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Bilaspur News: उद्योगपति प्रवीण सोमानी अपहरण कांड में आरोपियों को हाईकोर्ट से जमानत, निचली अदालत ने सुनाई थी आजीवन कारावास की सजा

Bilaspur News: फैसले के खिलाफ आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपील याचिका पेश की थी। आज चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई।

Bilaspur News: उद्योगपति प्रवीण सोमानी अपहरण कांड में आरोपियों को हाईकोर्ट से जमानत, निचली अदालत ने सुनाई थी आजीवन कारावास की सजा
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By Sandeep Kumar

Bilaspur News बिलासपुर। बहुचर्चित उद्योगपति प्रवीण सोमानी अपहरण कांड में आरोपियों को आज हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। इससे पहले सत्र न्यायालय ने आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। मामले में चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने माना कि पुलिस की विवेचना में पर्याप्त साक्ष्य का अभाव है। साथ ही मुख्य आरोपी अब भी फरार है।

बता दे 8 जनवरी 2020 को रायपुर के प्रसिद्ध उद्योगपति प्रवीण सोमानी का अपहरण कर्ताओं ने अपहरण कर लिया था

सोमानी अपने घर से फैक्ट्री के लिए निकले थे इसी दौरान उनका अपहरण हुआ था। मामले में 10 जनवरी को राजधानी पुलिस ने अपहरण, आपराधिक षड्यंत्र का जुर्म दर्ज किया था। डीजीपी ने उद्योगपति की सकुशल बरामदगी के लिए कई टीमें बनाई थी। एसएसपी आरिफ हुसैन की टीम ने 22 जनवरी को उत्तरप्रदेश से बरामद किया था। पुलिस ने मामले में डॉक्टर आफताब

आलम, अनिल चौधरी, मुन्ना नाहक, शिशिर स्वाईं, प्रदीप भुईंया, तूफान गोंड और आफताब आलम अंसारी को गिरफ्तार किया था। पांच अन्य आरोपी फरार थे। गिरफ्तार आरोपियों को रायपुर के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश लीलाधर साय यादव ने 16 अगस्त 2023 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

फैसले के खिलाफ आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपील याचिका पेश की थी। आज चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई। आरोपियों के वकीलों ने तर्क दिया कि मुख्य आरोपी को पुलिस अभ भी फरार बता रही है। फिरौती मांगने का कोई साक्ष्य पुलिस ने प्रस्तुत नहीं किया है। जिस गाड़ी को पुलिस रिकवरी कर जब्ती बता रही है वह गाड़ी आरोपी अनिल चौधरी की ही है। बरामद संपत्ति को विवादित तरीके से जप्त किया गया है। एक आरोपी आफताब आलम अंसारी को पुलिस ने आरोपी तो बनाया है पर उससे ना तो कोई जब्ती है ना ही उसका मेमोरेंडम कथन लिया गया है। शक के आधार पर आरोपी बनाया गया है। पुलिस आपराधिक षड्यंत्र साबित नहीं कर सकी। सबूत के अभाव में भी अदालत ने सजा दी है।

सुनवाई के बाद अदालत ने माना कि पुलिस की विवेचना में पर्याप्त साक्ष्यों का अभाव है। साथ ही कई आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए है। शक के आधार पर सजा देना उचित नहीं मानते हुए अदालत ने आरोपियों की जमानत याचिका स्वीकार कर ली।

65 पुलिसकर्मियों को मिला था इंक्रीमेंट

उद्योगपति प्रवीण सोमानी अपहरण कांड के जांच दल में शामिल आईजी डॉ. आनंद छाबड़ा, एसएसपी आरिफ शेख, एएसपी पंकज चंद्रा, तारकेश्वर पटेल समेत सभी सीएसपी, टीआई, प्रधान आरक्षक और आरक्षक को गृहमंत्री ने कुल ढाई लाख रुपए नगद पुरस्कार से पुरस्कृत किया था। साथ ही टीम में शामिल 65 पुलिसकर्मियों को इंक्रीमेंट का लाभ दिया गया था। ऐसा ही एक चर्चित अपहरण कांड बिलासपुर में विराट अपहरण कांड हुआ था। हालांकि अपहरण कांड को सुलझा आरोपियों की गिरफ्तारी करने वाले व विराट की सकुशल रिहाई करवाने वाले तत्कालीन बिलासपुर आईजी प्रदीप गुप्ता, एसपी अभिषेक मीणा समेत पुलिस टीम के लिए इंक्रीमेंट जैसी कोई घोषणा तत्कालीन सरकार ने नही की थी।

Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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