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CG Congress News: PCC चीफ, नेता प्रतिपक्ष बुलाए गए दिल्ली, इस हफ्ते मिल जाएंगे छत्तीसगढ़ के जिलों को नए अध्यक्ष!

CG Congress News: बिहार चुनाव के नतीजों को भूल कर कांग्रेस आलाकमान ने छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष को दिल्ली बुला लिया है। इसमें छत्तीसगढ़ के संगठन में नियुक्तियों के आसार दिख रहे हैं।

CG Congress News: PCC चीफ, नेता प्रतिपक्ष बुलाए गए दिल्ली, इस हफ्ते मिल जाएंगे छत्तीसगढ़ के जिलों को नए अध्यक्ष!
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By Anjali Vaishnav

CG Congress News: रायपुर। छत्तीसगढ़ में संगठन चुनाव का कार्यक्रम सृजन चल रहा है। दीपावली के पहले तक संभावना थी कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व फैसला ले सकता है। उसके बाद बिहार विधानसभा चुनाव के कारण यह लटक गया। कांग्रेस के जिला पर्यवेक्षकों ने दीपावली के पहले ही अपनी ग्राउंड रिपोर्ट दावेदारों की सूची के साथ आलाकमान को सौंप दी है और अब उम्मीद की जा रही है कि इस सप्ताह कभी भी कांग्रेस के नए जिला अध्यक्षों की सूची घोषित की जा सकती है।

कांग्रेस आलाकमान ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज और नेता प्रतिपक्ष डॉ.चरणदास महंत को दिल्ली बुला लिया है। कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिन पायलट और महामंत्रियों की मौजूदगी में कई विषयों पर बात होगी। संभवत: इस चर्चा में राहुल गांधी भी शामिल होंगे। छत्तीसगढ़ के दिग्गज नेताओं श्री बैज और डॉ.महंत के साथ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने नए जिला अध्यक्षों की नियुक्तियों के संदर्भ में अपनी पसंद और योग्य दावेदारों के नाम आलाकमान के सामने पहले ही रख दिया था। माना जा रहा है कि इन दिग्गज नेताओं के समर्थकों, सामाजिक समीकरण और राजनीतिक पृष्ठभूमि को ध्यान में रख कर ही नए जिला अध्यक्षों का फैसला होगा। जिन जिलों में एक साल के भीतर नए अध्यक्ष बनए गए थे, उन्हें चुनाव कार्यक्रम से अलग रखा गया है। मुख्य रूप से रायपुर और बिलासपुर के अध्यक्षों के नामों पर घमासान हो रहा है। इन दोनों संभाग में दिग्गज नेताओं की पसंद के नाम आपस में टकरा रहे हैं। संकेत हैं कि आलाकमान रायपुर, बिलासपुर और सरगुजा के समीकरण को ख्याल रख कर ही फैसला देगा। पर्यवेक्षकों ने हर जिला के लिए छह- छह नामों का पैनल दे दिया है, कुछ जिलों में इससे कम नामों की सूची है। रिपोर्ट के साथ हर दावेदार ने अपनी दावेदारी के पक्ष में संगठन के लिखित सवालों का लिखित जवाब भी दिया है, जिसमें भावी अध्यक्ष के रूप में उनके भावी कार्यक्रमों की जानकारी मांगी गई है। संगठन ने यह भी तय कर दिया है कि जिला अध्यक्ष बनने वाले अब विधानसभा या लोकसभा चुनाव के टिकट की दावेदारी नहीं कर सकेंगे, इस लिहाज से यह तो पहले निश्चित हो जाएगा कि किस जिले में कौन नेता अगला चुनाव नहीं लड़ेगा।

एसआईआर पर बनेगी रणनीति

पार्टी सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में होने वाले मंथन में एक महत्वपूर्ण विषय मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम भी है। छत्तीसगढ़ कें चार नवंबर से कार्यक्रम लागू हो चुका है और चार दिसंबर तक घर- घर संपर्क करने का कार्यक्रम चलेगा। कांग्रेस ने बूथ स्तर के अपने कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी तो दे दी है अब इसे व्यवस्थित तरीके से लागू करना बड़ी चुनौती है। पार्टी नेताओं का मानना है कि चूंकि अभी तक नए जिला अध्यक्ष भी नहीं मिल सके हैं, इस कारण भी एसआईआर में थोड़ी कमजोरी दिख रही है। अभी तो यह पार्टी के वर्तमान विधायक और पूर्व विधायक या प्रत्याशी पर ही पूरा काम निर्भर हो गया है। पार्टी का उद्देश्य है कि नए नाम जुड़ने के साथ पुराने नाम काटे जाते हैं तो उस पर कांग्रेस को बारीकी से निगाह रखनी है। इसके अतिरिक्त बूथ स्तर के कार्यकर्ता इसी बहाने घर- घर जाएंगे तो मतदाताओं से सीधे संपर्क और जुड़ाव का अवसर भी मिल जाता है। दिल्ली की बैठक में एसआईआर को ठीक तरीके से देखने के लिए जिला अध्यक्षों की तत्काल नियुक्ति पर सहमति बन सकती है।

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