Bilaspur News: शादी के पहले नहीं था कोई बंधन, प्रेम विवाह के बाद खींच गई जाति की दीवारें
Bilaspur News: प्रेम प्रसंग के दौरान युवती ने अपने प्रेमी को बताया था कि वह अनुसूचित जाति की है। बताया इसलिए भी था कि उसका प्रेमी उच्च वर्ग से आता था। सब-कुछ जानने के बाद प्रेमी युवक ने शादी करने का प्रस्ताव युवती को दिया।
Bilaspur News: बिलासपुर। प्रेम प्रसंग के दौरान युवती ने अपने प्रेमी को बताया था कि वह अनुसूचित जाति की है। बताया इसलिए भी था कि उसका प्रेमी उच्च वर्ग से आता था। सब-कुछ जानने के बाद प्रेमी युवक ने शादी करने का प्रस्ताव युवती को दिया।
घर वालों की रजामंदी के बाद 21.नवंबर .2017 को सगाई की और तीन दिन बाद 23.नवंबर .2017 को आर्य समाज मंदिर, रायपुर में विवाह कर लिया। विवाह के बाद वही जाति का बंधन आड़े आने लगा। पत्नी ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने पति के खिलाफ एट्रोसिटी का मामला दायर कर मामला कोर्ट में पेश कर दिया। मामले की सुनवाई के बाद स्पेशल कोर्ट एट्रोसिटी ने दोषी करार दिया है। स्पेशल कोर्ट के फैसले को पति ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने स्पेशल कोर्ट के फैसले का बरकरार रखते हुए अपील खारिज कर दी है।
अंजुषा चांदने, और वाराणसी निवासी रत्नाकर पाण्डेय निवासी में आपस में प्रेम संबंध था। रत्नाकर ने अंजुषा के समक्ष शादी का प्रस्ताव रखा। विवाह का प्रस्ताव मिलने के बाद अंजुषा ने रत्नाकर को बताया कि वह अनुसूचित जाति समुदाय से है। अंजुषा के द्वारा बताए जाने के बाद उसने जाति बंधन को ना मानने व उससे शादी करने के लिए सहमत हो गया। 14.अगस्त .2017 को दोनों पक्षों के परिवार के सदस्यआपस में मिले और शादी के लिए सहमति व्यक्त कर दी। इसके बाद अंजुषा और रत्नाकर लगभग एक महीने तक एक साथ रहे। लीव इन में रहने के बाद 21.नवंबर .2017 को सगाई के बाद 23.नवंबर .2017 को आर्य समाज मंदिर, रायपुर में विवाह कर लिया।
शादी के तुरंत बाद रत्नाकर का व्यवहार बदल गया और अंजुषा को परेशान करना शुरू कर दिया। वह उसे दिल्ली और उसके बाद वाराणसी ले गया और उसे एक होटल में रखा। अंजुषा की सास ने भी दहेज की मांग को लेकर उसे परेशान किया। 9. मई .2018 को अंजुषा ने अजाक पुलिस रायपुर में शिकायत दर्ज कराई। 9.सितंबर .2018 को काउंसलिंग की गई और वह काउंसलिंग में उपस्थित हुई। अंजुषा के पति, ससुर और इनका भाई भास्कर काउंसलिंग में आए और उन्होंने आगे की जांच के लिए 15 दिनों का समय मांगा।
जब वे पुलिस स्टेशन से बाहर आ रहे थे, तब रत्नाकर ने अपनी पत्नी अंजुषा को धमकी दी कि वह अनुसूचित जाति समुदाय से है और अगर वह उनके घर आई, तो वे उसकी हत्या कर देंगे। जब उसने अपने कपड़े और गहने वापस मांगे, तो उन्होंने उसके कपड़ों और आभूषणों के बदले 1,51,000/- रुपए का चेक दिया साथ ही फिर धमकी दी कि अगर उसने पुलिस में शिकायत की तो वे उसे मार डालेंगे। इसके बाद इन अंजुषा ने ससुराल वालों के खिलाफ रायपुर अजाक थाने में शिकायत दर्ज की। शिकायत के आधार पर पुलिस ने जुर्म दर्ज कर मामला कोर्ट में पेश किया। अपील की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले काे बरकरार रखते हुए अपील खारिज कर दी है।