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CG Ambikapur News: जिले की सीमा पर हाथियों का डेरा, सैकड़ों ग्रामीणों ने छोड़ा गांव, वन विभाग की टीम कर रही निगरानी

CG Ambikapur News: अंबिकापुर जिले की सीमा से सटे क्षेत्रों में 35 हाथियों का दल विचरण कर रहा है। ग्रामीणों के दो घरों को भी हाथियों ने तोड़ दिया है और फसलों को नुकसान पहुंचाया है। हाथियों के डर से सैकड़ो ग्रामीणों ने गांव छोड़ शहर में रात बिताई है।

CG Ambikapur News: जिले की सीमा पर हाथियों का डेरा, सैकड़ों ग्रामीणों ने छोड़ा गांव, वन विभाग की टीम कर रही निगरानी
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By Radhakishan Sharma

CG Ambikapur News: अंबिकापुर। शहर की सीमा से सटे क्षेत्रों में एक बार फिर हाथियों का आतंक बढ़ गया है। देर रात 35 हाथियों का दल महामाया पहाड़ के पास स्थित हाथी पखना इलाके में पहुंचा, जिससे ग्रामीणों में दहशत फैल गई। जानकारी के अनुसार, हाथी दल ने खैरबार और अमेराडुगु गांव में दो ग्रामीणों के घरों को तोड़ दिया है, वहीं खेतों में लगी फसलों को भी नुकसान पहुंचाया है। हाथियों के डर से सैकड़ों ग्रामीण अपने घर छोड़कर अंबिकापुर शहर की ओर शरण लेने पहुंचे हैं। ग्रामीणों ने शहर में अपनी रात गुजारीहै।

हाथियों के आतंक की सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर गजदल की गतिविधियों पर नजर रख रही है। ग्रामीणों को जंगल की ओर न जाने और रात में घरों से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है। बताया जा रहा है कि इस दल में करीब 35 हाथी शामिल हैं, जो पिछले कुछ दिनों से सरगुजा और कोरिया जिले के सीमावर्ती इलाकों में विचरण कर रहे हैं।

उत्खनन के चलते शहर की ओर आ रहे हाथी

विशेषज्ञों का कहना है कि हाथी-मानव संघर्ष की यह स्थिति अचानक नहीं बनी है। हसदेव अरण्य क्षेत्र में चल रहे उत्खनन और वनों की अंधाधुंध कटाई से हाथियों का पारंपरिक मार्ग नष्ट हो गया है। केंद्रीय वन्य पर्यावरण संरक्षण संस्थान ने पहले ही चेतावनी दी थी कि यदि हसदेव अरण्य में खनन जारी रहा, तो वन्य जीवों और मानव के बीच संघर्ष बढ़ेगा। खासकर हाथियों के अनियंत्रित आवागमन से ग्रामीण इलाकों में नुकसान की घटनाएं लगातार बढ़ेंगी। फिलहाल, वन विभाग की टीम सतर्कता बरतते हुए गजदल की हर गतिविधि पर नजर रखे हुए है और ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए गश्त बढ़ा दी गई है।

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