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CG CIC Salection: जूनियर IAS अफसरों को दिया गया बॉस का आवेदन जांचने का जिम्मा, GAD ने बनाई CIC सर्च कमेटी...

CG CIC Salection: छत्तीसगढ़ में मुख्य सूचना आयुक्त सलेक्शन के लिए सर्च कमेटी बना दी है। आश्चर्य यह है कि जिस पद के लिए चीफ सिकरेट्री ने आवेदन किया है, उसी राज्य के जूनियर अफसरों की सर्च कमेटी का सदस्य नामित किया गया है। एक तरह से ये चीफ सिकरेट्री के पद और प्रोटोकॉल के खिलाफ होगा। ये तो ही हुआ कि जूनियर अफसरों की सर्च कमेटी अपने बॉस की योग्यता की जांच करेगी। जीएडी का ये ऐसा नासमझी भरा फैसला है, जो सीआईसी की नियुक्ति को कानूनी लफड़े में फंसा देगी। 58 में से नॉन आफिसियल लोग चुप थोड़े बैठेंगे।

CG CIC Salection: जूनियर IAS अफसरों को दिया गया बॉस का आवेदन जांचने का जिम्मा, GAD ने बनाई CIC सर्च कमेटी...
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By Gopal Rao

CG CIC Salection: रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्य सूचना आयुक्त के आवेदनों की स्कूटनी कर पेनल बनाने के लिए एसीएस मनोज पिंगुआ की अध्यक्षता में चार सदस्यीय सर्च कमेटी गठित कर दी है।

सर्च कमेटी में मनोज पिंगुआ के अलावा प्रमुख सचिव पंचायत निहारिका बारिक, प्रमुख सचिव आदिवासी विभाग सोनमणि बोरा और सचिव सामान्य प्रशासन अविनाश चंपावत शामिल हैं।

सीआईसी के लिए सूबे के प्रशासनिक मुखिया अमिताभ जैन ने भी आवेदन किया है। अमिताभ 89 बैच के आईएएस अफसर हैं और नवंबर 2020 से इस पद को संभाल रहे हैं। उन्होंने मुख्य सचिव के तौर पर नवंबर 2024 में चार साल पूरा कर लिया था। सीएस के रूप में चार साल को क्रॉस करने वाले अमिताभ छत्तीसगढ़ के पहले मुख्य सचिव हैं।

सीआईसी सर्च कमेटी में जिन्हें रखा गया है, वे बेहद जूनियर हैं। एसीएस मनोज पिंगुआ 94 बैच के आईएएस हैं। याने अमिताभ से पांच साल जूनियर। इसी तरह निहारिका बारिक 97 बैच, सोनमणि बोरा 99 और अविनाश चंपावत 2003 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। चंपावत अमिताभ जैन से पूरे 14 साल जूनियर हैं।

ब्यूरोक्रेसी में सीनियर, जूनियर बड़ा अहमियत रखा है। फिर जिस अमिताभ जैन को सालों से वे सैल्यूट मारते आए हैं। चार साल से इन अधिकारियों का सीआर भी अमिताभ लिख रहे हैं। ऐसे सीनियर बॉस की योग्यता की जांच ये सर्च कमेटी कैसे कर पाएगी? जाहिर है, आवदेक की योग्यता पर सवाल उठाने का मतलब होगा अपने बॉस पर सवाल खड़ा करना।

जीएडी की चूक

राज्य सरकार की कोशिश है कि यथाशीघ्र सीआईसी का सलेक्शन हो जाए। इसके लिए सर्च कमेटी बनाई गई। सुनने में ये भी आ रहा कि विधानसभा के बजट सत्र में सीआईसी की नियुक्ति हो जाएगी।

मगर सामान्य प्रशासन विभाग से चूक हो गई। सर्च कमेटी में ऐसे रिटायर अधिकारियों या शख्सियतों को रखना था, जिससे कमेटी कटघरे में न आए। मगर जूनियर अफसरों क सर्च कमेटी बनाकर जीएडी ने नाहक प्रक्रिया पर सवाल उठाने का मौका दे दिया।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सर्च कमेटी

पहले मुख्य सूचना आयुक्त या सूचना आयुक्त की नियुक्ति के लिए कोई कमेटी नहीं बनती थी। मगर अंजलि भारद्वाज के केस में सुप्रीम कोर्ट ने सीआईसी नियुक्ति से पहले आवेदनों की स्कू्टनी के लिए सर्च कमेटी बनाने का आदेश दिया था। मगर लगता है जीएडी के अफसर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को समझ नहीं पाए।

ये हैं दावेदार

मुख्य सूचना आयुक्त के लिए चीफ सिकरेट्री अमिताभ जैन, निवर्तमान डीजीपी अशोक जुनेजा, पूर्व मुख्य सचिव आरपी मंडल और पूर्व डीजीपी डीएम अवस्थी, वर्तमान सूचना आयुक्त नरेंद्र शुक्ला, रिटायर आईएएस उमेश अग्रवाल, संजय अलंग, पूर्व सूचना आयुक्त मनोज त्रिवेदी समेत 58 लोगों ने आवेदन किया है।

बजट सत्र में चयन

मुख्य सूचना आयुक्त के चयन के लिए तीन सदस्यीय कमेटी होती है, जिनमें पहला मुख्यमंत्री, दूसरा नेता प्रतिपक्ष और तीसरा मुख्यमंत्री द्वारा नामित मंत्री होते हैं। विधानसभा का बजट सत्र 24 फरवरी से प्रारंभ होने जा रहा है। इसमें मुख्यमंत्री भी रहेंगे और नेता प्रतिपक्ष भी। संकेत हैं कि इसी सत्र में किसी दिन कमेटी नए मुख्य सूचना आयुक्त के नाम पर मुहर लगा देगी।

बड़ी संख्या में वकील, समाजसेवी

सीआईसी के लिए पहली बार 58 आवेदन आए हैं। इनमें बड़ी संख्या में अधिवक्ता, समाजसेवी, एनजीओ और मीडिया वालों के भी आवेदन हैं। जाहिर है, वे सर्च कमेटी पर सवाल खड़ा करने में नहीं चूकेंगे।

Gopal Rao

गोपाल राव: रायपुर में ग्रेजुएशन करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। विभिन्न मीडिया संस्थानों में डेस्क रिपोर्टिंग करने के बाद पिछले 8 सालों से NPG.NEWS से जुड़े हुए हैं। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं।

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