CG Crime News: पुलिसकर्मियों ने नाबालिग बच्चियों को बनाया बंधक! 6 महीने से कर रहे थे टॉर्चर, मार पीट किया और फिर....
CG Crime News: छत्तीसगढ़ के न्यायधानी बिलासपुर जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहाँ रक्षक ही भक्षक बन गया. दरअसल, पुलिस वालों ने दो नाबालिग बच्चियों को बंधक बनाकर रखा और उनसे मजदूरी करवाई. इतना ही नहीं उनसे मार पीट भी की.

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CG Crime News: बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के न्यायधानी बिलासपुर जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहाँ रक्षक ही भक्षक बन गया. दरअसल, पुलिस वालों ने दो नाबालिग बच्चियों को बंधक बनाकर रखा और उनसे मजदूरी करवाई. इतना ही नहीं उनसे मार पीट भी की.
मामला तोरवा थाना क्षेत्र का है. जशपुर की रहने वाली दो बच्चियों जिनकी उम्र 13 साल और 16 साल है. उन्हें उनके रिश्तेदार पढ़ाई कराने की बात कहकर 6 महीने पहले बिलासपुर लेकर आये थे. उनके रिश्तेदार सुधीर कुजूर और अरूण लकड़ा पुलिसकर्मी हैं. दोनों कॉन्स्टेबल हैं. दोनों बच्चियों को सिरगिट्टी क्षेत्र के तिफरा स्थित पुलिस क्वॉर्टर में रखा गया था.
कहने को तो दोनों बच्चियों को पढ़ाई कराने के लिए लाया गया था. लेकिन पुलिस क्वार्टर में रखकर घर का सारा काम कराया जा रहा था. बच्चियों से झाड़ू-पोंछा, बर्तन की सफाई समेत घर का पूरा काम कराया जाता था. इतना ही इसके बावजूद उनसे मारपीट की जाती थी. उन्हें उन्हें डराया धमकाया जाता था. 6 महीने से लगातार उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था.
जिससे तंग आकर रविवार को दोनों बच्चियां ने किसी तरह वहां भागने का प्लान बनाया और उनके चंगुल से छूटकर भाग निकलीं. दोनों बच्चियां एक मोबाइल दुकान पहुंची जहाँ उन्होंने लोगों को अपनी आप बीती सुनाई. लोगों ने इसकी सूचना तत्काल तोरवा पुलिस को दी. पुलिस ने बच्चियों से पूछताछ कर उन्हें सुरक्षा के लिहाज से सखी सेंटर में रखा है. साथ ही पुलिस ने उनके परिजनों को बुलाया है. चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सामने दोनों बच्चियों का बयान दर्ज किया जाएगा. जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी.
इस घटना पर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने सरकार को घेरा है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, "प्रदेश में पहले भाजपा की सरकार थी, तब आदिवासी बच्चियों को बार में शराब परोसने पर मजबूर किया जाता था, जिसकी ट्रेनिंग बाकायदा सरकार करवाती थी. फिर से वही काल लौट आया है. आज प्रदेश की आदिवासी बच्चियों से बंधुआ मजदूरी कराई जा रही है, वो भी पुलिसवालों के द्वारा. यह बच्चियां कल भागने में कामयाब हुई और प्रदेश सरकार की पोल खुल गई. मार्च महीने में प्रदेश की 41 नाबालिग बच्चियां बिहार से रोहतास के रेड लाइट एरिया में मिली थी. पिछले दो सालों में 927 बच्चियों के गुम होने के मामले केवल रायपुर से सामने आए हैं. विष्णुदेव जी, थोड़ा याद दिला दूं जशपुर आपका गृह जिला है, ये नाबालिग बच्चियां आदिवासी हैं."
