CG-कोर्ट ने फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप के खिलाफ FIR का दिया निर्देश, पढ़िए क्या है मामला...
CG-मामले की सुनवाई के बाद ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ने फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश रायपुर पुलिस को दिया है। अधिवक्ता अंजिनेश अंजय शुक्ला ने फिल्म निर्माता के खिलाफ जेएमएफसी कोर्ट में परिवाद दायर किया है।

रायपुर। अधिवक्ता अंजिनेश ने जेएमएफसी कोर्ट में परिवाद दायर कर फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। दायर परिवाद में अधिवक्ता ने इंस्टाग्राम अकाउंट में फिल्म निर्माता द्वारा समुदाय विशेष के खिलाफ अभद्र,अपमानजनक और गैर जिम्मेदाराना टिप्प्णी का हवाला दिया है। अधिवक्ता ने अपने परिवाद में कहा कि फिल्म निर्माता की यह हरकत न केवल सामाजिक सौहार्द को भंग करने वाली है, बल्कि यह विशेष समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली और दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।
अधिवक्ता अंजिनेश अंजय शुक्ला द्वारा प्रस्तुत परिवाद पर सुनवाई करते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी आकांक्षा बेक रायपुर की अदालत ने चर्चित फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 196, 299 एवं 353 के अंतर्गत एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। ये धाराएं संज्ञेय तथा गैर-जमानती प्रकृति की मानी जाती हैं। इस प्रकरण में अधिवक्ता अंजिनेश शुक्ला के अलावा अधिवक्ता निमिष किरण शर्मा एवं संदीप थोरानी ने पैरवी की।
दायर परिवाद में लिखा है कि 18 अप्रैल 2025 को फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट (anuragkashyap10) के माध्यम से समुदाय विशेष के खिलाफ एक आपत्तिजनक और अपमानजनक टिप्पणी की है। विवादित और अपमानजनक टिप्पणी से आहत होकर उसने संबंधित थाना प्रभारी के समक्ष 20.04.2025 को शिकायत दर्ज कराई। उसके द्वारा बार–बार निवेदन करने के पश्चात् थाना प्रभारी व पुलिस अधीक्षक द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद उसने जिला न्यायालय रायपुर में अनुराग कश्यप के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज किए जाने की मांग करते हुए एक परिवाद प्रस्तुत किया।
प्रकरण की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट व देश के विभिन्न हाई कोर्ट के प्रासंगिक निर्णयों का हवाला देते हुए कोर्ट के समक्ष तर्क प्रस्तुत किया कि उक्त टिप्पणी न केवल सामाजिक सौहार्द को भंग करने वाली है, बल्कि यह विशेष समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली और दंडनीय अपराध की श्रेणी में आती है।
न्यायालय ने प्रस्तुत तर्कों और विधिक दृष्टांतों का संज्ञान लेते हुए उन्हें विधिसम्मत माना और फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप के विरुद्ध संबंधित धाराओं में आपराधिक प्रकरण दर्ज करने हेतु संबंधित पुलिस थाने को निर्देशित किया है।