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Bilaspur Highcourt News: हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: मेडिकल कॉलेज HOD पर छेड़छाड़ के आरोप, अग्रिम जमानत याचिका खारिज

Bilaspur Highcourt News: रायपुर के शासकीय मेडिकल कॉलेज की छात्रा से HOD द्वारा छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न के मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। गिरफ्तारी से बचने के लिए एचओडी ने हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी। अदालत ने कहा कि लगाए गए आरोप अत्यंत गंभीर प्रकृति के हैं। व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट से यह स्पष्ट प्रतीत होता है कि आवेदक ने शिकायतकर्ता को लेकर टिप्पणी करने का प्रयास किया। यदि आरोपी को अग्रिम जमानत दी जाती है तो वह साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकता है। इसके साथ ही अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई।

Bilaspur Highcourt News
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur Highcourt News: बिलासपुर । बिलासपुर हाई कोर्ट ने पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति महाविद्यालय मेडिकल कॉलेज रायपुर में अध्ययनरत मेडिकल पीजी छात्रा के साथ छेड़छाड़ के मामले में आरोपी एचओडी डॉ. आशीष सिन्हा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की सिंगल बेंच में मामले की सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस सिन्हा ने अपने फैसले में स्पष्ट रूप से कहा कि यदि आरोपी को अग्रिम जमानत दी जाती है तो वह साक्ष्य से छेड़छाड़ कर सकता है। गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश भी कर सकता है। जाहिर है इससे निष्पक्ष जांच में बाधा आ सकती है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने अपने आदेश में कहा कि दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने और केस डायरी व उससे संलग्न दस्तावेजों का अवलोकन करने के बाद यह प्रतीत होता है कि आवेदक पर लगाए गए आरोप अत्यंत गंभीर प्रकृति के हैं।

कोर्ट की गंभीर टिप्पणी

अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि शिकायतकर्ता द्वारा आरोपी के विरुद्ध पहले भी कई शिकायतें दर्ज कराई गई थीं। कॉलेज की विशाखा समिति ने भी इस संबंध में जांच कर रिपोर्ट दी है। यद्यपि इस रिपोर्ट में यह प्रत्यक्ष रूप से नहीं कहा गया कि आवेदक अपने विरुद्ध लगाए गए आरोपों का दोषी है। व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट से यह स्पष्ट प्रतीत होता है कि याचिकाकर्ता ने पीड़िता को लेकर टिप्पणी करने का प्रयास किया। कोर्ट ने इस आचरण को एक चिकित्सक जैसे गरिमामय पेशे और विभागाध्यक्ष जैसे उत्तरदायी पद के लिए अनुचित और अस्वीकार्य बताया।

प्राथमिकी न तो प्रेरित, न ही विलंबित

कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया कि प्राथमिकी किसी भी तरह से प्रेरित या विलंबित नहीं लगती है। उसमें दर्ज घटनाओं का क्रम प्रथम दृष्टया एक संज्ञेय अपराध की ओर संकेत करता है। चूंकि जांच अभी प्रारंभिक अवस्था में है, ऐसे में अग्रिम जमानत देना न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने केस डायरी में उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है।

क्या है मामला

पीड़िता जवाहरलाल नेहरू स्मृति महाविद्यालय की नियमित छात्रा है। आशीष सिन्हा छात्रा के पहले एचओडी थे। छात्रा ने उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई है। छात्रा ने बताया है कि आशीष सिन्हा उन पर अश्लील टिप्पणियां करते हैं। छोटे कपड़ों में फोटो मांगते हैं। व्यक्तिगत सवाल पूछते हैं। गंदी नजरों से घूर कर देखते हैं। 13 जुलाई 2024 को फिजियोलॉजी डिपार्टमेंट में अश्लील फोटो दिखाने की कोशिश की और जबरदस्ती हाथ खींचकर बैठने की कोशिश की। 26 सितंबर 2024 को कैंसर कॉन्फ्रेंस में आशीष सिन्हा ने छोटे कपड़ों में फोटो खींचकर व्हाट्सएप में भेजने की मांग की। 2 जनवरी 2025 को एक विभागीय आयोजन में गलत तरीके से छुआ और 10 जनवरी 25 को भी जबरदस्ती हाथ पकड़ कर छेड़छाड़ की।

छात्रा ने अपनी शिकायत में बताया है कि एचओडी ने नेशनल कांफ्रेंस से भाग लेने और एक्सपोजर विजिट के लिए दबाव डाला। छात्रा के अनुसार एचओडी उन्हें धमकाते हुए कहते थे कि उसकी परीक्षा और करियर बर्बाद कर देंगे। एचओडी उसे ड्रिंक ऑफर करते थे और अश्लील बात करते हुए अकेले कहीं चलने के लिए कहते थे। छात्रा के अनुसार उसके पास इन सबकी कॉल रिकॉर्डिंग और व्हाट्सएप चैट है।

छात्र के अनुसार 4 जनवरी 2025 को एचओडी ने व्हाट्सएप डीपी बदलने के लिए कहते हुए पुरानी फोटो लगाने के लिए कहा और कहा की पुरानी फोटो अच्छी है। इसे व्यक्तिगत पसंद में दखल बताया। छात्र ने बताया कि 7 जनवरी 2025 को अपनी थीसिस जमा करने गई थी तो एचओडी ने पार्टी देने की मांग की। छात्रा ने इसकी शिकायत DME से की थी। डायरेक्टर ऑफ़ मेडिकल एजुकेशन की आंतरिक कमेटी की जांच में डॉक्टर आशीष सिन्हा को दोषी पाते हुए उन्हें HOD के पद से हटा दिया गया। कार्रवाई के बाद शिकायत वापस लेने के लिए डॉक्टर आशीष सिन्हा ने छात्रा को धमकाना शुरू किया। 20 जून 2025 को छात्र ने दोबारा शिकायत की,पर कॉलेज प्रबंधन ने कोई कदम नहीं उठाया। इसके बाद छात्रा ने 4 जुलाई 2025 को मौदहापारा थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।

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