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Bilaspur high court News: जेल की अव्यवस्थाओं पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, जेल डीजी से मांगा जवाब

Bilaspur high court News: जेल की अव्यवस्थाओं के बारे में प्रकाशित खबरों और परिजनों की शिकायतों पर हाइकोर्ट ने संज्ञान लिया है। जेल डीजी से शपथ पत्र में पांच नवंबर तक जवाब मांगा है।

Bilaspur high court News: जेल की अव्यवस्थाओं पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, जेल डीजी से मांगा जवाब
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By NPG News

Bilaspur high court News बिलासपुर। जेल की व्यवस्थाओं पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। बिलासपुर सेंट्रल जेल में अवैध गतिविधियों और वसूली तथा प्रताड़ना के आरोप लगा चीफ जस्टिस को बंदियों के परिजनों को खत लिखा था। जिसको संज्ञान में लेकर चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने सुनवाई कर जेल डीजी को शपथ पत्र में जवाब देने के निर्देश दिए है।

पिछले दिनों लगातार जेल की अवस्थाओं की खबर मीडिया में प्रकाशित हो रही थी। जेल में बंद कैदी नवीन निर्मलकर के भाई ने कलेक्टर को शिकायत कर भाई पर जेल में हत्या के आरोपी नवीन निर्मलकर के द्वारा हमला करने और जेल प्रशासन द्वारा उल्टा उसके भाई को ही सजा देने की शिकायत की थी। लोकेश तिवारी को विराट हत्याकांड के आरोपी अनिल सिंह का संरक्षण होने की बात कैदी के भाई ने अपनी शिकायत में बताया था। तथा अनिल सिंह के द्वारा वसूली और प्रताड़ना के आरोप भी लगाए गए थे।

इसके बाद अन्य किसी बंदी के परिजनों ने चीफ जस्टिस को पत्र लिख नियम विरुद्ध तरीके से अनिल सिंह को चक्कर नंबरदार बनाने की शिकायत की थी। साथ ही अनिल सिंह के द्वारा जेल में नशे के समान की सप्लाई और बिक्री की शिकायत की थी। शिकायत में उल्लेख था कि गांजे की एक पुड़िया 500 रुपए, बीडी 200 रुपए, तंबाकू 100 रुपए में बेची जा रही है। ऐसे ही प्रतिबंधित नशीली दवा नाइट्रा की एक टेबलेट 100 रुपए की बेची जा रही है। कैदियों से पैसों की मांग भी अनिल सिंह के द्वारा की जाती थी। नहीं देने पर बैरक बदलने और प्रताड़ित करने के आरोप लगाए गए थे।

शिकायत में बताया गया कि अनिल सिंह अपने कवर्धा में रहने वाले भाई के बैंक अकाउंट पर फोन पे में बंदियों के परिजनों से पैसे ट्रांसफर करवाता है। जेल में घटिया क्वालिटी का खाना परोसा जाता है। एक ही ठेकेदार के द्वारा जेल में सप्लाई की जाती है। ठेकेदार के द्वारा जेल अपने हिसाब से चलवाने की धौंस दी जाती है और बोला जाता है कि वह ऊपर तक की जेल के अधिकारियों की सेवा करता है। अच्छा खाना खिलाने के लिए प्रतिमाह बंदियों से वसूले जाते है। पैसे नहीं देने पर गुणवत्ताहीन भोजन दिया जाता है।

मीडिया में खबर प्रकाशित होने के बाद कलेक्टर अवनीश शरण और एसपी रजनेश सिंह ने जेल का औचक निरीक्षण किया था। जेल का निरीक्षण और बंदियों के सामानों की जांच के बाद कलेक्टर–एसपी ने कुछ भी संदिग्ध नहीं पाने और जेल की व्यवस्था पर संतुष्टि जताई थी। अब चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की बेंच ने जेल की शिकायतों पर संज्ञान लिया है। अदालत ने जेल डीजी को नोटिस जारी कर पांच नवंबर तक शपथ पत्र में जवाब मांगा है।

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