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CG Board, Nigam Posting: बड़ी खबरः 5 नेताओं की बोर्ड, निगमों में नियुक्ति पर लगेगा ब्रेक, रोका जाएगा आदेश? पढ़िए क्या है कारण...

CG Board, Nigam Posting: छत्तीसगढ़ सरकार की घोषणा के बाद बोर्ड और निगमों में पोस्टिंग पाने वाले पांच लोगों की खुशियों पर ब्रेक लग सकता है। ऐसा इसलिए कि पिछली सरकार के समय के कुछ अध्यक्षों ने राज्य शासन के फैसले के खिलाफ बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। याचिका में संवैधानिक व्यवस्था व नियमों का हवाला दिया था। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने राज्य शासन के आदेश पर रोक लगा दी है। लिहाजा पांच लोगों की नियुक्ति पर ब्रेक लग सकता है।

CG Board, Nigam Posting: बड़ी खबरः 5 नेताओं की बोर्ड, निगमों में नियुक्ति पर लगेगा ब्रेक, रोका जाएगा आदेश? पढ़िए क्या है कारण...
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By Radhakishan Sharma

CG Board, Nigam Posting: रायपुर। छत्तीसगढ़ में लाल बत्ती मिलने की अभी ठीक से खुशियां भी नहीं मना पाए थे कि उनकी मायूसी की खबरें तैरने लगी। संवैधानिक व्यवस्था, नियम कानून और बिलासपुर हाई कोर्ट के आदेश से पांच लोगों के लालबत्ती की राह में फिलहाल अड़चनें आ सकती है।

बुधवार रात सरकार द्वारा जारी 36 लालबत्ती की सूची के बाद गुरुवार को उस समय राज्य शासन के आला अधिकारी पशोपेस में पड़ जब हाई कोर्ट के कुछ चुनिंदा अधिवक्ताओं ने सामान्य प्रशासन विभाग में फोन कर अदालती आदेश और स्टे की जानकारी दी।

सूत्रों का कहना है कि स्टे की सूचना के बाद शासन स्तर पर उन पांच निगम और मंडलों के लालबत्ती आदेश को रोका जा सकता है, जिसके मामले हाई कोर्ट में लंबित हैं। चर्चा इस बात की भी है कि राज्य शासन ने उन विभाग के आला अफसरों को आदेश प्रसारित ना करने की हिदायत भी दे दी है।

दिसंबर 2023 में छत्तीसगढ़ की सत्ता में वापसी के बाद भाजपा सरकार ने कांग्रेस शासनकाल के दौरान निगम, मंडल व बोर्ड की नियुक्तियों को रद्द करने आदेश जारी किया था। राज्य शासन के इस आदेश को चुनौती हुए आधा दर्जन से अधिक निगम मंडल व आयोग के अध्यक्षों ने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।

दायर याचिका में संवैधानिक पहलुओं के साथ ही नियमों के अनुसार तय कार्यकाल तक ना हटाने की बाध्यता का हवाला दिया था। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने राज्य शासन के आदेश पर रोक लगा दी थी। यह मामला हाई कोर्ट में लंबित है।

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक के अलावा केश कल्याण बोर्ड, उर्दू बोर्ड, मत्स्य बोर्ड, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सहित चार और बोर्ड व निगमों के अध्यक्षों ने पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा व अधिवक्ता संदीप दुबे के जरिए बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इन सभी याचिकाओं पर हाई कोर्ट ने राज्य शासन के आदेश पर रोक लगा दी है।

अब क्या होगा

हाई कोर्ट की रोक के बाद निगम व मंडलों में नए अध्यक्षों की नियुक्ति कराई जाती है तो यह सीधे-सीधे हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना होगी। ऐसी स्थिति में याचिकाकर्ता अध्यक्षों के द्वारा अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से संबंधित विभाग के अधिकारियों के खिलाफ न्यायालयीन आदेश की अवहेलना करने के आरोप में अवमानना याचिका दायर करेंगे। अवमानना याचिका दायर करने की स्थिति में हाई कोर्ट में अवमानना का मुदकमा चलेगा। अवमानना याचिका से बचने के लिए राज्य सरकार उन पांच लोगों की लालबत्ती आदेश पर रोक लगाएगी जिसका मामला हाई कोर्ट में लंबित है और शासन के आदेश पर कोर्ट ने रोक लगा रखी है।

विभागों से आदेश होंगे जारी

राज्य सरकार सिर्फ निगम, मंडलों में नियुक्ति की लिस्ट फायनल करती है। आदेश निकालने का काम संबंधित विभाग का होता है। मसलन, क्रेडा चेयरमैन का आदेश उर्जा विभाग निकालेगा तो हाउसिंग बोर्ड अध्यक्ष का आदेश आवास पर्यावरण विभाग। लिस्ट फायनल होने के बाद अब नोटशीट चलेगी। विभाग से नोटशीट चलकर सामान्य प्रशासन होते हुए मुख्यमंत्री तक पहुंचेगी। मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद फिर विभाग से आदेश जारी होगा।

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