Begin typing your search above and press return to search.

Bilaspur Railway Bribery Case: SECR में ठेके के नाम पर बड़ा खेला, 32 लाख घूस लेते पकड़ाए चीफ इंजीनियर, CBI ने किया गिरफ्तार

Bilaspur Railway Bribery Case: SECR के चीफ इंजीनियर विशाल आनंद को ठेका दिलाने के नाम पर 32 लाख रुपये रिश्वत लेते सीबीआई ने रंगेहाथों गिरफ्तार किया है। रेलवे में ठेका के नाम पर बड़ा खेला हो रहा है।

Bilaspur Railway Bribery Case: SECR में ठेके के नाम पर बड़ा खेला, 32 लाख घूस लेते पकड़ाए चीफ इंजीनियर, CBI ने किया गिरफ्तार
X
By Neha Yadav

Bilaspur Railway Bribery Case: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर रेलवे मंडल में रिश्वतखोरी के एक बड़े मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने बड़ी कार्रवाई की है. सीबीआई ने रेलवे के चीफ इंजीनियर विशाल आनंद (Chief Engineer Vishal Anand) को गिरफ्तार कर लिया है।

रेलवे में करोड़ों का ठेका दिलाने के एवज में SECR चीफ इंजीनियर विशाल आनंद ने ठेकेदार से डील किया। बात 32 लाख में तय हो गया है। रिश्वत की 32 लाख राशि रांची में भाई कुणाल आनंद को देना तय हुआ था। जैसे ही ठेकेदार के कर्मचारी ने राशि चीफ इंजीनियर के भाई को सौंपी सीबीएआई ने रंगेहाथों पकड़ लिया।सीबीएआई को जानकारी मिली। सीबीएआई ने कगीफ इंजीनियर को मौके पर ही रकम के साथ अरेस्ट कर लिया है। ठेके के नाम पर रिश्वतखोरी के इस मामले में सीबीएआई ने झाझरिया निर्माण लिमिटेड के बिलासपुर के कार्यालय में छापा मार कार्रवाई की है।

सीबीएआई ने इस मामले में विशाल आनंद के भाई कुणाल आनंद, रिश्वत देने वाले ठेकेदार सुशील झाझरिया, और उसके कर्मचारी मनोज पाठक को भी हिरासत में लिया है। जांच और पूछताछ यह बात में सामने आई कि चीफ इंजीनियर ने रेलवे के करोड़ों रुपए का ठेका झाझरिया कंपनी को दिलाने के एवज में ठेकेदार से 32 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। सीबीआई के अनुसार, 21 अप्रैल को विशाल आनंद ने ठेकेदार सुशील झाझरिया से उसकी कंपनी के ऑफिस में मुलाकात की।

रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए

रेलवे अधिकारी ने रेलवे में ठेका दिलाने के लिए ठेकेदार से 32 लाख रुपए रिश्वत की मांग की। चीफ इंजीनियर विशाल ने रिश्वत की रकम को सीधे लेने की बजाय रांची में अपने भाई कुणाल आनंद को देने के लिए कहा। कंपनी के एमडी इसे लेकर तैयार हो गए। बातचीत के अनुसार, सुशील झाझरिया ने अपने कर्मचारी मनोज पाठक को रिश्वत की राशि लेकर रांची भेजा। जैसे ही मनोज पाठक ने 32 लाख रुपए कुणाल आनंद को दिए, सीबीआई की टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया। बरामद की गई राशि चीफ इंजीनियर के भाई के कब्जे से मिली है। सीबीआई के अनुसार, यह रिश्वत ठेकेदार की कंपनी झाझरिया निर्माण लिमिटेड द्वारा बड़ा प्रोजेक्ट पाने के लिए दी गई थी। इन प्रोजेक्ट में रेलवे ओवर ब्रिज (ROB), रेलवे अंडर ब्रिज (RUB), पुल निर्माण और ट्रैक-लाइनिंग जैसे काम होते हैं।

बिलासपुर में कंपनी के दफ्तर पर छापा

सीबीआई की 8 से 10 सदस्यीय टीम ने ठेकेदार के बिलासपुर स्थित कार्यालय में छापा मारा। टीम ने कंपनी के दस्तावेज, फाइलें और डिजिटल डेटा की गहन तलाशी ली।कई प्रमुख दस्तावेज जब्त किए गए हैं। रेलवे अधिकारियों से भी पूछताछ की जा रही है। बताया जा रहा है कि इस कंपनी को रेलवे के करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट मिले भी हैं। संदेह है कि ये सारे ठेके मिलीभगत और घूसखोरी से ठेकेदार ने हासिल तो नहीं किया है

Neha Yadav

नेहा यादव रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएट करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। पिछले 6 सालों से विभिन्न मीडिया संस्थानों में रिपोर्टिंग करने के बाद NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहीं है।

Read MoreRead Less

Next Story