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CG-ध्वनि प्रदूषण-जनहित याचिका: कोर्ट ने कहा ''है सब चीज पर सब कागजों में'' मुख्य सचिव से फिर माँगा शपत पत्र

CG-ध्वनि प्रदूषण-जनहित याचिका: कोर्ट ने कहा है सब चीज पर सब कागजों में मुख्य सचिव से फिर माँगा शपत पत्र
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By Sandeep Kumar Kadukar

रायपुर। हाई कोर्ट द्वारा स्वत संज्ञान में ली गई ध्वनि प्रदूषण से संबंधित जनहित याचिका की सुनवाई 5 फरवरी को मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति अरविन्द कुमार की युगल पीठ के समक्ष हुई।

सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति की तरफ से कोर्ट को बताया गया की छत्तीसगढ़ शासन ने 4 नवंबर 2019 को प्रत्येक साउंड सिस्टम और पब्लिक एड्रेस सिस्टम में ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए साउंड लिमिटर लगाना अनिवार्य करा है। अधिसूचना के अनुसार कोई भी निर्माता या व्यापारी या दुकानदार या एजेंसी, ध्वनि सिस्टम या पब्लिक एड्रेस सिस्टम को बिना साउंड लिमिटेड (ध्वनि सीमक) के विक्रय या क्रय या उपयोग या इनस्टॉल नहीं कर सकता और ना ही किराए पर दे सकता है।

अधिसूचना के अनुसार पुलिस प्राधिकारी, नगर पालिक निगम, नगर पालिक परिषद, नगर पंचायत, पंचायत या सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी ध्वनि प्रणाली या लोक संबोधन प्रणाली ध्वनि सीमक लगाए बिना किसी भी शासकीय या गैर शासकीय कार्यक्रम में स्थापित नहीं किया जाएगा या किराए पर नहीं दिए जायेंगे। संबंधित एजेंसी द्वारा सभी अनुज्ञप्ति इस शर्त को शामिल किया जाए। अधिसूचना देखने के बाद कोर्ट ने कहा कि ''है सब चीज पर सब कागजों में है।'' कोर्ट ने मुख्य सचिव से शपथ पत्र मांगा है कि इस अधिसूचना का पालन शब्द: और भावना अनुरुप क्यों नहीं किया गया है। प्रकरण की अगली सुनवाई 23 फरवरी को होगी।

क्या होता है साउंड लिमिटर

साउंड लिमिटर एक प्रकार का छोटा सा उपकरण होता है जो कि ध्वनि विस्तारक यंत्रों के एमप्लीफायर में लगाया जाता है जिसके लगाने उपरांत निर्धारित डेसीबल से ज्यादा ध्वनि निकलने पर ध्वनि विस्तारक यंत्र अपने आप बंद हो जाता है और कुछ साउंड लिमिटर ऐसे आते हैं जिसके कारण ध्वनि विस्तारक यंत्र अगर बंद हो जाते हैं तो 60 मिनट तक दोबारा चालू नहीं होते।

क्या है सजा का प्रावधान उल्लंघन करने पर

अधिसूचना पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 के तहत जारी की गई है। पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम के तहत बने नियमों का उल्लंघन करने पर 5 साल की सजा या रु एक लाख का फाइन या दोनों लगाया जा सकता है और अगर नियमों का उल्लंघन जारी रहता है तो प्रतिदिन रुपए 5000 का फाइन और लगाया जा सकता है।

समिति के डॉक्टर राकेश गुप्ता ने मुख्य सचिव से मांग की है कि प्रदेश के पूरे शहरों में गांव में जगह-जगह डीजे लगी गाड़ियां खड़ी है इनके सब ध्वनि विस्तारक यंत्र तत्काल जप्त कर लेने का आदेश जारी किया जाए और जब भी सड़कों पर डीजे बजे तत्काल ध्वनि विस्तारक यंत्रों और वाहनों की जपती की कार्यवाही होनी चाहिए। पर्यावरण (संरक्षण) मंडल को दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी किए जाने चाहिए।

डॉ राकेश गुप्ता (9424223860), मंजीत कौर बल, व्यासमुनि दिवेदी, डॉ. अनिल जैन, डॉ. दिग्विजय सिंह, डॉ. विकास अग्रवाल, नॉमान अकरम, शरद शुक्ला, हेमंत बैद, अमिताभ दीक्षित एंव सभी सदस्य छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति रायपुर।




Sandeep Kumar Kadukar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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