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Bilaspur High Court News: जांजगीर जिले में डायरिया का प्रकोप: सिकरेट्री हेल्थ ने हाई कोर्ट में शपथ पत्र पेश कर चलाए जा रहे कैंप की दी जानकारी

Bilaspur High Court News: जांजगीर-चांपा जिले में डायरिया के प्रकोप को लेकर स्वत: संज्ञान वाली जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच में सुनवाई चल रही है। डिवीजन बेंच के निर्देश पर सिकरेट्री हेल्थ ने शपथ पत्र के साथ चिकित्सा विभाग द्वारा रोकथाम के लिए किए जा रहे उपाय की विस्तृत जानकारी दी है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना! पीएचई भर्ती में गड़बड़ी पर हाई कोर्ट में याचिका
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court News: बिलासपुर। जांजगीर-चांपा जिले के तीन विकासखंडों अकलतरा, नवागढ़ और पामगढ़ में तीव्र दस्त रोग फैल चुका है और अब तक कुल 106 मरीज़ों की पहचान की गई है, जिन्हें समुचित चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जा रही है। अब तक लगभग 78 मरीज़ों के नमूने नेगेटिव पाए गए हैं, शेष 28 मरीज़ों के नमूने जांच प्रक्रिया में हैं और उनकी चिकित्सा रिपोर्ट अभी भी प्रतीक्षित है। यह भी स्पष्ट है कि दस्त पर नियंत्रण हेतु निवारक उपाय के रूप में, स्वास्थ्य विभाग प्रभावित क्षेत्रों में शिविर लगा रहा है और साथ ही विभाग नियमित रूप से हर उस व्यक्ति की जांच कर रहा है जिसमें दस्त के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। हेल्थ सिकरेट्री ने शपथ पत्र के साथ कुछ इस तरह की जानकारी डिवीजन बेंच के समक्ष पेश की है।

चिकित्सा विभाग द्वारा रोकथाम के लिए किए जा रहे उपाय पर डिवीजन बेंच ने संतुष्टि जताई है। साथ ही हेल्थ सिकरेट्री को प्रभावित इलाकों का सघन निगरानी करने और पीड़ितों को तत्काल चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। जनहित याचिका की अगली सुनवाई के लिए डिवीजन बेंच ने 26 अगस्त की तिथि तय कर दी है। बता दें कि चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने मीडिया रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए स्वत: संज्ञान में लिया है और पीआईएल के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है। राज्य शासन की ओर से महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन. भरत तथा उप महाधिवक्ता शशांक ठाकुर ने पैरवी करते हुए चिकित्सा विभाग व जिला प्रशासन द्वारा रोकथाम के लिए किए जा रहे उपाय की जानकारी दी।

डिवीजन बेंच के 22 जुलाई 2025 के आदेश के अनुपालन में सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने शपथ पत्र पेश कर विस्तृत जानकारी दी है। सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने बताया कि डायरिया के रोकथाम के लिए राज्य सरकार राज्य के सभी जिलों में विभिन्न कदम उठा रही है। मलेरिया और डायरिया जैसी बीमारियों के प्रकोप को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग समय-समय पर जांच कर रहा है और गांव-गांव जाकर विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रम चला रहा है।

जांजगीर-चांपा जिले के तीन ब्लॉकों अकलतरा, नवागढ़, पामगढ़ में तीव्र दस्त रोग फैल गया है और अब तक कुल 106 रोगियों की पहचान की गई है और उन्हें उचित चिकित्सा सुविधाएं दी गई है। अब तक लगभग 78 रोगियों के नमूने नकारात्मक पाए गए हैं और शेष 28 रोगियों के नमूने प्रक्रियाधीन है, चिकित्सा रिपोर्ट की प्रतीक्षा है।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा डायरिया नियंत्रण हेतु निवारक उपाय के रूप में प्रभावित क्षेत्रों में शिविर लगाए जा रहे हैं और डायरिया के लक्षण वाले प्रत्येक व्यक्ति की नियमित जांच भी की जा रही है। साथ ही, ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता/मितानिनें नियमित रूप से घर-घर जाकर सक्रिय सर्वेक्षण भी कर रही है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात चिकित्सा अधिकारी के मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण में ग्रामीणों के दरवाजे पर चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध कराना।

डायरिया पर नियंत्रण के लिए निवारक उपाय के रूप में राज्य सरकार ने क्लोरीन टैबलेट और ब्लीचिंग पाउडर के वितरण/छिड़काव के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं और इन दिशा निर्देशों के आधार पर स्वास्थ्य विभाग स्थानीय निकायों की सहायता से समय-समय पर क्लोरीन टैबलेट वितरित करता है और डायरिया पर नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करता है।

स्वास्थ्य विभाग, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं/मितानिनों के माध्यम से, पर्चे वितरित करके, बैनर, पोस्टर और दीवार लेखन के माध्यम से लोगों को डायरिया रोग और उसके नियंत्रण हेतु प्रभावी उपायों के बारे में शिक्षित कर रहा है। इस प्रकार, लोगों को इस रोग की रोकथाम के बारे में उचित जानकारी प्राप्त हो रही है।

विभाग द्वारा सख्त निर्देश जारी किया गया है कि गंभीर रूप से बीमार मरीजों व डायरिया से पीड़ित लोगों को बेहतर उपचार के लिए तुरंत उच्च स्वास्थ्य केंद्रों में रेफर किया जाएगा। प्रभावित क्षेत्र में लोक स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग द्वारा जल परीक्षण कराया गया है।

गांव-गांव में चल रहे इस अभियान की दी जानकारी

राज्य के कुछ जिलों में डायरिया रोग के प्रसार का प्रश्न है, स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के सहयोग से इस पर नियंत्रण किया जा रहा है। डायरिया रोग की रोकथाम के लिए, राज्य सरकार छत्तीसगढ़ राज्य के जिला कलेक्टरों, मुख्य कार्यकारी अधिकारियों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, जिला शिक्षा अधिकारियों, जिला कार्यक्रम अधिकारियों, महिला एवं बाल विकास विभाग, नगर निगम आयुक्तों, नगर पालिका परिसर और नगर पंचायत के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंताओं को दिशानिर्देश जारी करके "दस्त रोको अभियान, 2025" भी चला रही है। दिशा-निर्देशों की प्रति अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के संयुक्त हस्ताक्षर से जारी की गई है।

सदिग्ध हैंडपंप को कर दिया है सील, हर घर में ORS के पैकेट और क्लोरीन की गोलियां दी जा रही

संदिग्ध हैंडपंप को सील कर दिया गया है और स्वास्थ्य विभाग ने नए मामलों का पता लगाने और उनका इलाज करने के लिए घर-घर जाकर स्क्रीनिंग अभियान शुरू कर दिया है। हर घर में ORS के पैकेट और क्लोरीन की गोलियां वितरित की जा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने स्थानीय निवासियों को केवल उबला हुआ पानी पीने, हाइड्रेटेड रहने के लिए ORS का उपयोग करने और व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने की सलाह दी है। डायरिया तथा अतिसार को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार कार्यक्रमों को क्रियान्वित करके तथा इनके क्रियान्वयन की निगरानी करके कई कदम उठा रही है।

रोकथाम के लिए किए जा रहे उपाय पर हाई कोर्ट ने जताई संतुष्ट

जांजगीर-चांपा जिले के तीन विकासखंडों अकलतरा, नवागढ़ और पामगढ़ में तीव्र दस्त रोग फैल चुका है और अब तक कुल 106 मरीज़ों की पहचान की गई है, जिन्हें समुचित चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जा रही है। अब तक लगभग 78 मरीज़ों के नमूने नेगेटिव पाए गए हैं, शेष 28 मरीज़ों के नमूने जांच प्रक्रिया में हैं और उनकी चिकित्सा रिपोर्ट अभी भी प्रतीक्षित है। यह भी स्पष्ट है कि दस्त पर नियंत्रण हेतु निवारक उपाय के रूप में, स्वास्थ्य विभाग प्रभावित क्षेत्रों में शिविर लगा रहा है और साथ ही विभाग नियमित रूप से हर उस व्यक्ति की जांच कर रहा है जिसमें दस्त के लक्षण दिखाई दे रहे हैं।

26 अगस्त को होगी जनहित याचिका पर सुनवाई

शपथ पत्र के अवलोकन के बाद चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर पदस्थ चिकित्सा अधिकारी के मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण में ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता/मितानिन नियमित रूप से घर-घर जाकर सक्रिय सर्वेक्षण कर रहे हैं और ग्रामीणों के घर तक चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध करा रहे हैं। क्लोरीन टैबलेट और ब्लीचिंग पाउडर के वितरण/छिड़काव के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं और इन दिशा-निर्देशों के आधार पर, स्वास्थ्य विभाग स्थानीय निकायों के सहयोग से समय-समय पर क्लोरीन टैबलेट का वितरण और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कर डायरिया पर नियंत्रण सुनिश्चित कर रहा है। मामले की अगली सुनवाई के लिए डिवीजन बेंच ने 26 अगस्त की तिथि तय कर दी है।

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