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Bilaspur Highcourt News: शहर की गढ्ढों वाली सड़कों को लेकर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी: शासन से ठोस कार्य योजना का मांगा शपथ पत्र

Bilaspur Highcourt News: शहर और आसपास के इलाकों में गड्ढों से भरी जर्जर सड़कों के मरम्मत के लिए हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। शहर की खराब सड़कों पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए सड़कों की मरम्मत को लेकर ठोस कार्ययोजना पूछते हुए सरकार से सड़कों को बनाने के संबंध में समय सीमा पूछा।

Bilaspur Highcourt News: शहर की गढ्ढों वाली सड़कों को लेकर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी: शासन से ठोस कार्य योजना का मांगा शपथ पत्र
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur Highcourt News: बिलासपुर। शहर और आसपास के इलाकों की जर्जर सड़कों की मरम्मत को लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। शासन की ओर से प्रस्तुत शपथपत्र में बताया गया कि तीन प्रमुख मार्गों के लिए टेंडर की प्रक्रिया जारी है। इनमें से एक सड़क का वर्क आर्डर जारी कर दिया गया, दूसरी का तकनीकी परीक्षण चल रहा है, जबकि तीसरे टेंडर में केवल एक ही ठेकेदार आने से राज्य शासन से अनुमति मांगी गई है। अनुमति मिलते ही वर्क आर्डर जारी कर कार्य प्रारंभ किया जाएगा।

चीफ़ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने नगर निगम और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से मरम्मत की समयसीमा स्पष्ट करने को कहा। कोर्ट ने टिप्पणी की कि प्रमुख मार्ग गड्ढों से भरे हैं, परंतु अब तक कोई ठोस समय-निर्धारण नहीं किया गया है।

सीपत रोड, हाई कोर्ट मार्ग और अपोलो रोड पर विशेष ध्यान

शासन ने बताया कि मरम्मत और चौड़ीकरण के लिए जिन सड़कों को प्राथमिकता दी जा रही है उनमें सीपत रोड, हाईकोर्ट से नेहरू चौक मार्ग और अपोलो अस्पताल जाने वाली सड़क शामिल हैं। इन पर टेंडर प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है।

निरीक्षण से शुरू हुआ मामला

यह मामला तब सामने आया जब चीफ जस्टिस ने अपोलो चौक का स्वयं निरीक्षण किया और देखा कि सड़क की हालत बेहद खराब है। अतिक्रमण के कारण एम्बुलेंस और मरीजों को अस्पताल पहुंचने में परेशानी हो रही थी। इसके बाद इस विषय को जनहित याचिका में दर्ज कर सुनवाई शुरू की गई। कोर्ट के निर्देश पर नगर निगम ने बसंत विहार चौक से अपोलो अस्पताल तक अतिक्रमण हटाकर सड़क चौड़ीकरण का काम भी शुरू किया।

अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को

हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि शहर की सभी जर्जर सड़कों की मरम्मत के लिए स्पष्ट कार्ययोजना और समयसीमा प्रस्तुत की जाए। मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को निर्धारित की गई है।

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