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CG Education News: शिक्षक के बाद अब कॉलेज व यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों की लगी कुत्तों की निगरानी की ड्यूटी: उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश

CG Education News: स्कूल के बाद अब कॉलेज व यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों को भी कुत्तों की निगरानी करने की ड्यूटी लगा दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट कॉलेज व यूनिवर्सिटी के लिए निर्देश जारी कर दिया है।

CG Education News: शिक्षक के बाद अब कॉलेज व यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों की लगी कुत्तों की निगरानी की ड्यूटी: उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश
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By Radhakishan Sharma

CG Education News: रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के टीचर कुत्तों की निगरानी कर रहे हैं, बीते दिनों शिक्षकों को सांप व बिच्छू भगाने की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसी कड़ी में अब उच्च शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी कर कॉलेज व यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों को कुत्तों की निगरानी करने का काम सौंप दिया है। उच्च शिक्षा विभाग का यह आदेश सरकारी और प्राइवेट दाेनों कॉलेज व यूनिवर्सिटी में समान रूप से लागू होगा।

जारी आदेश में साफ लिखा है कि कॉलेज और यूनिवर्सिटी कैंपस में आवारा कुत्तों के नियंत्रण, निगरानी और उनसे होने वाली संभावित घटनाओं की रोकथाम की जिम्मेदारी सीधेतौर पर संबंधित संस्थान की होगी। इसके लिए प्रोफेसरों को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा। नोडल अधिकारी स्थानीय प्रशासन, नगर निगम, नगर पालिका या परिषद से लगातार संपर्क और समन्वय बनाए रखेंगे। कैम्पस में आवारा कुत्ता या पशु नजर आता है तो स्थानीय निकाय से संपर्क करेंगे। सरकारी व प्राइवेट कॉलेज व यूनिवर्सिटी में निर्देशों का गंभीरता से परिपालन हो रहा है या नहीं इसके लिए प्रदेश स्तर पर नोडल अधिकारी की नियुक्ति की गई है। कॉलेजों के नोडल अधिकारी सीधेतौर पर प्रदेश स्तर पर बनाए गए नोडल अधिकारी को रिपोर्ट करेंगे। नोडल अधिकारी का नाम, मोबाइल नंबर और हेल्पलाइन की जानकारी कॉलेज व यूनिवर्सिटी के डिस्प्ले बोर्ड पर लगाना भी जरूरी किया गया है। कॉलेज कैम्पस में लगाए गए डिस्प्ले बोर्ड की फोटो नोडल अधिकारी द्वारा उच्च शिक्षा संचालनालय को वॉट्सएप के माध्यम से भेजी जाएगी। इसके लिए विभाग ने मोबाइल नंबर भी जारी किया है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी संस्थानों में आदेश का पालन वास्तव में किया जा रहा है या नहीं।

प्रत्येक कैम्पस में फर्स्टएड बॉक्स की उपलब्धता भी अनिवार्य कर दी गई है। उच्च शिक्षा विभाग ने परिसरों की भौतिक सुरक्षा पर भी जोर दिया है। जहां संभव हो, वहां चारदीवारी को सुरक्षित और सुदृढ़ करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि आवारा पशुओं का प्रवेश रोका जा सके। इसके अलावा किसी भी आपात स्थिति में सहायता के लिए राज्य की हेल्पलाइन नंबर 1100 का प्रचार-प्रसार अनिवार्य किया गया है।

उच्च शिक्षा विभाग के आदेश में यह सब

  • कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में 08 दिसंबर 2025 को हाई कोर्ट द्वारा स्वत: संज्ञान में ली गई जनहित याचिका की सुनवाई और निर्देश के संबंध में आयोजित बैठक के संबंध में बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में इस तरह के निर्णय लिए गए हैं।
  • सभी शिक्षण संस्थान अपने परिसर को आवारा कुत्तों से मुक्त रखने के उपाय किया जाना सुनिश्चित करें।
  • संस्थाओं के परिसरों को आवारा कुत्तों से मुक्त रखने के प्रयासों को सुनिश्चित करने के प्रयोजन से प्रत्येक संस्था में नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाना एवं डिस्प्ले बोर्ड में समस्त जानकारियों तथा हेल्प लाइन नंबर का प्रदर्शन कर फोटोग्राफ को नोडल अधिकारी डॉ. टी. जलजा नायर, उच्च शिक्षा संचालनालय को दूरभाष कमांक में व्हाट्सएप के माध्यम से उपलब्ध करना सुनिश्चित करें। (डिस्प्ले बोर्ड का प्रारुप संलग्न)
  • संस्थाओं में नियुक्त नोडल अधिकारियों को स्थानीय प्रशासन एवं नगर पालिका/परिषदों से सतत् संपर्क एवं सामंजस्य बनाये रखना सुनिश्चित करें।
  • संस्था परिसर के भीतर अथवा बाहर पागल कुत्तों के देखे जाने पर इन्हें हटाने हेतु स्थानीय प्रशासन एवं नगर पालिका/परिषद से संपर्क कर यथाशीघ्र इन्हें सार्वजनिक स्थलों से हटाने के प्रयास किया
  • जाना सुनिश्चित करें।
  • संस्थाओं के परिसर को स्वच्छ बनाये रखना सुनिश्चित करें
  • परिसर में ऐसी कोई खाद्य सामग्री, जिससे आवारा पशु आकर्षित होते है, खुले में न रखे जिससे आवारा पशुओं का प्रवेश संस्था में न हो सके।
  • प्रत्येक संस्था में First Aid Box की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
  • परिसर में आवारा पशुओं के प्रवेश को प्रतिबंधित व नियंत्रित करते हुए इस हेतु नियमित निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
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