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Bilaspur News: नौकरी लगाने के नाम पर एक करोड़ की ठगी, 500 रुपये में प्रिंट कराते थे नियुक्ति पत्र

Bilaspur News: सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर लोगों को झांसे में लेकर ठगी करने वाले गिराेह का पुलिस ने ना केवल भांडाफोड़ किया है,वरन मास्टर माइंड सहित गिरोह के सदस्यों को पकड़ लिया है। फर्जी नियुक्ति पत्र के जरिए 26 लोगों से एक करोड़ से ज्यादा की ठगी गिरोह के सदस्यों ने किया है। पुलिस ने कलर फर्जी नियुक्ति पत्र और 13 लाख रुपये की जब्ती भी बनाई है।

Bilaspur News: नौकरी लगाने के नाम पर एक करोड़ की ठगी, 500 रुपये में प्रिंट कराते थे नियुक्ति पत्र
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By NPG News

Bilaspur News:बिलासपुर। सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर लोगों को झांसे में लेकर ठगी करने वाले गिराेह का पुलिस ने ना केवल भांडाफोड़ किया है,वरन मास्टर माइंड सहित गिरोह के सदस्यों को पकड़ लिया है। फर्जी नियुक्ति पत्र के जरिए 26 लोगों से एक करोड़ से ज्यादा की ठगी गिरोह के सदस्यों ने किया है। पुलिस ने कलर फर्जी नियुक्ति पत्र और 13 लाख रुपये की जब्ती भी बनाई है।

गिरोह के झांसे में आकर अपनी गाढ़ी कमाई का बढ़ा हिस्सा लुटाने वाले चार बेरोजगारों ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों के खाते में तीन लाख रुपए फ्रिज किए गए है। वहीं 13 लाख रुपए नगद के अलावा फर्जी नियुक्ति पत्र और फर्जी सेवा पुस्तिका भी जब्त की गई है। मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है।

सिविल लाइन पुलिस को सूचना मिली कि संगठिततौर पर राज्य के अलग-अलग जिलों के बेरोजगार युवाओं को पीडब्ल्यूडी,पुलिस , जेल, पीएचई विभाग, वन व शिक्षा विभाग में नौकरी लगाने का झांसा देकर मोटी रकम लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र दी जा रही है। एक पीड़ित अभ्यर्थी के परिजनों ने सिविल लाइन पुलिस से संपर्क कर इसकी जानकारी दी और बताया कि उनके घर के बच्चे ने नौकरी लगाने के नाम से लाखों रुपए दिए हैं। उसे फर्जी नियुक्ति पत्र भी थमा दिया गया है। समझाने पर वह समझने को तैयार नहीं है और नकली नियुक्ति पत्र को ही असली नियुक्ति पत्र समझ रहा है। इसकी सूचना सिविल लाइन टीआई एसआर साहू ने एसपी रजनेश सिंह को दी। सूचना को गंभीरता से लेते हुए एसपी रजनेश सिंह ने एडिशनल एसपी राजेंद्र जायसवाल को मामले की जांच करने और आरोपियों की धरपकड़ का निर्देश दिया था।

जांच के दौरान पुलिस को सूचना मिली कि कपिल गोस्वामी नामक व्यक्ति अपने साथियों के साथ गिरोह बनाकर फर्जी नियुक्ति पत्र थमा कर बेरोजगारों को सरकारी नौकरी लगाने का झांसा दे कर लाखों रुपए की वसूली कर रहा है। यह भी पता चला कि वह कवर्धा में ऐसे मामले में पूर्व में भी गिरफ्तार हो चुका है।

गोविंद चंद्रा, नंद कुमार शांडिल्य, नीतीश कुमार ने बताया कि कपिल गोस्वामी एवं उसके साथी गुरु शंकर दिव्य, ईश्वर चौहान एवं इनके अन्य सदस्यों को 22 लाख रुपए अलग-अलग नौकरी लगवाने के नाम से दिया है। प्रार्थियों की रिपोर्ट पर धोखाधड़ी, कूटरचना एवं संगठित अपराध की धारा में चार अलग-अलग एफआईआर दर्ज किया गया है। टीम ने छापामार कार्रवाई के दौरान कपिल गोस्वामी, गुरु शंकर दिव्य, पुरुषोत्तम तिवारी तथा राजेंद्र पलांगे को घर से गिरफ्तार किया। बड़ी संख्या में प्रार्थियों के नाम से बने फर्जी नियुक्ति पत्र, फर्जी सेवा पुस्तिका, अलग-अलग शासकीय विभागों की सील मुहर, एवं जेल प्रहरी की वर्दी जब्त की गई।

500 रुपए में छपवाते थे कलर नियुक्ति पत्र

गिरोह का मास्टरमाइंड कपिल गोस्वामी है, जो अपने साथियों के साथ मिलकर ठगी को अंजाम देता था। गिरोह में शामिल पुरुषोत्तम तिवारी जो बिलासपुर के उसलापुर निवासी है वह 500–500 रुपए में फर्जी नियुक्ति पत्र की छपाई करता है। इसके अलावा गिरोह के बाकी साथी कपिल गोस्वामी की ऊंची पहुंच का बेरोजगारों व परिजनों को झांसा देते हैं। रौब जमाने के लिए मास्टर माइं कपिल गोस्वामी इनोवा गाड़ी में ड्राइवर और बॉडीगार्ड लेकर चलता है।

0 ऐसे देते थे ठगी को अंजाम

मास्टर माइंड गोस्वामी अपने साथी सरपंच प्रतिनिधि ईश्वर चौहान, गुरू दिव्यशंकर, राजेश पलांगे के साथ मिलकर शासकीय नौकरी की चाह रखने वाले बेरोजगारों की पहचान करते थे और उन्हें शासकीय नौकरी लगाने का प्रलोभन देते थे। सरपंच प्रतिनिधि ईश्वर चौहान, गुरू दिव्यशंकर, राजेश पलांगे एवं अन्य साथी बेरोजगार युवकों को इस बात का भरोसा दिलाते थे कि कपिल गोस्वामी का संपर्क सभी शासकीय विभागों में है। जब बेरोजगार युवक इनके झांसे में आ जाते थे, तब अलग-अलग शासकीय विभागों में नौकरी के एवज में पद के अनुसार कीमत बताई जाती थी। युवकों को फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र दिखाकर डाॅक्यूमेंट वेरीफिकेशन के नाम पर उनके ओरिजनल डाॅक्यूमेंट रखकर वेरिफिकेशन के बाद नियुक्ति पत्र देने का आश्वासन देते थे। कपिल गोस्वामी शातिर ठग है। 0 पहले खुद हुआ ठगी का शिकार,फिर बन गया गिरोह का मेंबर

सीएसपी निमितेश सिंह ने NPG.NEWS को बताया कि मामले में शामिल आरोपी जैजैपुर सक्ती के रहने वाले राजेंद्र फलांगे ने पहले मुख्य आरोपी कपिल गोस्वामी को खुद पांच लाख रुपए वन विभाग में नौकरी लगवाने के लिए दिया था। पर उसकी नौकरी नहीं लग सकी। जिस पर उसने कपिल गोस्वामी से पैसे वापस मांगे। पर कपिल ने पैसे वापस करने से इaकार कर दिया। कपिल ने राजेंद्र को कहा कि तुम भी हमारे सिंडिकेट से जुड़ जाओ और नौकरी के लिए बेरोजगार युवकों को लेकर आओ और अपना पैसा वसूल लो।

0 गिरफ्तार आरोपी

कपिल गोस्वामी उर्फ कपिलेश्वर निवासी अकलतरा जिला जांजगीर चांपा, गुरु शंकर दिव्य जैजैपुर जिला सक्ती, राजेंद्र फलांगे जैजैपुर जिला सक्ती,तथा फर्जी नियुक्ति पत्र छापने वाले पुरुषोत्तम तिवारी निवासी उसलापुर जिला बिलासपुर को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा कुछ अन्य आरोपीरी फरार हैं जिनकी तलाश जारी है। मामले में एडिशनल एसपी राजेंद्र जायसवाल ने बताया कि अन्य पीड़ितों के भी आने पर पृथक– पृथक अपराध पंजीबद्ध किया जाएगा।

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