CG Crime News: छत्तीसगढ़ में दुष्कर्म की रिपोर्ट लिखाने जमीन गिरवी रखकर पुलिस को खिलाना पड़ा मुर्गा-भात
छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में एक अमानवीय घटना सामने आई है। दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज कराने के लिए पीड़ित परिवार को अपनी जमीन गिरवी रखकर पुलिस को मुर्गा भात खिलानी पड़ी है। मुर्गा भात की दावत उड़ाने के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। इस घटना के सामने आने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। मामला पहाड़ी कोरवा महिला के साथ दुष्कर्म का है।
जशपुरनगर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में एक अमानवीय घटना सामने आई है। दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज कराने के लिए पहाड़ी कोरवा पीड़ित परिवार को अपनी जमीन गिरवी रखकर पुलिस को मुर्गा-भात खिलानी पड़ी है। मुर्गा भात की दावत उड़ाने के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। इस घटना के सामने आने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है।
जशपुरनगर जिले के पंडरापाठ चौकी प्रभारी मनीराम साहनी पर दुष्कर्म की रिपोर्ट लिखने के एवज में पहाड़ी कोरवा आदिवासी महिला के पति से मुर्गा और एक हजार रुपये रिश्वत मांगने का आरोप सामने आया है। यही नहीं उसे पत्नी की मेडिकल जांच के लिए वाहन किराए के लिए 500 रुपये, मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराने के लिए दो बार जिला न्यायालय जशपुर आने जाने के लिए 3,500-3,500 रुपये वाहन किराया देना पड़ा। इन रुपयों को चुकाने के लिए उसने 10,000 रुपये में जमीन को गिरवी रखी। पीड़िता के पति ने एसपी शशि मोहन सिंह से मामले की शिकायत की है। इधर, पुलिस ने बलात्कार के आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं रिश्वत मांगने के मामले की जांच एसडीओपी बगीचा को सौंपी गई है।
0 धारा 376 दर्ज करने की जिद पर अड़ा था पति
पुलिस का कहना है कि पीड़िता का पति एफआइआर में धारा 376 लगाने की मांग करते हुए विवाद कर रहा था। चौकी प्रभारी ने उसे बताया कि नए कानून की बीएनएस की धारा 64 के अंर्तगत कार्रवाई की जा रही है। लेकिन आवेदक नहीं माना और उच्चाधिकारियों को शिकायत करने पर अड़ गया।
0 यह है मामला
दो दिसंबर को 29 वर्षीय विवाहिता ने पंडरापाठ चौकी में शिकायत दर्ज कराई थी कि पड़ोस में हो रहे झगड़े का बीच बचाव करने के लिए बाहर आई थी उसी समय आरोपित उसे बलपूर्वक बाड़ी में ले गया। उससे दुष्कर्म किया। मेडिकल में बलात्कार की पुष्टि हुई है।
0 क्या कहते हैं एसपी जशपुर
एसपी जशपुर शशि मोहन सिंह का कहना है कि मामले की जांच का जिम्मा एसडीओपी बगीचा को सौंपा गया है। जांच में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। किसी को बख्शा नहीं जाएगा।