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Bilaspur High Court News: बिलासपुर एयरपोर्ट के विकास के लिए राज्य सरकार से मांगा150 करोड़ रुपये, चीफ सेक्रेटरी ने हाई कोर्ट को दी जानकारी

Bilaspur High Court News: बिलासपुर एयरपोर्ट के विकास के लिए सिविल एविएशन विभाग ने राज्य सरकार ने अनुपूरक बजट में 150 करोड़ की मांग की है। चीफ सिकरेट्री विकासशील ने शपथ में डिवीजन बेंच को जानकारी दी है। चीफ सिकरेट्री ने कोर्ट को यह भी बताया कि तीन महीने के भीतर बिलासपुर एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग की सुविधा प्रारंभ कर दी जाएगी।

Bilaspur High Court News: बिलासपुर एयरपोर्ट के विकास के लिए राज्य सरकार से मांगा150 करोड़ रुपये, चीफ सेक्रेटरी ने हाई कोर्ट को दी जानकारी
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court News: बिलासपुर। बिलासपुर हाई कोर्ट में जनहित याचिकाओं पर हो रहीलगातार सुनवाई का सार्थक परिणाम निकलते दिखाई दे रहा है। हवाई सुविधा के विस्तार और एयरपोर्ट के अपग्रेडेशन को लेकर दायर याचिकाओं पर आज डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। चीफ सिकरेट्री विकासशील की ओर से दायर शपथ पत्र में जानकारी देते हुए बताया है कि सिविलए एविएशन विभाग इस वर्ष अनुपूरक बजट में बिलासपुर एयरपोर्ट में सुविधा विस्तार के लिए राज्य सरकार से 150 करोड़ रुपये की बजट प्रस्ताव रखते हुए फंडिंग की मांग करेगा।चीफ सिकरेट्री ने डिवीजन बेंच को बताया कि तीन महीने के भीतर बिलासपुर एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग सुविधा प्रारंभ कर दी जाएगी। इस संबंध में राज्य सरकार एयरपोर्ट अथारिटी से लगातार संपर्क बनाए हुए है। एयरपोर्ट पर यात्रियों के लिए बुनियादी सुविधाओं में कमी के बारे में अपना पक्ष रखते हुए चीफ सिकरेट्री ने बताया है कि टर्मिनल भवन के अंदर सभी सुविधाएं प्रदान की जा रही है। बंद पड़ी कैंटीन भी शीघ्र शुरू होने की संभावना है। इसके साथ ही टर्मिनल भवन के बाहर बहुप्रतीक्षित कैंटीन और टॉयलेट और सिटिंग एरिया आदि का निर्माण प्रारंभ कर दिया गया है जिसके दो माह में पूरा होने की संभावना है। बिलासपुर एयरपोर्ट के रनवे पर री कैपिटिंग करने का पैसा भी मंजूर कर दिया गया है।

एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के द्वारा दाखिल शपथ पत्र में नाइट लैंडिंग के संबंध में सभी प्रकार के टेस्ट पूरे हो जाने की जानकारी दी है। यह भी बताया कि सारे रिकॉर्ड मुख्यालय में प्रस्तुत कर दिया गया है। अब मुख्यालय से इन रिकॉर्ड के आधार पर एयरपोर्ट प्रबंधन नाइट लैंडिंग के लिए आवश्यक लाइसेंस का आवेदन केंद्र सरकार को कर सकेगा।

आज की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से उपस्थित अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बी डी गुरु की खंडपीठ को बताया की टर्मिनल भवन में अराइवल हाल और डिपार्चर हाल में यात्रियों के लिए जगह कम है। एक नए टर्मिनल भवन की अत्यंत आवश्यकता है। राज्य सरकार की ओर से उपस्थित अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने कहा कि एक बार बजट मंजूर हो जाने के बाद सभी आवश्यक कार्य कराए जाएंगे। खंडपीठ के द्वारा आज शपथ पत्र के माध्यम से दी गई जानकारी पर संतुष्टि जाहिर करते हुए जनहित याचिका की अगली सुनवाई 16 जनवरी 2026 को तय कर दी है और उम्मीद जाहिर की है, इस वक्त तक भूमि हस्तांतरण आदि का प्रकरण भी पूरा कर लिया जाएगा।

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