Bilaspur Highcourt News: PSC की तैयारी के दौरान किया प्रेम विवाह, अब पत्नी चली गई मायके, हाई कोर्ट पहुंचा पति
Bilaspur Highcourt News: पीएससी की तैयारी के दौरान युवक– युवती करीब आए। दोनों ने प्रेम विवाह कर लिया। तीन माह की गर्भवती पत्नी को उसके ससुराल वालों द्वारा मायके ले जाने और गर्भपात करवाने की आशंका पर पति ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट ने पति की याचिका खारिज कर दी।

CG Highcourt News
Bilaspur Highcourt News: बिलासपुर। बिलासपुर हाईकोर्ट में एक अनोखा मामला सामने आया। बहतराई निवासी 30 वर्षीय पीएससी अभ्यर्थी पति ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर कहा कि उसके साथ पीएससी की तैयारी कर रही पत्नी को उसके माता-पिता जबरन अपने साथ ले गए हैं और गर्भपात कराने की आशंका है। कोर्ट में उपस्थित पत्नी ने माता पिता संग रहने की इच्छा जाहिर की। इस पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने पति की याचिका खारिज़ कर दी।
अपनी याचिका में पीएससी अभ्यर्थी पति ने बताया कि वह और उसकी पत्नी लंबे समय से बिलासपुर में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे। इस दौरान दोनों में प्रेम संबंध बने और 28 अगस्त 2025 को उन्होंने विवाह कर लिया। पत्नी अभी 3 माह की गर्भवती है। विवाह के बाद दोनों बहतराई स्थित मकान में अपने परिवार के साथ रहने लगे। लेकिन अलग जाति में विवाह होने से पत्नी का परिवार नाराज हो गया। आरोप है कि 7 सितंबर को सुबह 9 बजे उसकी पत्नी से मिलने के बहाने मायके वाले आए और कार से जबरन ले गए। पति से उसका संपर्क भी खत्म कर दिया गया।
थाने में भी पति ने की थी शिकायत
पति ने याचिका में कहा कि थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता ने पत्नी का शपथपत्र प्रस्तुत किया, जिसमें लिखा कि वह अपने माता-पिता के साथ स्वेच्छा से रह रही है। इस आधार पर कोर्ट ने पति की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज कर दी। हालांकि पति की ओर से तर्क दिया गया कि उसकी पत्नी को दबाव में लाकर बयान दिलवाया गया है और ससुराल पक्ष उसकी पत्नी और गर्भस्थ शिशु की जान को खतरे में डाल सकते हैं। लेकिन पत्नी के शपथपत्र से आरोप की पुष्टि नहीं हुई।
