Bilaspur News: शिक्षक और छात्रा से 71 लाख की ठगी, Fir दर्ज, जानिए पूरा मामला
Bilaspur News: ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब करने का झांसा दे शिक्षक से 48 लाख रुपए की ठगी कर ली गई। वही एमबीए छात्रा से क्रिप्टोकरंसी में निवेश करने पर मुनाफे का इलाज़ देकर 23 लाख की ठगी की गई। दोनों मामलों में पुलिस ने अपराध दर्ज किया है।

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Bilaspur News बिलासपुर। मुनाफे का झांसा देकर सायबर ठगों ने शासकीय शिक्षक से कुल 71 लाख रुपए की ठगी कर ली। पुलिस ने मामले में जुर्म दर्ज किया है। वहीँ, हाईकोर्ट में नौकरी के लिए रिश्वत देने वाले युवक पर भी पहली बार अपराध दर्ज किया गया है। इसी तरह अधिग्रहित जमीन को बेचने के मामले में भी जुर्म दर्ज किया गया है। सभी अलग-अलग थाना क्षेत्र का मामला है।
सरकंडा के मोपका विवेकानंद नगर कालोनी में रहने वाले सौरभ साहू(38) शिक्षक हैं। उनकी पोस्टिंग बेमेतरा जिले के कठियाराका स्थित आत्मानंद इंगलिश मिडियग स्कुल में है। शिक्षक ने पुलिस को बताया कि कुछ दिन पहले उनके मोबाइल पर अनजान नंबर से वाट्सएप पर मैसेज आया। इसमें आनलाइन पार्ट टाइम जाब के संबंध में जानकारी थी। मैसेज करने वाले ने उन्हें हेल्सबर्ग डायमंड टेंडर कंपनी में निवेश करने पर अधिक मुनाफा होने की बात कही। इस पर शिक्षक ने भरोसा करके 10 हजार 500 रुपये निवेश कर दिया। दूसरे ही दिन कंपनी के वेबसाइड पर उन्हें पांच हजार 500 का मुनाफा दिखने लगा। इसके बाद उन्हें आगे निवेश करने के लिए कांट्रेक्टर साइन करने के लिए कहा गया। कांट्रेक्ट समाप्त होने से पहले रुपये नहीं निकलने की बात कही गई। इस पर उन्होंने आनलाइन कांट्रेक्ट साइन करके जालसाजों के बताए खातों में करीब 48 लाख रुपये जमा कर दिए। जब उन्होंने अपने रुपये निकलाने की कोशिश की तो 29 लाख रुपये कमीशन के जमा करने के लिए कहा गया। तब उन्हें ठगी का एहसास हुआ। उन्होंने इसकी जानकारी अपने पिता और परिवार के सदस्यों को दी। इसके बाद उन्होंने पूरे मामले की रेंज साइबर थाने में शिकायत की है। पीड़ित ने बताया कि उन्होंने मुनाफे के लालच में अलग-अलग बैंकों से लोन लिया है। साथ ही घर के जेवर को गिरवी रखकर करीब नौ लाख रुपये उधार लिए हैं।
हाईकोर्ट में नौकरी के लिए रुपये देने वाले युवक के खिलाफ भी जुर्म दर्ज
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के अनुभाग अधिकारी नारायण प्रसाद केला ने पुलिस को बताया कि हाई कोर्ट ने कई बार उच्च न्यायालय या जिला न्यायालय में नौकरी के लिए जालसाजों के झांसे में ना आने की हिदायत दी है। इसे हाई कोर्ट के वेबसाइट के साथ ही आम सूचना का प्रकाशन कराया है। इसके बाद भी कई लोग हाई कोर्ट या अन्य न्यायालय में नौकरी पाने के लिए रुपये दे रहे हैं। इसे न्यायालय ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने बताया कि कोरबा जिले के दीपका में रहने वाले संजय दास(33) ने हाई कोर्ट में नौकरी पाने के लिए जय सिंह राजपूत और उसके साथी को पांच लाख रुपये दिए। नौकरी नहीं लगने पर उसने दीपका थाने में शिकायत की है। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इसे न्यायालय की छवि धुमिल करने का प्रयास माना है। न्यायालय ने संजय दास के खिलाफ धोखाधड़ी का जुर्म दर्ज करने आदेश जारी किया है। इस पर पुलिस ने धारा 420 के तहत जुर्म दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
एमबीए की छात्रा से हो गई 23 लाख की धोखाधड़ी
चकरभाठा क्षेत्र के रामा वैली बोदरी में रहने वाली अंकिता साहू(25) एमबीए की पढ़ाई कर रही हैं। उनके मोबाइल पर 13 जनवरी की शाम अनजान नंबर से काल आया। फोन करने वालों ने उन्हें क्रिप्टो करंसी में निवेश करने पर ज्यादा मुनाफे का लालच दिया। जालसाजों के झांसे में आकर छात्रा ने 10 हजार रुपये आनलाइन ट्रांसफर किए। इसमें उन्हें एक हजार 500 रुपये का मुनाफा आनलाइन दिखाया। आगे निवेश के लिए उन्हें कांट्रेक्ट साइन करने और निवेश करने के लिए कहा गया। उनकी बातों में आकर छात्रा ने अलग-अलग बैंक एकाउंट में जमा कर दिए। छात्रा ने बताया कि उसने अपने एकाउंट के साथ ही अपनी मां अंबिका साहू, बहन अस्मीता साहू के बैंक एकाउंट से रुपये ट्रांसफर किए थे। छात्रा ने जब अपने रुपये वापस लेने की बात कही तो उनसे कमीशन की मांग की गई। तब उन्हें ठगी की जानकारी हुई। छात्रा की शिकायत पर पुलिस ने जुर्म दर्ज कर मामले को जांच में लिया है।
जमीन को बेचने का झांसा देकर छह लाख लिए
विनोबा नगर में रहने वाले जमीन व्यवसायी आशीष पांडेय काे सड़क के लिए अधिग्रहित जमीन को बेचने का झांसा देकर छह लाख 20 हजार की ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ित ने बताया कि बहतराई निवासी रामसनेही सूर्यवंशी ने अपनी आठ डिसमिल जमीन को बेचने की बात कही थी। इस पर व्यसायी ने अलग-अलग कर रामसनेही को छह लाख रुपये दे दिए। बाद में पता चला कि किसान के नाम पर वहां जमीन नहीं है। जिस जमीन को वह बेचने की बात कह रहा है उसे पीडब्लूडी ने पहले ही सड़क के लिए अधिग्रहित कर लिया है। व्यवसायी की शिकायत पर पुलिस ने जुर्म दर्ज कर मामले को जांच में लिया है।
