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Blaudabazar: कमजोर कलेक्टर, संवेदनशील जिला, ट्रिपल चार्ज में कमिश्नर, फिर तो बलौदा बाजार में नारायणपुर कांड होना ही था

Blaudabazar: छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले में दो दिन से सतनामी समुदाय का जैतखाम विवाद आज अपरान्ह ऐसा रौद्र रुप ले लिया कि भीड़ कलेक्ट्रेट में घुस गई। लोगों ने जमकर तोडफोड़ की, 50 से अधिक गाड़ियां फूंक दिया। प्रशासन पूरी तरह फेल हो गया।

Blaudabazar: कमजोर कलेक्टर, संवेदनशील जिला, ट्रिपल चार्ज में कमिश्नर, फिर तो बलौदा बाजार में नारायणपुर कांड होना ही था
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By Sandeep Kumar Kadukar

Blaudabazar: रायपुर। बलौदा बाजार के जैतखाम विवाद आज दोपहर बाद अचानक उग्र रुप ले लिया। जबकि, आज ही छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने जैतखाम में तोड़फोड़ केस की जांच का ऐलान किया था। मगर जांच के ऐलान के कुछ घंटे बाद ही गुस्साए लोग कलेक्ट्रेट में घुस गए। ऐसा उपद्रव का ऐसा नंगा नाच हुआ कि उसकी फोटो और वीडियो देखकर लोग हिल गए। जिसको जो मिला, उसे या तो तोड़ दिया या फिर आग के हवाले कर दिया। मंजर यह था कि कलेक्ट्रेट की बिल्डिंग से चारों तरफ आग की लपटे दिखाई पड़ रही थी। भीड़ में महिलाएं भी शामिल थीं। कलेक्ट्रेट परिसर में 100 से अधिक दो पहिया और चार पहिया गाड़ियों में भीड़ ने आग लगा दी।

दुबके सरकारी कर्मचारी, अधिकारी

भीड़ का उपद्रव देखकर एकबारगी लगा कि सिस्टम फेल हो गया है। कोई किसी को बचाने की स्थिति में नहीं था। घटना से घबराये कलेक्ट्रेट के अधिकारी, कर्मचारी कमरों में दुबक गए। महिला कर्मचारी डर के मारे बाथरुम में छिप गई या फिर टेबल के नीचे बैठ गईं। पुलिस बेबस और मूकदर्शक थी। क्योंकि, पुलिस से अधिक तैयारी में भीड़ कलेक्ट्रेट में घुसी थी। एक तो अचानक सब कुछ हुआ कि कोई समझ नहीं पाया।

प्रशासन फेल

जिस जिला प्रशासन पर जिले के लोगों की जान-माल का दायित्व होता है, वही प्रशासन दुबका नजर आया। न कोई कानून बच गया था और न ही कोई व्यवस्था। सतनामी समाज की भीड़ कलेक्ट्रेट में हिंसा कर रही थी और प्रशासन शीर्षासन कर रहा था।

संवेदनशील जिले, कमजोर कलेक्टर

लोकसभा चुनाव 2024 से कुछ दिन पहले बलौदा बाजार-भाटापारा जिले के कलेक्टर चंदन कुमार को हटाकर केएल चौहान को लाया गया था। चौहान इससे पहले सारंगढ़ के कलेक्टर थे। चौहान हमेशा विवादों में रहे हैं। सारंगढ़ में मास्टरों को जनपद सीईओ बना दिया था। कांकेर कलेक्टर रहे तो पीएम के कार्यक्रम से पहले उन्होंने पीडब्लूडी के ईई को न केवल बुरा-भला कहा था बल्कि थाने में बिठा दिया था। कांकेर के किसी पत्रकार के ग्रप में आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग भी। इस प्रकरण के बाद राज्य सरकार ने चौहान को हटा दिया था। मगर सरकार बदली तो वे सारंगढ़ के कलेक्टर बन गए। और बाद में बलौदा बाजार जैसे बड़े और संवेदनशील जिला का दायित्व मिल गया। चौहान जैसे अफसरों को भीड़ को हैंडिल करने का तजुर्बा नहीं होता। अगर प्रशासन ने पहले से ही चाक-चौबंद तैयारी कर ली होती तो आज की शर्मनाक घटना नहीं होती। बताते हैं, बलौदा बाजार में आज सुबह से छत्तीसगढ़ से समनामी समुदाय के लोगों का जमवड़ा लगने लगा था। याने तैयारी पहले से थी। मगर बलौदा बाजार प्रशासन सोता रहा।

कमिश्नर ट्रिपल चार्ज में

कलेक्टरों की मानिटरिंग करने के लिए कमिश्नर पोस्ट किया जाता है। छत्तीगसढ़ में पांच डिविजन हैं और पांच कमिश्नर होना चाहिए। मगर रायपुर कमिश्नर डॉ0 संजय अलंग को लोकसभा चुनाव के दौरान बिलासपुर कमिश्नरी का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया। उसके बाद हाल में उन्हें हार्टिकल्चर यूनिवर्सिटा कुलपति का प्रभार सौंपा गया है। रायपुर, बिलासपुर कमिश्नर बोले तो आधा छत्तीसगढ़। उपर से स्टेट यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर भी। संजय अलंग अगर सिर्फ रायपुर के चार्ज में होते तो कलेक्टर को गाइड करते या फिर मालूम है कि वहां तनाव बढ़ रहा है तो खुद ही पुलिस के अधिकारियों को लेकर बलौदा बाजार पहुंच जाते। मगर ऐसा हुआ नहीं। और छोटा सा केस ठीक से हैंडिल न होने से नेशनल मीडिया का सुर्खिया बन गया।

नारायणपुर कांड

इससे पहले ऐसी घटना 3 जनवरी 2023 को बस्तर के नारायणपुर में हुई थी। जब आदिवासी समाज के लोग चर्च परिसर में घुस गए थे। उन्हें रोकने की कोशिश हुई तो भीड़़ कलेक्ट्रेट परिसर की तरफ घुसने लगी। पथराव में नारायणपुर एसपी सदानंद का सिर फट गया था। मगर वे जख्मी होने के बाद भी मौके पर डटे रहे। तब उग्र भीड़ चर्च में घुसने का प्रयास कर रही थी।

सुकमा कलेक्ट्रेट में धुसी भीड़

20 मार्च 2022 को इसी तरह सर्व आदिवासी समाज के युवा सुरक्षाकर्मियों को धक्का देते हुए सुकमा के कलेक्ट्रेट में घुस गए थे। वे नौकरी और आरक्षण को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपना चाह रहे थे। मगर कलेक्टर से मुलाकात नहीं हुई। इससे उनका गुस्सा भड़क गया। करीब घंटा भर तक सुकमा कलेक्ट्रेट में हंगामा खड़ा करने के बाद वे वरिष्ठ नेताआेंं की समझाइस पर वापस लौटे। उस घटना को लेकर पूरे प्रदेश में बवाल हुआ था। धुर नक्सल इलाके के कलेक्ट्रेट में यूं ही पब्लिक के घुस जाने पर तब कांग्रेस सरकार पर सवाल खड़े किए गए थे।

नीचे देखें NPG के यू ट्यूब चैनल पर घटनास्थल का वीडियो


Sandeep Kumar Kadukar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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