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Bilaspur High Court News: कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण फैसला: मिड सेशन में नहीं होगा ट्रांसफर, हाई कोर्ट ने महिला प्रशिक्षण अधिकारी के स्थानांतरण पर लगाई रोक

Bilaspur High Court News: बिलासपुर हाई कोर्ट के सिंगल बेंच के फैसले से कर्मचारियों को राहत मिलेगी। एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने साफ कहा कि मिड सेशन में किसी अधिकारी व कर्मचारियों का तबादला नियमों के विरुद्ध है। कोर्ट ने महिला प्रशिक्षण अधिकारी के स्थानांतरण आदेश पर रोक लगाते हुए पूर्व पदस्थापना स्थल पर ज्वाइनिंग का निर्देश दिया है। महिला प्रशिक्षण अधिकारी ने स्थानांतरण आदेश को चुनौती देते हुए अधिवक्ता अभिषेक पांडेय एवं वर्षा शर्मा के माध्यम से हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की थी।

Bilaspur High Court News: कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण फैसला: मिड सेशन में नहीं होगा ट्रांसफर, हाई कोर्ट ने महिला प्रशिक्षण अधिकारी के स्थानांतरण पर लगाई रोक
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court News: बिलासपुर। बिलासपुर हाई कोर्ट के सिंगल बेंच के फैसले से कर्मचारियों को राहत मिलेगी। एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने साफ कहा कि मिड सेशन में किसी अधिकारी व कर्मचारियों का तबादला नियमों के विरुद्ध है। कोर्ट ने महिला प्रशिक्षण अधिकारी के स्थानांतरण आदेश पर रोक लगाते हुए पूर्व पदस्थापना स्थल पर ज्वाइनिंग का निर्देश दिया है। महिला प्रशिक्षण अधिकारी ने स्थानांतरण आदेश को चुनौती देते हुए अधिवक्ता अभिषेक पांडेय एवं वर्षा शर्मा के माध्यम से हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की थी।

दुर्ग निवासी के. अरुन्धती महिला आईटीआई दुर्ग में प्रशिक्षण अधिकारी के पद पर पदस्थ थी। पदस्थापना के दौरान सचिव, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग ने आदेश जारी कर उसका स्थानांतरण जिला-दुर्ग से जिला-बीजापुर कर दिया। स्थानांतरण आदेश को चुनौती देते हुए अरुंधती ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं वर्षा शर्मा के माध्यम से हाई कोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर की।

मामले की सुनवाई जस्टिस पीपी साहू के सिंगल बेंच में हुई। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं वर्षा शर्मा नेकहा कि याचिकाकर्ता का पुत्र डीएवी पब्लिक स्कूल, दुर्ग में कक्षा-4 में अध्ययनरत् है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा डायरेक्टर ऑफ स्कूल एजुकेशन, मद्रास एवं अन्य विरूद्ध ओ. करूप्पा थेवन अन्य के वाद में दिए गए फैसले का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी शासकीय अधिकारी, कर्मचारी के पुत्र, पुत्री यदि स्कूल में अध्ययनरत् हैं तो मिड सेशन के दौरान शासकीय अधिकारी, कर्मचारी का स्थानांतरण नहीं किया जायेगा। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिषेक पांडेय ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता की मां की आयु 77 वर्ष की है। वे मानसिक बीमारी से ग्रस्त होने के कारण उनका जिला-दुर्ग में इलाज चल रहा है। याचिकाकर्ता पर उनकी बीमार माता एवं पुत्र की जिम्मेदारी है इसके बावजूद भी याचिकाकर्ता महिला का जिला बीजापुर स्थानांतरण किया जाना पूर्णतः नियम विरूद्ध है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा एसके नौशाद रहमान एवं अन्य विरूद्ध यूनियन ऑफ इंडिया एवं अन्य के वाद में पारित न्यायदृष्टांत का हवाला दिया। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता के स्थानांतरण आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य शासन को निर्देशित किया कि याचिकाकर्ता को उनके पूर्व पदस्थापना स्थल महिला आईटीआई, दुर्ग में तत्काल पदस्थ करें ।

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