CG ACB Raid: सहायक अभियंता, पटवारी गिरफ्तार... बिजली कनेक्शन देने के एवज में 25 हजार की रिश्वत लेते ACB ने असिस्टेंट इंजीनियर को पकड़ा...
CG ACB Raid: छत्तीसगढ़ एसीबी ने भ्रष्ट अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई की है। एसीबी की टीम ने रिश्वतखोर पटवारी और बिजली विभाग के सहायक अभियंता को गिरफ्तार किया है।

CG ACB Raid: रायपुर। छत्तीसगढ़ में भ्रष्ट अधिकारियों पर एसीबी ने बड़ा एक्शन लिया है। रिश्वत लेते दो अधिकारियों को पकड़ा है। रायपुर में पदस्थ बिजली विभाग के सहायक अभियंता को 25 हजार की रिश्वत और कोरबा के एक पटवारी को किसान से 10 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया है।
रायपुर में बिजली विभाग के सहायक अभियंता गिरफ्तार
पीड़ित बी. शिवाजी राव निवासी चरोदा, भिलाई द्वारा एंटी करप्शन ब्यूरो रायपुर में शिकायत की गई कि उसके द्वारा एसी सर्विस के व्यवसाय चालू करने हेतु 12 किलोवाट थ्री-फेस बिजली कनेक्शन की आवश्यकता होने से छ0ग0 राज्य विद्युत वितरण कंपनी चंगोराभाठा जोन में आवेदन किया था।
थ्री-फेस बिजली कनेक्शन देने के एवज में छग राज्य विद्युत वितरण कंपनी चंगोराभाठा जोन में पदस्थ सहायक अभियंता प्रवीण साहू के द्वारा 25,000 रू. रिश्वत की मांग की गई। प्रार्थी रिश्वत नहीं देना चाहता था, बल्कि उसे रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था।
शिकायत के सत्यापन पश्चात एसीबी रायपुर द्वारा ट्रेप आयोजित कर आज रिश्वत की राशि 25,000 रू. लेते हुये सहायक अभियंता प्रवीण साहू को रंगे हाथों पकड़ा। आरोपी को गिरफ्तार कर उसके विरूद्ध धारा 7 पीसीएक्ट 1988 के प्रावधानों के तहत् कार्यवाही की जा रही है।
कोरबा में पटवारी गिरफ्तार
दूसरा मामला कोरबा का है। समर सिंह, निवासी दुल्लापुर पाली, जिला कोरबा द्वारा एंटी करप्शन ब्यूरो बिलासपुर में शिकायत की कि वह 40 वर्षो से ग्राम दुल्लापुर में करीब सवा तीन एकड़ जमीन पर काबिज होकर खेती कर रहा है।
राजस्व रिकार्ड में प्रार्थी का नाम ऑनलाइन दर्ज करने के एवज में पाली में पदस्थ पटवारी सुल्तान सिंह बंजारा के द्वारा 25,000 रू. रिश्वत की मांग की थी। पीड़ित पटवारी को रिश्वत नहीं देना चाहता था, बल्कि उसे रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। अतः शिकायत के सत्यापन पश्चात एसीबी बिलासपुर द्वारा ट्रेप आयोजित कर आज 21 अप्रैल को रिश्वत के प्रथम किश्त 10,000 रू. लेते हुये पटवारी सुल्तान सिंह बंजारा को रंगे हाथों पकड़ा गया। आरोपी को गिरफ्तार कर उसके विरूद्ध धारा 7 पीसीएक्ट 1988 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जा रही है।