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Bilaspur Highcourt News: पत्नी, पति को बोलती थी पालतू चूहा, हाई कोर्ट ने कहा, यह अपमानजनक व्यवहार

Bilaspur High Court News: तलाक के एक मामले में पति ने अपनी पत्नी पर आरोप लगाया है कि वह उसे माता पिता से अलग रहने लगातार दबाव बनाती है, माता-पिता का ध्यान रखने के कारण वह उससे अपमानजक व्यवहार करती है। उसे पालतू चूहा कहकर मजाक उड़ाती है। मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस रजनी दुबे व जस्टिस एके प्रसाद की डिवीजन बेंच ने पति की याचिका को स्वीकार करते हुए तलाक की डिक्री पारित कर दी है। फैमिली कोर्ट के फैसले को डिवीजन बेंच ने बरकरार रखा है। बेंच ने तलाक की सशर्त मंजूरी दी है।

CG Highcourt News
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court News: बिलासपुर। हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच पत्नी द्वारा पति को पालतू चूहा जैसे अपमानक शब्दों से अपमानित करने और माता-पिता से अलग रहने की जिद करने को मानसिक क्रूरता माना है। डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में लिखा है,भारतीय संयुक्त परिवार की व्यवस्था अपने आप में बेहद शालीन और परंपरावादी रही है। इस व्यवस्था में पति को माता-पिता से अलग रखने की जिद करना मानसिक क्रूरता से कम नहीं है। इस टिप्पणी के साथ डिवीजन बेंच ने फैमिली कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए पत्नी की याचिका को खारिज कर दिया है। बेंच ने पति को सशर्त तलाक की मंजूरी दी है। पति याचिकाकर्ता पत्नी को बतौर गुजारा भत्ता एकमुश्त पांच लाख रुपये देगा। इसके अलावा बेटे की पढ़ाई लिखाई का खर्च भी उठाएगा।

रायपुर निवासी दंपती की 28 जून 2009 को शादी हुई थी। 5 जून 2010 को उनका एक बेटा हुआ। पति ने अपनी पत्नी पर क्रूरता और परित्याग का आरोप लगाते हुए रायपुर की फैमिली कोर्ट में तलाक के लिए याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई के बाद फैमिली कोर्ट ने 23 अगस्त 2019 को याचिका को स्वीकार करते हुए तलाक की डिक्री पारित कर दिया था। फैमिली कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए पत्नी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। पति ने अपने पक्ष में तर्क दिया कि पत्नी ने उनके माता-पिता के साथ दुर्व्यवहार किया और उनसे अलग रहने की जिद की। ऐसा करने से इंकार करने पर पत्नी आक्रामक व्यवहार करने लगी। उसे शारीरिक रूप से भी नुकसान पहुंचाया। यह भी बताया कि माता-पिता की बात मानने के लिए पत्नी अपमानजनक रूप से उसे पालतू चूहा कहती थी। पत्नी 24 अगस्त 2010 को तीजा के दौरान अपने मायके चली गई और उसके बाद कभी वापस नहीं आई।

हाई कोर्ट ने पत्नी द्वारा भेजे गए Text messege को भी सबूत माना। इस मैसेज में पत्नी ने कहा था कि अगर तुम अपने माता-पिता को छोड़कर मेरे साथ रहना चाहते हो तो जवाब दो, वरना मत पूछो। प्रति परीक्षण के दौरान पत्नी ने स्वीकार किया था कि उसने यह मैसेज भेजा था। उसने यह भी माना कि वह अगस्त 2010 के बाद अपने ससुराल नहीं लौटी।

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