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Bilaspur High Court News: छेड़छाड़ के आरोपी व्याख्याता को भुगतनी पड़ेगी पांच साल की सजा, ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट ने रखा बरकरार

Bilaspur High Court News: अपने ही स्कूल की 13 वर्षीय अनुसूचित जाति वर्ग की छात्रा से छेड़छाड़ के मामले में ट्रायल कोर्ट ने आरोपी व्याख्याता को पांच वर्ष कैद और दो हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी। आरोपी व्याख्याता ने हाई कोर्ट में अपील प्रस्तुत की थी। व्याख्याता की अपील खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है।

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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court News: बिलासपुर। हाई स्कूल के व्याख्याता ने वर्ष 2022 में अपने ही स्कूल की अनुसूचित जाति वर्ग की 13 वर्ष की छात्रा से छेड़छाड़ कर उसकी गरिमा को ठेस पहुंचाई थी। मामले में ट्रायल कोर्ट ने आरोपी व्याख्याता को 5 वर्ष कैद और 2 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई थी। ट्रायल कोर्ट के आदेश पर आरोपी व्याख्याता सेंट्रल जेल में सजा काट रहा है। सजा के खिलाफ आरोपी व्याख्याता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाई कोर्ट में अपील प्रस्तुत की थी। हाई कोर्ट के सिंगल बेंच ने व्याख्याता की अपील को खारिज कर सजा बरकरार रखने का निर्देश दिया है। मामले की सुनवाई जस्टिस संजय के अग्रवाल के सिंगल बेंच में हुई।

मुंगेली जिले के निवासी अमित सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका प्रस्तुत की थी। अमित सिंह शासकीय व्याख्याता के पद पर कार्यरत था। 25 अगस्त 2022 को स्कूल की ही अनुसूचित जाति वर्ग की 13 वर्षीया की छात्रा की मां ने थाने में शिक्षक अमित सिंह के खिलाफ छेड़छाड़ करने का रिपोर्ट दर्ज करवाया था। रिपोर्ट पर पुलिस ने छेड़छाड़ की धारा 354,यौन अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 10 और अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 की धारा 3(1) के तहत अपराध दर्ज कर न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया था।

ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपी व्याख्याता अमित सिंह के अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया था कि घटना तिथि 25 अगस्त 2022 को वह स्कूल में नहीं था। बल्कि आकस्मिक अवकाश में था। अवकाश में स्कूल की उपस्थिति रजिस्ट्री की प्रति सूचना के अधिकार के तहत शिक्षक ने प्राप्त की थी। ट्रायल कोर्ट ने इसे विधिवत रूप से प्राप्त नहीं करने और सिर्फ स्कूल के प्राचार्य का हस्ताक्षर इस दस्तावेज में होने के चलते इसे साक्ष्य के रूप में स्वीकार नहीं किया था। इसके अलावा एफआईआर तिथि और घटना तिथि के अलावा भी व्याख्याता ने छात्रा से छेड़छाड़ किया था। जिसके आधार पर ट्रायल कोर्ट ने आरोपी व्याख्याता अमित सिंह को 5 वर्ष कारावास और 2 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी।

सजा के खिलाफ व्याख्याता ने हाई कोर्ट में अपील प्रस्तुत की थी। जस्टिस संजय के अग्रवाल के सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। राज्य शासन और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता का तर्क सुनने के बाद अदालत ने कहा कि अपीलकर्ता व्याख्याता ने 25 अगस्त 2022 को पीड़िता की गरिमा को ठेस पहुंचाई है। इस दिन के अलावा भी अन्य दिनों में व्याख्याता द्वारा छात्रा से छेड़छाड़ की गई है। पीड़िता और उसकी मां के बयानों एवं अन्य साक्ष्यों से स्पष्ट है कि उनके बयानों पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है। अपीलकर्ता ने बचाव के लिए केवल यह साक्ष्य प्रस्तुत किया है कि वह घटना तिथि 25 अगस्त 2022 को आकस्मिक अवकाश पर था। यह साक्ष्य भी कानूनन प्रस्तुत नहीं किया गया है। इस टिप्पणी के साथ हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए अपील खारिज कर दी है।

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