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Bilaspur Highcourt News: बोरवेल की मरम्मत के दौरान इलेक्ट्रीशियन की करंट से मौत, खेत मालिक पर दर्ज केस रद्द करने से हाई कोर्ट ने किया इंकार

Bilaspur Highcourt News: खेत में बोरवेल की मरम्मत के दौरान इलेक्ट्रीशियन की करंट लगने से मौत हो गई थी। लापरवाही पूर्वक और बिना बिजली विभाग को सूचना दिए मरम्मत कराने के आरोप में पुलिस ने खेत मालिक के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज किया था। खेत मालिक ने प्रकरण रद्द करने के लिए याचिका दायर कर कहा कि जिस खेत में घटना घटित हुई है वह उसका खेत नहीं है। मामले की सुनवाई के बाद मामला ट्रायल कोर्ट में पेश करने की सलाह देते हुए याचिका को खारिज कर दी।

CG Highcourt News
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur Highcourt News: बिलासपुर हाई कोर्ट ने बिजली के करंट से हुई मौत के मामले में दर्ज क्रिमिनल केस को रद्द करने से इंकार कर दिया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने कहा कि आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है, इसलिए एफआईआर या चार्जशीट को रद्द नहीं किया जा सकता। सबूतों की जांच और सुनवाई ट्रायल कोर्ट में ही होगी।

सीपत के खम्हरिया में रहने वाले शरद दुबे के खिलाफ सीपत थाने में BNS की धारा 106(1) और इलेक्ट्रिसिटी एक्ट की धारा 135 के तहत केस रजिस्टर किया गया है। पुलिस के अनुसार 25 जून 2025 को मुंशीराम कांगो नामक व्यक्ति की मौत करंट लगने से हुई थी। घटना के समय वह शरद दुबे के खेत में बोरवेल के बिजली कनेक्शन की मरम्मत कर रहा था। एफआईआर और चार्जशीट को चुनौती देते हुए शरद दुबे ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में कहा कि पुलिस द्वारा दर्ज एफआई और चार्जशीट गलत है। बीएनएस की धारा 106(1) के तहत कोई प्रथम दृष्टया अपराध नहीं बनता। घटना स्थल किसी दूसरे व्यक्ति के खेत में था, जबकि उसका खेत वहां से काफी दूर था। यह भी दावा किया कि मृतक कभी उसके खेत में गया ही नहीं था और उसने कोई अवैध बिजली कनेक्शन नहीं लिया है।

राज्य सरकार ने कहा पर्याप्त साक्ष्य है मौजूद

राज्य सरकार की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इलेक्ट्रीशियन की मौत याचिकाकर्ता के बोर कनेक्शन की मरम्मत के दौरान करंट लगने से हुई थी। चार्जशीट में पर्याप्त सबूत है, जिससे आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला साबित होता है। हाई कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि चार्जशीट से यह स्पष्ट है कि मृतक को याचिकाकर्ता के खेत में लगे वाटर पंप के कनेक्शन की मरम्मत के लिए बुलाया गया था। बिजली विभाग को बिना सूचना दिए मरम्मत कार्य कराना लापरवाही की श्रेणी में आता है। घटना किस खेत में हुई, इस पर फैसला केवल ट्रायल के दौरान ही लिया जा सकता है।

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