Begin typing your search above and press return to search.

Bilaspur Highcourt News: बढ़ते शोर पर हाईकोर्ट की चिंता, ध्वनि प्रदूषण निगरानी और कोलाहल नियंत्रण अधिनियम में संशोधन को लेकर दिए ये निर्देश

Bilaspur Highcourt News: आगामी त्यौहारों के मद्देनजर सीसीटीवी से ध्वनि प्रदूषण की निगरानी करने के निर्देश हाईकोर्ट ने दिए हैं। इसके अलावा हाईकोर्ट ने संरक्षित रखने को भी कहा है। कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 में आवश्यक संशोधन की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने के निर्देश अदालत ने दिए है।

CG Highcourt News
X

CG Highcourt News

By Anjali Vaishnav

Bilaspur Highcourt News: बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्य में बढ़ते शोर प्रदूषण पर चिंता जताते हुए सरकार को कानून में जल्द संशोधन करने और त्योहारी सीजन में कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बी.डी. गुरु की डिवीजन बेंच ने सोमवार को हुई सुनवाई में कहा कि राज्य सरकार को कोलाहल नियंत्रण अधिनियम को और सख्त बनाने के लिए जल्द कदम उठाने होंगे।

मुख्य सचिव ने पेश किया हलफनामा

राज्य सरकार की ओर से मुख्य सचिव ने 18 सितंबर को व्यक्तिगत हलफनामा पेश किया। इसमें बताया गया कि, 19 सितंबर 2024 को बिलासपुर एसपी ने शोर प्रदूषण के खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट दी थी। 19 दिसंबर 2024 को हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 की लागू स्थिति बताने को कहा था। इसके बाद 27 जनवरी 2025 को पांच सदस्यीय समिति बनाई गई, जिसमें गृह, कानून, शहरी प्रशासन एवं पर्यावरण विभाग के प्रतिनिधि शामिल हैं। समिति का काम था कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, 1985 और ध्वनि प्रदूषण नियम 2000 की तुलना कर संशोधन का प्रस्ताव तैयार करना।

हस्तक्षेपकर्ताओं ने दिया सुझाव

सुनवाई के दौरान हस्तक्षेपकर्ता पक्ष ने बताया कि रायपुर जिले में त्योहारी सीजन के दौरान 783 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। सुझाव दिया गया कि इन कैमरों की फुटेज सुरक्षित रखी जाए ताकि शोर प्रदूषण नियमों के उल्लंघन की निगरानी और सबूत सुरक्षित रह सके। राज्य के वकील ने कहा कि विशेष तारीखों पर सीसीटीवी फुटेज संरक्षित रखने की प्रक्रिया सुनिश्चित की जाएगी, ताकि जुलूसों में नियमों का पालन कराया जा सके।

हाई कोर्ट ने यह दिए आदेश

हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि, कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, 1985 में आवश्यक संशोधन की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करें। शोर प्रदूषण रोकने के लिए ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 का कड़ाई से पालन कराएं। त्योहारी अवसरों पर सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। अगली सुनवाई 16 अक्टूबर 2025 को होगी। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार को सभी जरूरी कदम समय पर उठाने होंगे ताकि शोर प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सके।

Next Story