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Bilaspur High Court News: छत्तीसगढ़ में 20 हजार मौत के कुएं: वन्य प्राणियों पर मंडरा रहा खतरा, वन अफसरों ने हाई कोर्ट को दी जानकारी

Bilaspur High Court News: छत्तीसगढ़ में तकरीबन 20 हजार मौत के कुएं हैं। ये कुएं या तो सूखे हैं या फिर पानी भरा हुआ है। दोनों ही स्थितियों में यह वन्य प्राणियों के लिए खतरनाक है। पीआईएल की सुनवाई के दौरान वन विभाग ने हाई कोर्ट को छत्तीसगढ़ में 20 कुएं की जानकारी दी, जो पूरी तरह ओपन है। इसे ढंकने या फिर कवर्ड करने के संबंध में सरकार की तरफ से किसी योजना की जानकारी नहीं दे पाए। हाई कोर्ट ने वन विभाग के सचिव को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ जानकारी पेश करने का निर्देश दिया है।

Bilaspur High Court News: छत्तीसगढ़ में 20 हजार मौत के कुएं: वन्य प्राणियों पर मंडरा रहा खतरा, वन अफसरों ने हाई कोर्ट को दी जानकारी
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court News: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में तकरीबन 20 हजार मौत के कुएं हैं। ये कुएं या तो सूखे हैं या फिर पानी भरा हुआ है। दोनों ही स्थितियों में यह वन्य प्राणियों के लिए खतरनाक है। पीआईएल की सुनवाई के दौरान वन विभाग ने हाई कोर्ट को छत्तीसगढ़ में 20 कुएं की जानकारी दी, जो पूरी तरह ओपन है। इसे ढंकने या फिर कवर्ड करने के संबंध में सरकार की तरफ से किसी योजना की जानकारी नहीं दे पाए। हाई कोर्ट ने वन विभाग के सचिव को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ जानकारी पेश करने का निर्देश दिया है।

हाल के दो महीने के भीतर दो बड़ी घटनाएं छत्तीसगढ़ में घटी है। पहली घटना रायगढ़ जिले की है जहां तालाब में हाथी का शावक फंस गया था। जिसे कई घंटे की मशक्कत के बाद वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकालने के बाद जंगल में छोड़ दिया था। दूसरी घटना बलौदाबाजार भाटापारा जिले के बारनवापरा वन क्षेत्र का है। गहरे कुएं में चार हाथी गिर गए थे। आठ घंटे की मशक्कत के बाद वन विभाग की टीम ने बाहर निकाला था। मीडिया रिपोर्ट को हाई कोर्ट ने संज्ञान में लेते हुए पीआईएल के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है। दोनों मामलों की सुनवाई चल रही है।

हाल के दिनों में बलौदाबाजार जिले में बीते सप्ताह बारनवापारा वन क्षेत्र के ग्राम हरदी में किसान के खेत में बने गहरे कुएं में चार हाथी गिर गए। सुबह खेतों की ओर जा रहे किसानों ने जब हाथियों की जोरदार चिंघाड़ सुनी, तो वे मौके पर पहुंचे और देखा कि चारों हाथी कुएं में फंसे हुए हैं। इसके बाद तुरंत वन विभाग को सूचना दी गई। विभाग की टीम जेसीबी मशीनों और स्थानीय साधनों के साथ मौके पर पहुंची और कुएं के किनारे मिट्टी काटकर रास्ता बनाते हुए वन विभाग की टीम ने 8 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सभी हाथियों एक-एक कर बाहर निकाला गया। रेस्क्यू टीम ने सबसे पहले शावक और दो वयस्क हाथियों को बाहर निकाला। इसके बाद कुएं में फंसे बाकी दो बाकी दो हाथियों को भी सुरक्षित निकालने में सफलता मिली। इस आशय की खबर मीडिया में प्रकाशित हुई थी। मीडिया रिपोर्ट को स्वत: संज्ञान में लेते हुए हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने जनहित याचिका के रूप में रजिस्टर्ड करने का निर्देश रजिस्ट्रार जनरल को दिया था।

सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच के सामने हस्तक्षेपकर्ता ने बताया कि बलौदाबाजार जिले के बारनवापारा अभयारण्य के ग्राम हरदी में तीन हाथी और एक शावक खुले सूखे कुएं में गिर गए थे, जिन्हें जेसीबी की मदद से बाहर निकाला गया। शासन द्वारा पेश शपथपत्र में बताया गया, प्रदेशभर में ऐसे करीब 20 हजार खुले सूखे कुएं मौजूद हैं, लेकिन इन्हें बंद करने या कवर करने के उपाय स्पष्ट नहीं बताए गए। इस पर हाईकोर्ट ने शासन से पूछा कि, इस प्रकार की घटनाएं कैसे हो रहीं हैं। वन्यजीवों की सुरक्षा करना भी वन विभाग की जवाबदारी है। हाईकोर्ट ने वन सचिव से इस बारे में शपथपत्र पर विस्तृत जवाब देने को कहा है। इसमें बताना होगा कि, इस प्रकार के कुओं को ढंकने के लिए विभाग क्या क्या कदम उठा रहा है। जनहित याचिका की अगली सुनवाई के लिए डिवीजन बेंच ने 15 दिसंबर की तिथि तय कर दी है।

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