Bilaspur News: वाहन चेकिंग के नाम पर वसूली का आरोप: प्रताड़ना से त्रस्त एनटीपीसी कर्मचारी ने खाया जहर, व्यापारी ने भी की वसूली की शिकायत
Bilaspur News: बिलासपुर जिले की सीपत थाना पुलिस पर वसूली के गंभीर आरोप लगे हैं। एनटीपीसी कर्मचारी की गाड़ी पकड़ कर कार्यवाही का डर दिखा 50 हजार की मांग की गई। जिससे भयभीत और मानसिक रूप से प्रताड़ित एनटीपीसी कर्मी ने जहर सेवन कर लिया। अपोलो हॉस्पिटल में इलाज के दौरान उसकी स्थिति गंभीर है। जबकि दूसरे मामले में व्यापारी ने सीपत पुलिस पर गाड़ी पकड़ कर कार्रवाई के नाम पर डरा कर 50 हजार की मांग और फोन पे के माध्यम से 24 हजार रूपये के रिश्वत देने की शिकायत की है। एसएसपी शिकायतों की एडिशनल एसपी से जांच करवा रहे हैं।

Bilaspur बिलासपुर। बिलासपुर जिले की सीपत थाना पुलिस पर वाहन चेकिंग के नाम से वसूली करने का दो अलग– अलग मामलों में गंभीर आरोप लगा है। पहले मामले में जहां व्यापारी से शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामले में गाड़ी जप्ती का भय दिखा 24 हजार रुपए फोन पे के माध्यम से ले लिए गए,वही एनटीपीसी कर्मचारी से भी वसूली के लिए दबाव बनाया गया।
एनटीपी सीपत में शराब पीकर गाड़ी चलाने का आरोप लगाकर एनटीपीसी के कर्मचारी से 50 हजार की मांग की गई। पुलिसकर्मियों की धमकी से सहमे कर्मचारी ने घर पहुंचकर जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया। गंभीर कर्मचारी को अपोलो में भर्ती कराया गया है, जहां पर उनका उपचार चल रहा है। कर्मचारी की पत्नी ने पूरे मामले की शिकायत एसएसपी कार्यालय में की है। दोनों मामलों में मिली शिकायत के बाद एसएसपी रजनेश सिंह ने एडिशनल एसपी को जांच के निर्देश दिए है।
सीपत के उज्जवल नगर एनटीपीसी कालोनी में रहने वाले धीरेंद्र मंजारे(35) एनटीपीसी के एचआर विभाग में काम करते हैं। उनकी पत्नी रामेश्वरी ने बताया कि रविवार को धीरेंद्र शराब लेने के लिए शराब दुकान गए थे। वहां से जब वे शराब लेकर निकल रहे थे तभी सीपत थाने के कुछ जवानों ने उन्हें पकड़ लिया। उनके स्कूटी क्रमांक सीजी 10 एटी 7944 को ला कर थाने में खड़ा कर दिया गया।
थाने में धीरेंद्र से 50 हजार की मांग की गई। रुपये नहीं मिलने पर 185 की कार्रवाई कर गाड़ी जप्त करने की धमकी दी गई। इससे कर्मचारी सहम गया। कार्रवाई की धमकी देकर उन्हें तत्काल रुपये लाने के लिए कहा गया। तब कर्मचारी अपने घर जाने के लिए थाने से निकले। भारी राशि एक मुश्त देने के दबाव के चलते मानसिक रूप से परेशान कर्मचारी ने रास्ते में जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया। इसके बाद उन्होंने पूरे मामले की जानकारी अपनी पत्नी रामेश्वरी को दी। तब रामेश्वरी ने पति की तलाश कर उन्हें एनटीपीसी अस्पताल पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें अपोलो रेफर कर दिया गया। अपोलो में भर्ती कर धीरेंद्र का इलाज किया जा रहा है। जहां उनकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है।
मामले में एनटीपीसी कर्मी की पत्नी रामेश्वरी मंजारे ने एसएसपी कार्यालय में आवेदन देकर शिकायत की है। आरोप लगाया गया है कि सीपत पुलिस के द्वारा अवैध रूप से धन की मांग और मानसिक प्रताड़ना दिए जाने के चलते उनके पति ने आत्महत्या का प्रयास किया है। कर्मी की पत्नी ने घटना की निष्पक्ष जांच और दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्यवाही की मांग की है।
व्यवसायी से भी की 24 हजार की वसूली:–
सीपत नवाडीह चौक के पास रहने वाले अविनाश सिंह ठाकुर नवाडीह चौक किराना दुकान चलाते हैं। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि वे रविवार पांच अक्टूबर को अपने दोस्त रवि कश्यप के साथ बुलेट क्रमांक सीजी 04 के एक्स 3880 में किसी काम से सीपत थाने गए थे। थाने में ही थाना प्रभारी गोपाल सतपथी और आरक्षक उनके पास आए। उन्होंने व्यवसायी को 185 की कार्रवाई के नाम पर धमकाया। बिना कार्रवाई के छोड़ने के लिए उनसे 50 हजार रुपये की मांग की गई। व्यवसायी ने डर कर आनलाइन रुपये ट्रांसफर करने की बात कही। तब थाने में ही प्राइवेट कंप्यूटर आपरेटर का काम करने वाले राजेश्वर कश्यप के खाते में 24 हजार रुपये ट्रांसफर करने के लिए कहा गया। आनलाइन रुपये मिलने के बाद उनके वाहन को छोड़ दिया गया।
फिर उसी दिन रात 10 बजे उनकी बाइक को सुमित मेडिकल स्टोर के सामने से जप्त कर फिर से थाने लाया गया। इसके बाद उनके वाहन पर 185 की कार्यवाही की गई। जबकि उनके साथी रवि कश्यप के खिलाफ आबकारी एक्ट 36(च) के तहत कार्रवाई की गई।
अविनाश सिंह ठाकुर ने अपनी दि गई शिकायत में लिखा है कि पुलिसकर्मियों ने उनके ऊपर झूठे आरोप लगाकर दबाव बनाया और धन वसूला,जो थाना प्रभारी और एएसआई कि मिलीभगत से होना प्रतीत होता है। उन्होंने एसएसपी से निष्पक्ष जांच की मांग की है।
एएसआइ की भूमिका संदिग्ध:–
बताया जाता है कि थाने में पदस्थ एएसआइ सहेत्तर कुर्रे की भूमिका पूरे मामले में संदिग्ध है। उसने व्यवसायी की गाड़ी को उसके दुकान के सामने से उठाया। इसी तरह उसी के इशारे पर जवानों ने एनटीपीसी के कर्मचारी की गाड़ी जब्त कर रुपये मांगे। इससे पहले एएसआइ पर एक युवती ने अपने पिता से मारपीट और रुपये की मांग के आरोप लगाए थे। युवती और उसके पिता इसकी शिकायत करने एसएसपी कार्यालय पहुंचे थे। एसएसपी से मिलने से पहले ही एएसआइ ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सीपत से पहले एएसआइ की पोस्टिंग पचपेड़ी थाने में थी। वहां पर कोचियों से सांठगांठ के आरोप लगे थे।
185 में जितना जुर्माना उससे अधिक की अवैध वसूली का आरोप:–
शराब पीकर वाहन चलाने पर मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 185 के तहत कार्यवाही होती है। इसमें वाहन जब्त कर लिया जाता है। वाहन चालक को खुद या अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट में प्रस्तुत होकर 10 हजार 500 का जुर्माना पटाना पड़ता है,तब गाड़ी सुपुर्दनामा के आदेश जारी किए जाते है। वही आम जनता को कानून की जानकारी नहीं होने पर कुछ पुलिसकर्मी कार्यवाही का भय दिखा इससे कहीं अधिक राशि वसूल लेते है।
सीपत पुलिस के खिलाफ हुई दोनों शिकायतों में भी ऐसा ही मामला सामने आया है। यदि पुलिस शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामले में कार्यवाही कर गाड़ी जप्त कर भी लेती तो भी अदालत से साढ़े दस हजार का जुर्माना होता। पर दोनों शिकायत कर्ताओं से बिना कार्यवाही गाड़ी छोड़ने के नाम से 50 हजार रुपए की मांग की गई। इनमें से एक ने डर और मानसिक प्रताड़ना के चलते जहर खा लिया और इस स्थिति गंभीर हो गई। वही दूसरे व्यापारी ने 24 हजार रूपये ऑनलाइन रिश्वत दे दी। जबकि यदि पुलिस कार्यवाही करती भी तो अदालत में इन्हें साढ़े दस हजार का चालान पटाना पड़ता और एनटीपीसी कर्मी की जहर खाकर स्थिति गंभीर भी नहीं होती।
वही कुछ ऐसी जानकारी भी है कि विभिन्न शराब दुकानों के आस पास मुखबिर तैनात रहते है और शराब पीकर या शराब लेकर निकलने वाले वाहन चालकों की जानकारी पुलिस को दे दी जाती है। फिर कुछ पुलिसकर्मी ऐसे वाहन चालकों को टारगेट कर रोकते है और वसूली का खेल शुरू होता है। इसमें कार्यवाही होने पर जितने का जुर्माना है उससे कही अधिक की वसूली कार्रवाई का डर दिखाकर की जाती है।
एडिशनल एसपी करेंगे जांच:–
दोनों मामले में शिकायत मिलने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने मीडिया को बताया कि एडिशनल एसपी से निष्पक्ष जांच करवाई जाएगी। यदि घटना में किसी भी पुलिस कर्मचारियों को दोषी पाया जाता है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
