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Bilaspur News: तहसीलदार हड़ताल, SLR को दिया तहसीलदारों का चार्ज...

Bilaspur News: पिछले आठ दिनों से तहसीलदारों/ नायब तहसीलदारों के धरने के चलते कार्य प्रभावित होने को देखते हुए बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने एक आदेश जारी कर तहसीलों और उप तहसीलों का प्रशासनिक प्रभार एसएलआर को सौंप दिया है। स्कूल कॉलेज के विद्यार्थियों को आय जाति निवास प्रमाण पत्र नहीं बनने से एडमिशन में मुश्किलें आ रही थीं। अब उन्हें राहत मिलेगी।

Bilaspur News: तहसीलदार हड़ताल, SLR को दिया तहसीलदारों का चार्ज...
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur News: बिलासपुर। तहसीलदारों की हड़ताल के चलते काम प्रभावित होने पर बिलासपुर कलेक्टर ने एसएलआर को तहसीलदार का आदेश सौंपने के आदेश जारी किया है। पिछले आठ दिनों से तहसीलदारों की हड़ताल चल रही है जिससे कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जुलाई अगस्त के महीने में स्कूल कॉलेज में आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र एडमिशन के लिए आवश्यक है पर तहसीलदारों की हड़ताल के चलते यह महत्वपूर्ण कार्य भी नहीं हो रहा है। विद्यार्थियों की समस्या को देखते हुए बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने वैकल्पिक व्यवस्था बनाई है और जिले के सभी तहसीलों में एसएलआर को तहसीलदार का कार्य प्रशासनिक कार्य निपटाने हेतु जारी किया गया है।

पिछले आठ दिनों से प्रदेशभर के तहसीलदार और नायब तहसीलदार अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल में हैं। उनकी मांगें हैं कि प्रत्येक तहसील में दो कुशल ऑपरेटर, कप्यूटर,प्रिंटर, स्कैनर और इंटरनेट हो। वाहन,ईंधन चालक की स्थाई व्यवस्था,नेट भत्ता व तकनीकी मानदेय, काम के अनुसार स्टाफ का वितरण हो। इसके अलावा नायब तहसीलदारों को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा दिए जाने संबंधित अन्य मांगें हैं।

मांगें पूरी नहीं होने से पिछले आठ दिनों से तहसीलदारों/ नायब तहसीलदारों की हड़ताल जारी है। तहसीलदार संभाग मुख्यालयों में धरने पर बैठे हुए हैं। एक दिन प्रदेशभर के नायब तहसीलदार/ तहसीलदारों ने राजधानी में भी धरना दिया था। इस दिन उन्होंने सचिव स्तर की वार्ता की पर वार्ता विफल रहीं।

वहीं हड़ताल के चलते तहसीलों में काम ठप्प हो गए। बीस हजार से अधिक मामले आठ दिनों में ही पेंडिंग हो गए। किसानों के अलावा फौती,बंटवारा और अन्य प्रकरण लंबित हों गए है। सबसे ज्यादा असर विद्यार्थियों को पड़ रहा है। दरअसल जुलाई– अगस्त के महीने में स्कूल,कॉलेजों,आईटीआई आदि में एडमिशन होते है। एडमिशन के लिए आय,जाती,निवास प्रमाण पत्रों की आवश्यकता होती है। पर तहसीलदारों की हड़ताल के चलते सभी अटक गए हैं।

बिलासपुर कलेक्टर ने जारी किया आदेश

विद्यार्थियों की समस्याओं को देखते हुए बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने एसएलआर को विभिन्न तहसीलों और उप तहसीलों तहसीलदार का प्रशासनिक प्रभार सौंपा है। अब तहसीलदारों के प्रशासनिक कार्यों के अलावा विद्यार्थियों के जाति,निवास,आय प्रमाण पत्र आदि एसएलआर बना सकेंगे और विद्यार्थियों को राहत मिलेगी।

कार्यपालिक दंडाधिकारी की भी मिली शक्तियां

जारी आदेश के तहत अधीक्षक भू अभिलेख और सहायक अधीक्षक भू अभिलेख को तहसीलदारों की तरह कार्यपालिक दंडाधिकारी की भी शक्तियां प्रदान की गई हैं। अब वे कार्यपालिक दंडाधिकारी की तरह 151,107,16 ( शांति भंग) प्रतिबंधात्मक प्रकरणों की सुनवाई कर सकेंगे और लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन कर सकेंगे। इसके अलावा मर्ग/ पंचनामा भी एसएलआर करेंगे।

राजस्व प्रकरण नहीं सुन सकेंगे

कलेक्टर ने यह आदेश जरूरी कामों को निपटाने के लिए किया है। इसके तहत कार्यपालिक दंडाधिकारी की तरह लॉ एंड ऑर्डर में सुनवाई की शक्तियां तो एसएलआर को होंगी पर राजस्व कोर्ट अर्थात राजस्व प्रकरणों में सुनवाई का अधिकार उनके पास नहीं होगा। अर्थात, नामांतरण,सीमांकन, बटांकन, बंटवारा और राजस्व संबंधी प्रकरणों की सुनवाई एसएलआर नहीं कर सकेंगे।

इस संबंध में एडीएम डॉक्टर ज्योति पटेल ने बताया कि "तहसीलदारों/ नायब तहसीलदारों के सामूहिक अवकाश में जाने पर जिलाधीश महोदय ने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत एसएलआर को तहसीलों और उप तहसीलों का प्रशासनिक प्रभार सौंपा है। हालांकि यह प्रशासनिक कार्य ही निपटाएंगे। इन्हें राजस्व कोर्ट के सुनवाई का अधिकार नहीं दिया गया है"

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