Begin typing your search above and press return to search.

Bilaspur Highcourt News: छत्तीसगढ़ी बोली है या भाषा?.. छत्तीसगढ़ी में शिक्षा के लिए दायर याचिका में शासन ने दिया जवाब...

Bilaspur Highcourt News:चीफ जस्टिस ने कहा कि, देश में अलग अलग इलाकों में कई प्रकार की बोलियाँ हैं, इन सबमें पढ़ाई की मांग उठी तो इससे तो बहुत परेशानी खड़ी होगी।

Bilaspur Highcourt News: छत्तीसगढ़ी बोली है या भाषा?.. छत्तीसगढ़ी में शिक्षा के लिए दायर याचिका में शासन ने दिया जवाब...
X
By Sandeep Kumar

Bilaspur Highcourt News बिलासपुर। छत्तीसगढ़ी भाषा में पहली से आठवीं तक पढ़ाई को लेकर प्रस्तुत जनहित याचिका हाईकोर्ट ने शासन के जवाब के बाद निराकृत कर दी। चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने कहा कि राज्य शासन ने स्थानीय भाषाओं में स्कूली पढ़ाई कराने का इंतजाम कर दिया है। छत्तीसगढ़ी बोली है या भाषा इस पर भी अभी निश्चयपूर्वक नहीं कहा जा सकता। कोर्ट ने पूर्व में शब्दावली को लेकर भी सवाल उठाए थे। शासन द्वारा चार स्थानीय बोलियां में पढ़ाई के लिए समिति बनाने की जानकारी देने के बाद हाईकोर्ट ने याचिका निराकृत कर दी।

छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना की प्रदेश अध्यक्ष लता राठौर ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका प्रस्तुत की थी। इसमें उनके अधिवक्ता ने कहा था कि एनसीईआरटी के नेशनल कैरिकुलम फ्रेम वर्क में कहा गया है कि मातृ भाषा से यदि पढ़ाया जाता है तो बच्चो को पढ़ाई करने और समझने में आसानी होती है। इस याचिका में प्रदेश के स्कूल में पहली से 8 वीं तक के पाठ्यक्रम में छत्तीसगढ़ी भाषा को भी माध्यम बनाये जाने मांग की गई। याचिका में कहा गया कि जिस तरह अन्य राज्यों में वहां की मातृभाषा में पढ़ाया जाता है वैसे छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ी भाषा में भी पढ़ाया जाना चाहिए। एनसीईआरटी ने भी तीन भाषा हिंदी , इंग्लिश और मातृभाषा में पढ़ाई को मंजूरी दी है।

सुनवाई के दौरान शासन की ओर से महाधिवक्ता ने बेंच को जानकारी दी थी कि इसके लिए प्रदेश की चार बोलियों में पढ़ाई के लिए समिति बनाई गई है। इसमें सरगुजिहा ,छतीसगढ़ी ,सादरी ,गोंडी हल्बी भाषा शामिल है। शुक्रवार को डबल बेंच में हुई सुनवाई में चीफ जस्टिस को शासन की ओर से बताया गया कि, शासन ने स्थानीय भाषाओं में अध्ययन का इंतजाम किया है। इसके बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि, देश में अलग अलग इलाकों में कई प्रकार की बोलियाँ हैं, इन सबमें पढ़ाई की मांग उठी तो इससे तो बहुत परेशानी खड़ी होगी। अब शासन ने पहल कर दी है तो यह याचिका निराकृत की जाती है।

Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

Read MoreRead Less

Next Story