Begin typing your search above and press return to search.

Bilaspur Highcourt News: खुलेआम चाकुओं की बिक्री: हाई कोर्ट ने कहा, खरीदार और दुकानदार दोनों पर करें कड़ी कार्रवाई

Bilaspur Highcourt News: पान की दुकानों, जनरल स्टोर्स और गिफ्ट कार्नर सहित चाकुओं की ऑनलाइन बिक्री पर हाई कोर्ट स्वत: संज्ञान में लेकर पीआईएल के रूप में सुनवाई कर रहा है। इस मामले में हाई कोर्ट ने खरीदने वालों क अलावा चाकू बेचने वालों पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसकी निगरानी हाई कोर्ट स्वयं करेगा।

CG Highcourt News
X

CG Highcourt News

By Radhakishan Sharma

Bilaspur Highcourt News: बिलासपुर। राज्य में खुलेआम चाकुओं की बिक्री के मामले में हाई कोर्ट ने लगातार कार्रवाई के निर्देश देते हुए मामले को मॉनिटरिंग के लिए रखा है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा इस संबन्ध में प्रस्तुत आंकड़ों और कार्रवाई की जानकारी देने पर कोर्ट ने कहा कि ऑनलाइन व खुलेआम, ये खतरनाक चाकू कैसे बिक रहे हैं। बेचने और खरीदने वाले दोनों पर कार्रवाई करें। अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा कोर्ट में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में इस वर्ष 1 जनवरी से 30 जून के बीच चाकूबाजी के 677 मामले दर्ज किए गए हैं। ऑनलाइन खरीदे गए कुल 211 चाकू जब्त किए गए। इसके अलावा दुकानदारों से स्प्रिंग बटन वाले चाकू जब्त किए गए और उनके खिलाफ अपराध दर्ज किया गया।

जुलाई में स्प्रिंग बटन वाले 10 चाकू रखने वाले दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया और उसके खिलाफ अपराध दर्ज किया गया। राज्य शासन द्वारा प्रस्तुत इन आंकड़ों पर हाई कोर्ट ने ई-कॉमर्स वेबसाइटों के माध्यम से खरीदे गए चाकुओं के आंकड़ों पर चिंता व्यक्त की है। कोर्ट ने कहा कि शपथपत्र से स्पष्ट है कि वर्ष 2024 में भी शस्त्र अधिनियम के तहत कुल 1399 मामले दर्ज किए गए थे।

कोर्ट ने यह भी कहा कि हालांकि राज्य पर्याप्त उपाय कर रहा है, ताकि ऐसे खतरनाक हथियार खुले बाजारों और ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर न बेचे जाए। कोर्ट ने कहा, राज्य सरकार और उसकी एजेंसियों को अधिक सतर्क रहने और उपरोक्त खतरे को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है, जिससे समाज में शस्त्र अधिनियम से संबंधित अपराध को कम करने में मदद मिले। उल्लेखनीय है कि पान की दुकानों, जनरल स्टोर और गिफ्ट कार्नर सहित चाकुओं की ऑनलाइन बिक्री के बढ़ते मामले और अपराध के ग्राफ में हाे रही बढ़ाेतरी को देखते हुए हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने इस मामले को स्वत: संज्ञान में लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है।

Next Story