगतान भी कर दिया गया।

शिकायतकर्ता ने आरटीआई और दस्तावेजों के आधार पर दावा किया है कि स्टेशनरी और कार्यालयीन उपयोग की सामग्रियों की 70 लाख रुपये की वास्तविक खरीद का प्रमाण मिला है, जबकि भुगतान करोड़ों रुपये में किया गया। इससे बिलों में हेराफेरी और भ्रष्टाचार की आशंका मजबूत हो गई है।

इसी अवधि में विज्ञान प्रयोगशाला सामग्रियों की खरीद के लिए 39 लाख 20 हजार रुपये का भुगतान भी किया गया, जबकि आचार संहिता लागू होने के चलते ऐसी किसी भी खरीद पर प्रतिबंध था। इतना ही नहीं, निःशुल्क साइकिल वितरण योजना के तहत 5586 साइकिलों की खरीद और भुगतान भी कर दिया गया, जबकि यह प्रक्रिया आचार संहिता की अवधि में नहीं की जा सकती थी। दस्तावेजों के अनुसार सभी खरीद सीधे पोर्टल से की जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा न कर मनमाने तरीके से ऑफलाइन खरीद की गई।

प्रदेश महासचिव परवेज आलम का कहना है कि यह सिर्फ वित्तीय अनियमितता का मामला नहीं है, बल्कि सरकारी नियमों की खुली अवहेलना का गंभीर उदाहरण है। जब आचार संहिता लागू थी, तब बड़े पैमाने पर खरीद और भुगतान किए जाना संदेह पैदा करता है। उन्होंने कहा कि इस मामले में तत्काल जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।

शिकायत में पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने और पूरे मामले की व्यापक जांच कराने की मांग की गई है। दस्तावेजों में इस अवधि के दौरान किए गए फर्जी भुगतान, अतिरिक्त बिलिंग, तथा अनियमित खरीद के स्पष्ट प्रमाण बताए गए हैं। शिकायत में कहा गया है कि जेम पोर्टल के माध्यम से खरीदी करने के बजाय सीएसआईडीसी के माध्यम से खरीदी की गई और धांधली की गई।

अब पूरा मामला आयुक्त कार्यालय में पहुंच चुका है, जहां प्रकरण की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गई है। यदि जांच में आरोप सही पाए जाते हैं, तो यह शिक्षा विभाग में अब तक का बड़ा भ्रष्टाचार मामला माना जाएगा। इस बीच शिकायतकर्ता ने कहा है कि यदि उच्च स्तरीय जांच नहीं हुई तो वे मामला शासन और पुलिस विभाग के समक्ष भी उठाएंगे। कुल मिलाकर, आदर्श आचार संहिता लागू रहते हुए की गई पांच करोड़ से अधिक की खरीद ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करते हुए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को सामने ला दिया है।



Next Story