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Bilaspur Highcourt News: मिशन अस्पताल को तोड़ने की कार्यवाही पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, 15 दिनों में सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग को निराकरण के निर्देश

Bilaspur Highcourt News: बिलासपुर शहर के चर्चित मिशन अस्पताल परिसर में स्थित भवनों को ढहाने की करवाई जिला प्रशासन और निगम प्रशासन द्वारा कल से शुरू की गई थी।

Bilaspur Highcourt News: मिशन अस्पताल को तोड़ने की कार्यवाही पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, 15 दिनों में सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग को निराकरण के निर्देश
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By Neha Yadav

Bilaspur Highcourt News: बिलासपुर। मिशन अस्पताल कैंपस के भीतर बने भवनों को तोड़ने पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने रोक लगाई है। कल से जिला प्रशासन ने मिशन अस्पताल परिसर में बनी भवनों को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू की थी। जिसके खिलाफ क्रिश्चियन वूमेन एंड बोर्ड ऑफ मिशन ने याचिका दाखिल की थी। जिसमें हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने तोड़फोड़ की कार्यवाही पर रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं। साथ ही सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन,पुनर्वास विभाग को मामले का निराकरण 15 दिनों में करने के निर्देश दिए है।

मिशन अस्पताल की जमीन की लीज निरस्त होने के बाद जिला प्रशासन ने इसे अपने कब्जे में ले लिया है। नगर निगम के इंजीनियरों की कमेटी बनाकर कैंपस में स्थापित भवनों का टेक्निकल परीक्षण करवाया गया। जिसमें जो भवन उपयुक्त पाया गया उसमें निगम का जोन दफ्तर और अतिक्रमण निवारण दफ्तर लगा दिया गया। जबकि जो भवन अनुपयुक्त पाया गया और जिसमें जान माल का नुकसान होने का अंदेशा था उसे ढहाने की कार्यवाही जिला प्रशासन ने कल बुधवार की सुबह पुलिस बल की मौजूदगी में शुरू कर दी थी। ज्ञातव्य है कि जिला प्रशासन के द्वारा लीज निरस्त होने पर अधिग्रहण की कार्यवाही के खिलाफ संभाग आयुक्त के यहां अपील की गई थी। पर संभाग आयुक्त के यहां से अपील खारिज होने के बाद जिला प्रशासन ने अस्पताल परिसर की पूरी जमीन को अपने कब्जे में ले लिया और कैंपस के मुख्य गेट पर जिला प्रशासन की ओर से नोटिस चस्पा करते हुए जमीन की देखरेख के लिए सीसीटीवी लगा दिया।

कल जिला प्रशासन द्वारा भवनों को ढ़हाये जाने की कार्यवाही शुरू की। इसके खिलाफ क्रिश्चियन वूमेन एंड बोर्ड ऑफ मिशन ने तत्काल सुनवाई हेतु याचिका लगाई। कल हुई सुनवाई में जस्टिस बीडी गुरु की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई और आज सुबह इसकी हियरिंग रखी गई थी। आज जस्टिस बीडी गुरु की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान क्रिश्चियन वूमेन एंड बोर्ड ऑफ मिशन के अधिवक्ताओं ने बताया कि संभाग आयुक्त के न्यायालय से अपील खारिज हो जाने के बाद उन्होंने सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के यहां अपील की हुई है। अपील लंबित रहने के बावजूद भी जिला प्रशासन के द्वारा तोड़फोड़ की कार्यवाही शुरू कर दी गई। जबकि अपील के अंतिम निराकरण तक कोई कार्रवाई नहीं की जानी थी। तर्कों को सुनने के पश्चात सिंगल बेंच ने सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग को क्रिश्चियन वूमेन एंड बोर्ड ऑफ मिशन की अपील का 15 दिनों में निराकरण करने का आदेश दिया है। अपील के निराकरण होने तक किसी भी किस्म के तोड़फोड़ की कार्यवाही पर रोक लगाई गई है। हालांकि जिला प्रशासन द्वारा कल की जा रही तोड़फोड़ में 75 फ़ीसदी भवन को जमीदोंज किया जा चुका है।

यह है मिशन अस्पताल से जुड़ा पूरा मामला:

मिशन अस्पताल के लीज का मामला काफी चर्चाओं में रहा था। यह जमीन प्राइम लोकेशन में स्थित है। जिसे सेवा के नाम से 11 एकड़ जमीन लीज पर दी गई थी। लीज पर जमीन लेकर डायरेक्टर रमन जोगी ने इसे चौपाटी बनाकर किराए पर चढ़ा दिया और इसके एवज में हर महीने लाखों रुपये कमाने लगे थे। कैम्पस के भीतर एक रेस्टोरेंट भी इस पर संचालित हो रहा था।

लीज की शर्तों का किया उल्लंघन

लीज की शर्तों का उल्लंघन कर व्यावसायिक उपयोग करने पर कलेक्टर अवनीश शरण ने दस्तावेजों की पड़ताल करने का निर्देश दिया था। जब रिकॉर्ड मंगवाए गए तब चौंकाने वाले खुलासे हुए। सन 1966 में लीज का नवीनीकरण कराते हुए इसे 1994 तक के लिए बढ़ाई गई थी। 31 अप्रैल 1994 तक लीज की अवधि थी। लीज की अवधि बढ़ाने के समय इसमें कई शर्तें भी लागू की गई थी। लीज धारकों ने शर्तों का उल्लंघन करते हुए सेवा के नाम पर लीज लेकर व्यवासायिक उपयोग करने लगे और लाखों रुपये किराए भी वसूल करने लगे थे।

एक फर्जीवाड़ा यह भी आया सामने

जांच के दौरान यह भी पता चला कि 92069 वर्ग फिट अन्य व्यक्तियों के नाम रजिस्टर विक्रय पत्र के माध्यम से विक्रय भी किया गया था। लीज अवधि समाप्त होने के बाद भी लीजधारक कब्जे छोड़ने को तैयार नहीं थे। कारण भी साफ था। प्राइम लोकेशन की जमीन को सेवा की आड़ में कब्जा करने की नियत और किराए पर देकर हर महीने लाखों रुपये कमाने की योजना को यूं ही आगे बढ़ाते रहना था।

कमिश्नर एक्का ने पलटा आदेश, तबादले की मिली सजा

जिला प्रशासन द्वारा किए गए अधिग्रहण के खिलाफ लीज धारकों ने पूर्व कमिश्नर नीलम नामदेव एक्का के कोर्ट में अपील पेश की थी। मामले की सुनवाई के बाद कमिश्नर एक्का ने नाटकीय तरीके से पूर्व के आदेश पर रोक लगाते हुए लीजधारकों के पक्ष में फैसला सुना दिया और इस पर स्टे कर दिया। कमिश्नर के इस फैसले से सरकार नाराज हो गई। एक महीने के भीतर ही कमिश्नर एक्का को हटाने का आदेश सरकार ने जारी कर दिया। एक्का को हटाते हुए रायपुर संभाग के कमिश्नर महादेव कावरे को बिलासपुर संभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया। मामला कावरे के कोर्ट में लगा। मामले की सुनवाई के बाद पूर्व कमिश्नर के आदेश को खारिज कर दिया। कमिश्नर कोर्ट के 30 अक्टूबर के आदेश के मद्देनजर जिला प्रशासन ने बुधवार को कार्रवाई प्रारंभ कर दी है।

यह है मामला:

मिशन अस्पताल की स्थापना वर्ष 1885 में हुई थी। इसके लिए क्रिश्चियन वुमन बोर्ड ऑफ मिशन हॉस्पिटल बिलासपुर ,तहसील व जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़ को जमीन आवंटित की थी। यह मोहल्ला चांटापारा शीट नंबर 17, प्लाट नंबर 20/1 एवं रकबा 382711 एवं 40500 वर्गफीट है। 1966 में लीज का नवीनीकरण कर साल 1994 तक लीज बढ़ाई गई थी। पुलिस की अवधि 31 अप्रैल 1994 तक के लिए थी। जिसमें मुख्य रूप से निर्माण में बदलाव एवं व्यवसायिक गतिविधियां बिना कलेक्टर की अनुमति के न किए जाने की शर्त थी। पुलिस की नवीनीकरण उपरांत सीट नंबर 14 प्लाट नंबर 20 रकबा 474790 में से 92069 वर्गफीट अन्य व्यक्ति को रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के माध्यम से विक्रय भी किया गया था। इसके साथ ही किराए पर अन्य प्रतिष्ठानों को दे इसे कमाई का माध्यम बना लिया गया था। 1994 को लीज खत्म होने के बाद 30 वर्षों तक लीज का नवीनीकरण नहीं करवाया गया था।

Neha Yadav

नेहा यादव रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएट करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। पिछले 6 सालों से विभिन्न मीडिया संस्थानों में रिपोर्टिंग करने के बाद NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहीं है।

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