Begin typing your search above and press return to search.

CG एडिशनल डायरेक्टर सस्पेंड: कोरोनाकाल में खरीदी में घपला, चिकित्सा शिक्षा विभाग के तत्कालीन एडिशनल डायरेक्टर निलंबित

CG Additional Director suspended: कोरोना काल में दवा, लैब, सामग्री उपकरण मैं वित्तीय अनियमितता बरतने वाले चिकित्सा शिक्षा विभाग के तत्कालीन एडिशनल डायरेक्टर रहे डॉक्टर निर्मल वर्मा को निलंबित कर दिया गयाहै। वर्तमान में वे पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में पीएसएम विभाग के एचओडी हैं।

CG एडिशनल डायरेक्टर सस्पेंड: कोरोनाकाल में खरीदी में घपला, चिकित्सा शिक्षा विभाग के तत्कालीन एडिशनल डायरेक्टर निलंबित
X
By Sandeep Kumar

CG Additional Director suspended रायपुर। कोरोनाकाल में 2 करोड़ 65 लाख रुपए की खरीदी में घपला करने वाले चिकित्सा शिक्षा विभाग के एडिशनल डायरेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है। विधानसभा में प्रश्न उठने के बाद उन्हें निलंबित किया गया है। वर्तमान में निर्मल वर्मा जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में पीएसएम विभाग के एचओडी हैं।

डॉ निर्मल वर्मा चिकित्सा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक थे। डॉक्टर वर्मा को कोरोना के दौरान अप्रैल 2020 को वित्तीय अधिकार दिया गया था। तब तत्कालीन डीएमई डॉक्टर एसएस आदिले को रिटायर होने के बाद संविदा में एक्सटेंशन दिया गया था। संविदा अधिकारी होने के चलते डीएमई को वित्तीय अधिकार नहीं था। बल्कि उनकी जगह डॉक्टर वर्मा को डीडीओ पावर दिया गया था। कोरोना की लहर में सभी मेडिकल कॉलेज में वायरोलॉजी लैब के लिए किट से लेकर पीपीई किट, मास्क और उपकरणों की खरीदी की गई थी। जिसमें जमकर धांधली की गई।

शासन के नियमानुसार एक लाख से ज्यादा की खरीदी के लिए टेंडर की जाती है। लेकिन डॉक्टर वर्मा ने तब वित्तीय अधिकार होने का दुरुपयोग करते दो करोड़ 65 लाख 29 हजार 296 रुपए के क्रय आदेश कोटेशन के आधार पर कर लिया। इस मामले में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जांच की। जांच रिपोर्ट में घोर वित्तीय अनियमितता पाई गई। 6 सितंबर 2022 को डॉक्टर वर्मा के खिलाफ कार्यवाही की अनुशंसा की गई थी पर फाइल डेढ़ साल से दबी थी। विधानसभा के ग्रीष्मकालीन सत्र में मार्च में विधानसभा में मामला उठने पर शासन ने डॉक्टर वर्मा को आरोप पत्र दिया।

डॉक्टर वर्मा खरीदी में अनियमितता समेत चार मामलों में दोषी पाए गए थे। साथ ही 7 लाख 30 हजार रुपए के फर्नीचर व कंप्यूटर की खरीदी का अधिकार नहीं होने के बाद भी डॉक्टर वर्मा ने किया था। उन्होंने यह खरीदी छत्तीसगढ़ नर्सेस काउंसिल कार्यालय के लिए की थी। डॉक्टर वर्मा ने दुर्ग के निजी कॉलेज के लिए बीएससी नर्सिंग की 40 सीट की मान्यता देने की अनुशंसा की थी, जो नियमों के विपरीत थी। घोर वित्तीय अनियमितता के चलते डॉक्टर वर्मा को निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय मेडिकल कॉलेज कांकेर नियत किया गया हैं।

Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

Read MoreRead Less

Next Story