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Bilaspur News: बड़े प्राइवेट अस्पताल पर प्रशासन का होगा कब्जा, हाईकोर्ट ने स्टे से किया इनकार, 30 साल से बिना लीज चलाया अस्पताल और वसूला मोटा किराया...

बिलासपुर। हाईकोर्ट ने मिशन अस्पताल की याचिका खारिज कर दी है। बेदखली नोटिस का सोमवार को आखिरी दिन है। इसके बाद शुरू होगा काउंट डाउन। बता दे वर्ष 1966 में इस अस्पताल की लीज 1994 तक के लिए बढ़ाई गई थी। 1994 में लीज खत्म होने के बाद पिछले 30 साल से बिना लीज के इसमें अस्पताल संचालक के अलावा व्यावसायिक उपयोग के लिए देकर लाखों रुपए किराया वसूला जा रहा है।

Bilaspur News: बड़े प्राइवेट अस्पताल पर प्रशासन का होगा कब्जा, हाईकोर्ट ने स्टे से किया इनकार, 30 साल से बिना लीज चलाया अस्पताल और वसूला मोटा किराया...
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By Sandeep Kumar

बिलासपुर। शहर के सबसे पुराने व बड़े प्राइवेट अस्पताल मिशन अस्पताल परिसर में जिला प्रशासन ने कब्जा लेने की तैयारी शुरू कर दी है। जिला प्रशासन व नजूल शाखा की बेदखली नोटिस के खिलाफ मिशन अस्पताल प्रबंधन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रोक की मांग की थी। हाईकोर्ट ने प्रशासनिक कार्रवाई को सही ठहराते हुए नोटिस की तामिली पर स्टे देने से मना करते हुए याचिका खारिज कर दी है।

कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर नजूल विभाग ने परिसर को खाली करने मिशन अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी किया था। नजूल विभाग ने इसके लिए सात दिन की मोहलत दी थी। नजूल विभाग द्वारा जारी बेदखली नोटिस और समय पर नजर डालें तो सोमवार को तय समय सीमा का आखिरी दिन है। इसे देखते हुए माना जा रहा है कि सोमवार के बाद किसी भी दिन मिशन अस्पताल परिसर पर जिला प्रशासन अपना कब्जा कर लेगा। जिला प्रशासन व नजूल शाखा द्वारा जारी नोटिस को चुनौती देते हुए मिशन अस्पताल प्रबंधन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। अस्पताल प्रबंधन ने इस पर स्टे की मांग की थी। मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने स्टे देने से मना करते हुए याचिका को खारिज कर दिया है।

1994 में खत्म हो गई है लीज की अवधि, तीस साल से बिना लीज वसूला किराया

मिशन अस्पताल की स्थापना साल 1885 में हुई। मिशन अस्पताल को लीज पर दिया गया। था। सन 1966 को लीज के नवीनीकरण के लिए प्राप्त आवेदन पर साल 1994 तक के लिए लीज बढ़ाई गई थी। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने लीज का नवीनीकरण नहीं कराया है। लीज के साथ यह शर्त भी रखी गई थी कि बिना कलेक्टर की अनुमति के इसके निर्माण में बदलाव नहीं किया जायेगा और व्यवसायिक गतिविधियां संचालित नहीं की जाएगी। बावजूद इसके बिना अनुमति और लीज की अवधि समाप्त होने के बाद भी व्यावसायिक उपयोग के लिए परिसर को किराए पर देकर लाखों रुपए किराया पिछले 30 सालों से वसूला जा रहा है।

वही नवीनीकरण के लिए पेश किए गए आवेदन को नजूल न्यायालय ने वर्ष 2024 में खारिज कर दिया। नजूल न्यायायलय के खिलाफ मिशन प्रबंधन ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लेकिन उच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश जारी करने से इंकार कर दिया।

परिसर को दिया किराए पर

मिशन अस्पताल प्रबंधन पर यह भी आरोप है कि चैरेटी के लिए जिस जमीन को लीज पर दी गई है वहां अस्पताल प्रबंधन ने किराए पर देकर धनोपार्जन कर रहा है। इसे लेकर भी जिला प्रशासन से शिकायत की गई है।

नजूल के हिस्से आएगी बेशकीमती जमीन

नजूल द्वारा मिशन अस्पताल परिसर पर कब्जा करने के बाद बेशकीमती जमीन उसे मिलेगी। यह जमीन नजूल की है। शहर के हिसाब से मौके की जमीन पर व्यावसायिक काम्पलेक्स से लेकर जिला प्रशासन अपनी आय बढ़ाने के हिसाब से इस जमीन का बेहतर उपयोग कर सकती है।

अरबों रुपए की इस जमीन के पट्टे की शर्तों में बिना कलेक्टर की अनुमति के निर्माण में बदलाव और व्यावसायिक उपयोग न करने की शर्त भी थी। पर शर्तों का उल्लंघन कर इसका व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा था। और परिसर को किराए पर देकर लाखों रुपए मासिक की आमदनी प्राप्त की जा रही थी। आज रविवार को कलेक्टर अवनीश शरण और निगम कमिश्नर अमित कुमार ने मौके का स्थल निरीक्षण कर वस्तु स्थिति का जायजा भी लिया है। अरबों रुपए की इस जमीन को अब कलेक्टर के आदेश से जिला प्रशासन नजूल की जमीन में तब्दील कर देगा। अब इस जमीन को जिला प्रशासन अपने आधिपत्य में लेकर जनता के हित के लिए उपयोग किया जाएगा।

इनको दिया गया किराए में और अन्य उपयोग के लिए

यह जमीन डायरेक्टर क्रिश्चियन वूमेंस बोर्ड ऑफ मिशन हॉस्पिटल बिलासपुर, तहसील व जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़ को आवंटित की गई थी। यह मोहल्ला चांटापारा शीट नंबर 14 प्लाट नंबर 20/1 एवं 21 रकबा 382711 एवं 40500 वर्कफीट है। उक्त भूमि के पट्टे के नवीनीकरण हेतु रमन जोगी के द्वारा आवेदन प्रस्तुत किया गया था। पट्टे की लीज अवधि की समाप्ति 31 मार्च 1994 को थी।

इसके पूर्व आवेदक द्वारा मोहल्ला चांटापारा शीट नंबर 14 प्लाट नंबर 20 एवं 21 रकबा क्रमशः 474780 एवं 40500 वर्गफीट पट्टे के नवीनीकरण के लिए 17 सितंबर 1964 को आवेदन प्रस्तुत किया गया था। जिसमें उद्देश्य मिशनरी एवं अस्पताल बताया गया था।

इस आवेदन पत्र पर पट्टे का नवीनीकरण वर्ष 1966 में दिनांक 31 अप्रैल 1994 तक के लिए किया गया था जिसमें मुख्य रूप से निर्माण में बदलाव एवं व्यावसायिक गतिविधियां बिना कलेक्टर की अनुमति के न किए जाने की शर्त थी। नवीनीकरण उपरांत शीट नंबर 14 प्लाट नंबर 20 रकबा 474790 में से 92069 वर्ग फिट अन्य व्यक्ति को रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के माध्यम से विक्रय किया गया।

नवीनीकरण आवेदन पर स्थल निरीक्षण में पाया गया

1–मिशन अस्पताल 10770 वर्ग फीट में है।

2– महादेव नर्सिंग कॉलेज एवं हॉस्टल 14462 वर्गफीट एवं 16196 वर्ग फीट 80000 मासिक किराए पर दिया गया है।

3– वंदना हॉस्पिटल 5269 वर्ग फीट 175000 मासिक किराए पर दिया गया है। वेल्लाह मिनी चौपाटी 4696 वर्गफीट 5 हजार मासिक राहुल जोगी को एवं 30 हजार रुपए वार्षिक यूनाइटेड चर्च ऑफ नॉर्दर्न इंडिया ट्रस्ट संगठन को दिया गया है।

5– तिब्बती वूलन मार्केट के लिए प्लाट नंबर 21 रकबा 40500 वर्ग फीट में से खुले क्षेत्र को शीतकाल में किराए पर दिया जाता है।

6– यूनिवर्सल मोटर सर्विस को 10 हजार वर्ग फिट दिया गया है।

7– चर्च एवं प्रेयर हाल के लिए 6967 वर्गफीट रखा गया है।

8– कम्युनिटी सेंटर को 2330 वर्ग फिट दिया गया है।

9– स्टाफ क्वार्टर के लिए 20046 वर्गफीट रखा गया है।

10– डायरेक्टर आवास के लिए 6889 वर्गफीट रखा गया है।

Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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